मिशन 2019: बिहार में चुनावी अभियान को धार देंगे युवा कांग्रेस, जानें क्या है रणनीति

1990 में बिहार की सत्ता हाथ से जाने के बाद से कांग्रेस मजबूत स्थिति में नहीं आ पाई। पर तीन दशकों के बाद अब पार्टी बेहतर स्थिति में दिख रही है। ऐसे में युवा ने कमर कस ली है।

By Rajesh ThakurEdited By: Publish:Wed, 27 Feb 2019 06:58 PM (IST) Updated:Wed, 27 Feb 2019 08:11 PM (IST)
मिशन 2019: बिहार में चुनावी अभियान को धार देंगे युवा कांग्रेस, जानें क्या है रणनीति
मिशन 2019: बिहार में चुनावी अभियान को धार देंगे युवा कांग्रेस, जानें क्या है रणनीति

पटना [एसए शाद]। 1990 में बिहार की सत्ता हाथ से जाने के बाद से अब तक कांग्रेस यहां मजबूत स्थिति में नहीं आ पाई है। पिछले तीन दशकों में यह पहला मौका होगा, जब पार्टी बेहतर स्थिति में नजर आने लगी है। पिछले दिनों गांधी मैदान में हुई राहुल गांधी की रैली ने पार्टी में नई जान फूंकी है। पार्टी की युवा इकाई भी पिछले 29 सालों में बहुत सक्रिय नहीं दिखी। प्रदेश युवा कांग्रेस विवादों में ही रही। मगर स्थिति अचानक बदली है। 

सोच से सोच की लड़ाई

युवा कांग्रेस के प्रदेश में मौजूद तीन लाख सदस्य सक्रिय हो विभिन्न कार्यक्रमों में भाग लेने लगे हैं। ‘सोच से सोच की लड़ाई’ से लेकर ‘चलो पंचायत की ओर’ जैसे कार्यक्रम आरंभ हुए हैं। बता दें कि छात्रों के बीच कांग्रेस की विचारधारा को प्रचारित करने और भाजपा पर सीधा प्रहार करने के उद्देश्य से युवा कांग्रेस ने प्रदेश के शिक्षण संस्थानों में ‘सोच से सोच की लड़ाई’ नाम के कार्यक्रम की शुरुआत पिछले माह पटना के कॉलेज आॅफ काॅमर्स से की है। अगला कार्यक्रम सारण में होना है।

बीच में संकट भी आया

दरअसल छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में राहुल गांधी ने चंदन यादव को कांग्रेस का प्रभारी बनाया। पार्टी ने वहां सरकार बनाई। मगर, चंदन यादव कुछ सालों पूर्व जब बिहार में युवा कांग्रेस के अध्यक्ष बनाए गए थे, तो उनकी उम्र को लेकर विवाद हुआ। सदाकत आश्रम से उन्हें पद्भार ग्रहण किए बिना ही लौटना पड़ा। उससे पहले कुमार आशीष युवा कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष पद पर बने हुए थे। कुमार आशीष भी विवादों में रहे और हाल में उन्हें पुराने मामलों के कारण ही एआइसीसी के सचिव पद से हटाया गया।

सक्रिय हैं तीन लाख सदस्य

युवा कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष का पद पिछले वर्ष हुए संगठन चुनाव में सामने आए विवाद के कारण अभी भी रिक्त है। ऐसे विवादों के बावजूद संगठन चुनाव से ठीक पहले बने युवा कांग्रेस के तीन लाख सदस्य अभी विभिन्न कार्यक्रमों में सक्रिय हैं। तीन उपाध्यक्ष सहित अन्य पदाधिकारियों की भी भागीदारी दिख रही है।

नालंदा में भी रखी गयी है सभा

युवा कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष मंजीत आनंद साहू बताते हैं कि युवा मतदाताओं के बीच कांग्रेस की पहुंच बढ़ाने के लिए सोशल मीडिया पर हमारा पूरा ध्यान है। सभी विधान सभा क्षेत्रों में संगठन की ओर से सोशल मीडिया समन्वयक नियुक्त किए जाएंगे। दो दिन पूर्व जिला समन्वयकों की बैठक में यह फैसला लिया गया है।इसी तरह ‘चलो पंचायत की ओर’ कार्यक्रम के तहत 23 फरवरी को समस्तीपुर और 27 फरवरी को नालंदा के हरनौत में सभा होगी। 

तैयार किया जा रहा है डाटाबेस

इसके तहत पंचायतों में जाकर पार्टी की युवा विंग महिलाओं, युवाओं, किसानों और मजदूरों के साथ बैठकें करेगी। युवा कांग्रेस के सदस्य अभी राहुल गांधी के ‘शक्ति प्रोजेक्ट’ को लेकर भी उत्साहित हैं। जो टेलीफोन नंबर उन्हें मिले हैं, उस पर वह सीधा राहुल गांधी को जमीनी स्थिति के संबंध में जानकारी दे रहे हैं। युवा कांग्रेस के अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए पिछले वर्ष 13 मई से 30 जून तक सदस्यता अभियान चला, जिसमें सदस्यों की संख्या करीब तीन लाख रिकॉर्ड की गई थी। इनसे बेहतर ढंग से संपर्क बनाने के लिए पार्टी इनके मोबाइल नंबर और वोटर आइडी नंबर का डाटाबेस भी तैयार कर रही है।

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