आइड‍िया भेजकर जीत सकते हैं 25 लाख, बिहार के इन लोगाें के लिए 13 जनवरी तक का है अवसर

स्वच्छता के क्षेत्र में तकनीक और नए आइडिया को बढ़ावा देने के लिए देश भर के शहरी निकायों के बीच शुरू हुई स्वच्छ तकनीक चैलेंज की समय-सीमा बढ़ा दी गई है। अब इच्छुक स्टार्टअप कंपनियां या शैक्षणिक संस्थान 13 जनवरी तक अपने आइडिया स्थानीय निकायों को भेज सकते हैं।

By Vyas ChandraEdited By: Publish:Mon, 10 Jan 2022 02:11 PM (IST) Updated:Mon, 10 Jan 2022 02:11 PM (IST)
आइड‍िया भेजकर जीत सकते हैं 25 लाख, बिहार के इन लोगाें के लिए 13 जनवरी तक का है अवसर
स्‍वच्‍छ तकनीकी चैलेंज में शामिल होने के लिए बढ़ी समय सीमा। सांकेतिक तस्‍वीर

पटना, राज्य ब्यूरो। स्वच्छता के क्षेत्र में तकनीक और नए आइडिया को बढ़ावा देने के लिए देश भर के शहरी निकायों के बीच शुरू हुई स्वच्छ तकनीक चैलेंज की समय-सीमा बढ़ा दी गई है। अब इच्छुक स्टार्टअप कंपनियां या शैक्षणिक संस्थान 13 जनवरी तक अपने आइडिया स्थानीय निकायों को भेज सकते हैं। इसकी समय-सीमा छह जनवरी को ही समाप्त हो गई थी जिसे कोरोना को देखते हुए बढ़ा दिया गया है। शहरी निकायों को भी अतिरिक्त समय दिया गया है। अब निकायों में गठित ज्यूरी टीम 20 जनवरी तक हर निकाय से अधिकतम दो-दो एंट्री का चयन कर उसको 21 जनवरी तक स्वच्छता प्लेटफार्म पर अपलोड करेगी। इसके बाद राज्यस्तर पर सर्वश्रेष्ठ पांच एंट्री को चुनकर उन्हें पुरस्कृत किया जाएगा। साथ ही राज्यस्तर पर स्वच्छता के बेहतर तकनीक व आइडिया देने वाली प्रथम तीन एंट्री को राष्ट्रीय स्तर पर होने वाली प्रतियोगिता के लिए भेजा जाएगा।

सर्वश्रेष्ठ 10 आइडिया को मिलेंगे 25 लाख 

राज्यों से भेजे जाने वाले आइडिया का राष्ट्रीय स्तर पर चुनाव होगा। अंतिम रूप से चयनित 10 बेहतर आइडिया को 25-25 लाख रुपये की सीड फंडिंग के साथ ही फ्रेंच टेक से एक साल का इंक्यूबेशन सपोर्ट मिलेगा। इसके अलावा राज्य स्तर पर चुनी जाने वाली सर्वश्रेष्ठ पांच इंट्री को भी स्वच्छ भारत मिशन के तहत आर्थिक सहयोग मिलेगा। इसके तहत पहले पांच पुरस्कार के रूप में क्रमश: पांच लाख, ढाई लाख, डेढ़ लाख, एक लाख और 75 हजार रुपये दिए जाएंगे। 

ऐसा होना चाहिए स्वच्छता आइडिया 

सफाई कर्मियों के लिए बेहतर काम करने की स्थिति बनाना। कम खर्च में बेहतर अपशिष्ट संग्रह और प्रबंधन।  डोर टू डोर ठोस कचरा संग्रह की निगरानी। प्रसंस्करण और रिसाइकिल यानी पुनर्चक्रण की व्यवस्था।  सिंगल यूज प्लास्टिक का विकल्प। बहुस्तरीय प्लास्टिक के संग्रह और उसके निपटान के लिए नवीन तरीके।  सेप्टिक टैंक और सीवर लाइन के ओवरफ्लो की जांच की डिजिटल निगरानी व समाधान। सफाई की रियल टाइम मॉनिटरिंग।
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