रक्षासूत्र : हाथ में कौन सा धागा बाधें, लाल या फिर काला कौन सा रहेगा सही, जानें यहा

यदि आप हाथ की कलाई पर ग्रह और दिन के हिसाब से रक्षा सूत्र बांधते है। इसके फायदे आपको ज्यादा देखने को मिलेंगे।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 07 Jul 2018 05:39 PM (IST) Updated:Sat, 07 Jul 2018 05:39 PM (IST)
रक्षासूत्र : हाथ में कौन सा धागा बाधें, लाल या फिर काला कौन सा रहेगा सही, जानें यहा
रक्षासूत्र : हाथ में कौन सा धागा बाधें, लाल या फिर काला कौन सा रहेगा सही, जानें यहा

पटना [जेएनएन]। अक्सर यह देखा जाता है कि लोग अपनी हाथों की कलाई पर काला धागा या फिर लाल धागा बांधते है। हाथ में रंग-बिरंगे धागे बाधने का एक फैशन भी है। मंदिरों में यह धागे बाधे जाते हैं। लेकिन कम ही लोग जानते हैं कि यह धागे भी हमारे लिए सकारात्मक ऊर्जा का निर्माण भी करते हैं। हाथ में धागा अगर अपनी परेशानी या इष्ट देवता के हिसाब से किया जाए तो इसके काफी अच्छे परिणाम देखने को मिल सकते हैं। लेकिन यह धागा ऐसे ही नहीं बाधा जाता है। इसे रक्षासूत्र कहते हैं। इसके बाधने का भी तरीका निश्चित है।

ज्योतिष शास्त्र में रक्षासूत्र का काफी महत्व माना गया है। किसी भी पूजा के पहले पंडित भी पूजा करवाने वाले के हाथ पर रक्षासूत्र बाधते है जो विशेष मंत्रों के साथ होता है। इसलिए अगर हाथ पर धागा बाध रहे हैं तो उसको पूरी विधि-विधान के साथ बाधे। हर भगवान और ग्रह के हिसाब से अलग-अलग रंग और धागे का रक्षासूत्र बाधने का विधान कहा गया है। रक्षा सूत्र कैसे और किस ग्रह में कौन सा रंग का धागा फलदायी होगा इसके बारे राजधानी पटना के ज्योतिषाचार्य पप्पू पांडेय ने विस्तार से बताया है।

किस ग्रह और देवता के लिए कौन सा रक्षासूत्र

शनि की कृपा के लिए नीले रंग का सूती धागा बाधना चाहिए। बुध के लिए हरे रंग का सॉफ्ट धागा बाधना चाहिए। गुरु के लिए हाथ में पीले रंग का रेशमी धागा बाधना चाहिए। शुक्र या लक्ष्मी की कृपा के लिए सफेद रेशमी धागा बाधना चाहिए। शिव की कृपा या चंद्र के अच्छे प्रभाव के लिए भी सफेद धागा बाधना चाहिए। राहु-केतु और भैरव की कृपा के लिए काले रंग का धागा बाधना चाहिए। भगवान हनुमान या मंगल ग्रह की कृपा के लिए लाल रंग का धागा हाथ में बाधना चाहिए।

कैसे बाधा जाए धागा

जिस भी देवता या ग्रह के शुभफल के लिए धागा बाधना है। उसके लिए उसी वार को मंदिर जाएं। चाहे तो धागा पहले से खरीद कर रख लें। मंदिर में पूजा करें, प्रसाद चढ़ाएं, फिर उस धागे को थोड़ी देर के लिए भगवान की प्रतिमा के पैरों में रख दें। इस तरह रखें कि धागा प्रतिमा से छू जाए। फिर मंदिर में पंडित से ही उस धागे को अपने सीधे हाथ में बंधवाएं। इसके लिए 11 या 21 रुपए पंडित को दक्षिणा भी दें। इस तरह बाधा गया धागा आपको काफी लाभ देगा।

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