वेंकैया ने दिया 'दिल्ली में मोदी- बिहार में मोदी' का नारा

भारतीय जनता पार्टी इस साल होने वाला विधानसभा चुनाव भले ही नेता घोषित करके न लड़े, लेकिन केंद्रीय संसदीय और शहरी विकास मंत्री मंत्री वेंकैया नायडू ने शुक्रवार को 'दिल्ली में मोदी- बिहार में मोदी' का नारा दिया।

By pradeep Kumar TiwariEdited By: Publish:Fri, 27 Mar 2015 07:42 PM (IST) Updated:Fri, 27 Mar 2015 07:45 PM (IST)
वेंकैया ने दिया 'दिल्ली में मोदी- बिहार में मोदी' का नारा

पटना। भारतीय जनता पार्टी इस साल होने वाला विधानसभा चुनाव भले ही नेता घोषित करके न लड़े, लेकिन केंद्रीय संसदीय और शहरी विकास मंत्री मंत्री वेंकैया नायडू ने शुक्रवार को 'दिल्ली में मोदी- बिहार में मोदी' का नारा देकर साफ कर दिया कि पार्टी बिहार में सुशील कुमार मोदी को आगे करके ही चुनाव मैदान में उतरेगी।

पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी के संसदीय जीवन के पच्चीस साल पूरे होने पर आयोजित अभिनंदन समारोह में भाग लेने विशेष विमान से पहुंचे नायडू ने कहा कि पार्टी अध्यक्ष अमित शाह का शुभकामना संदेश साथ लेकर आया हूं। लगातार पच्चीस साल तक डेडिकेशन के साथ बेदाग रहकर राजनीति करने वाले का नाम है सुशील मोदी। पार्टी की नीतियों, कार्यक्रमों और सिद्धांतों के आधार पर लोकसभा से लेकर लोकल सभा तक लगातार संघर्ष करने वाला व्यक्ति का नाम है सुशील मोदी। नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में जिस तेजी से देश में सरकार चल रही है, बिहार में भी उसी तरह की सरकार चाहिए। उन्होंने कहा कि पॉलिटिक्स का रोल मॉडल सुशील मोदी ही बिहार में ऐसी सरकार दे सकते हैं।

भूमि अधिग्रहण कानून पर हंगामा कर रही कांग्रेस और विपक्षी पार्टियों पर प्रहार करते हुए वेंकैया ने कहा कि जनता से रिजेक्ट कर दिए जाने के बावजूद कांग्रेस पार्टी हार स्वीकारने को तैयार नहीं है। सरकार किसी उद्योगपति के लिए जमीन का अधिग्रहण करने नहीं जा रही है। उन्होंने कहा कि अंबानी और अडानी कांग्रेस के जमाने में बड़े हुए। भूमि का अधिग्रहण होगा भी तो रेल और राजमार्गों के विकास और सिंचाई के साधन उपलब्ध कराने जैसे बड़े-बड़े सार्वजनिक कामों के लिए। इसमें भी कुल उपलब्ध जमीन का 0.05 प्रतिशत से भी कम का अधिग्रहण होगा, जबकि लाभ देश की 90 फीसद आबादी को पहुंचेगा। कहा कि नरेंद्र मोदी की सरकार गरीबों के लिए काम कर रही है। अधिकांश योजनाएं गरीबों का जीवन स्तर उठाने के लिए ही शुरू की जा रही हैं। कहा कि इसी एक अप्रैल को 30 हजार करोड़ की पूंजी से एक अलग मुद्रा बैंक की स्थापना होने जा रही है, जो केवल रिक्शा, ठेला चलाने वालों और खोमचा वालों की जरूरतों को पूरा करने वाला बैंक होगा।

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