ये दोस्ती हम नहीं तोड़ेंगे...उड़ी हमले में शहीद हुए दो दोस्तों की कहानी

एक साथ सेना ज्वाइन किया। एक साथ आतंकी हमले में गोली लगी लेकिन फर्क बस इतना था कि एक कुछ दिन पहले चला गया एक कुछ दिनों बाद गया। दोनों की दोस्ती की चर्चा हो रही है।

By Kajal KumariEdited By: Publish:Sat, 01 Oct 2016 01:59 PM (IST) Updated:Sun, 02 Oct 2016 07:41 PM (IST)
ये दोस्ती हम नहीं तोड़ेंगे...उड़ी हमले में शहीद हुए दो दोस्तों की कहानी
ये दोस्ती हम नहीं तोड़ेंगे...उड़ी हमले में शहीद हुए दो दोस्तों की कहानी

पटना [वेब डेस्क]। कश्मीर के उड़ी हमले में शहीद हुए अशोक सिंह और आरा के पीपरपांती गांव के रहने वाले शहीद राजकिशोर सिंह की दोस्ती मिसाल है। वे दोनों पक्के दोस्त थे। दोस्ती ऐसी थी कि उसे पूरा देश याद रखेगा। दोनों एक साथ छुट्टी पर आए थे। एक साथ ही गए और देश की रक्षा के लिए दोनों शहीद हो गए।

बिहार रेजिमेंट के शहीद जवान राजकिशोर सिंह और शहीद अशोक सिंह दोस्त थे। सेना में जाने के बाद दोनों में दोस्ती हुई थी। दोनों साथ-साथ लंबे समय तक पोस्टिंग में भी रहे थे। जुलाई 2016 में राजकिशोर सिंह अशोक सिंह एकसाथ एक महीने की छुट्टी पर अपने घर आए थे। 30 जुलाई को दोनों दोस्त एकसाथ आरा से ट्रेन पकड़कर जम्मू-कश्मीर के लिए गए थे।
एक ही दिन दोनों को लगी थी गोली
दोनों उड़ी सेक्टर में कार्यरत थे। 18 सितंबर को जब आतंकवादियों का हमला हुआ था। तब दोनों को एकसाथ गोली लगी थी। अंतर सिर्फ इतना हुआ कि घटना के दिन ही अशोक सिंह शहीद हो गए थे। गोली से घायल राजकिशोर सिंह भी जिंदगी और मौत से जूझते हुए गुरुवार को वीरगति को प्राप्त हो गए।
इनकी दोस्ती की हो रही चर्चा
शुक्रवार को विजय नगर स्थित आवास पर दोनों दोस्तों की शहादत की कहानी हर किसी के जुबां पर थी। चाचा श्रीनिवास सिंह ने बताया कि 30 जुलाई को रकूट टोला निवासी अशोक सिंह आरा आए थे। यहां से दोनों दोस्त बार्डर पर जाने के लिए घर से निकले थे। शहीद अशोक सिंह की पत्नी संगीता ने ही उन्हें फोन कर राजकिशोर सिंह के गोली लगने की सूचना दी थी।
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