पटना में पुलिस थाने पर हमला, शराब तस्‍करी के आरोपित की पुलिस हिरासत में मौत के बाद फूटा गुस्‍सा

Uproar in Patna after death in Police Custody बिहार की राजधानी पटना में शराब तस्‍करी के मामले में गिरफ्तार आरोपित की मौत के बाद हंगामा हाे रहा है। गुस्‍साए लोगों ने पुलिस थाने पर पथराव किया है और कई गाड़‍ियों के शीशे तोड़ दिए हैं।

By Shubh Narayan PathakEdited By: Publish:Sun, 10 Jan 2021 12:03 PM (IST) Updated:Sun, 10 Jan 2021 12:30 PM (IST)
पटना में पुलिस थाने पर हमला, शराब तस्‍करी के आरोपित की पुलिस हिरासत में मौत के बाद फूटा गुस्‍सा
पटना जिले के गौरीचक में सड़क जाम कर हंगामा करते लोग। जागरण

पटना, जागरण संवाददाता। Uproar in Patna after death in Police Custody: बिहार की राजधानी पटना में शराब तस्‍करी के मामले में गिरफ्तार आरोपित की मौत के बाद हंगामा हाे रहा है। गुस्‍साए लोगों ने पुलिस थाने पर पथराव किया है और कई गाड़‍ियों के शीशे तोड़ दिए हैं। हंगामा शांत कराने के लिए आधा दर्जन थानों की पुलिस को मौके पर लगाया गया है। थाने के सामने से बेकाबू भीड़ को हटाने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज तक करना पड़ा है। मामला पटना शहर से सटे गौरीचक थाने का है। हिरासत में मरने वाले शख्‍स का नाम धर्मेंद्र मांझी है। मृतक के स्‍वजनों का आरोप है कि उसकी मौत पुलिस की पिटाई के कारण हुई है।

थाने को घेरा, तोड़फोड़ में कई वाहन क्षतिग्रस्त, लाठीचार्ज

शराब मामले में गिरफ्तार धर्मेंद्र मांझी की गौरीचक थाने के हाजत में हुई मौत से आक्रोशित ग्रामीण और स्वजनों ने रविवार की सुबह थाने का घेराव किया। आधा घंटे तक घेराव के बाद ग्रामीणों थाने पर पथराव करने लगे। सड़क पर टायर जलाकर कर रास्ता रोक दिए। पुलिस के कई वाहनों को क्षतिग्रस्त कर दिया गया। स्थित बिगड़ते देख डीएसपी और आधा दर्जन थाने की पुलिस भी मौके पर पहुंच गई। भीड़ को हटाने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया। बावजूद ग्रामीण पटना-गया एनएच में जमे हैं। इससे वाहनों की लंबी कतार लगी है। डीएसपी सदर संदीप सिंह मौके पर पहुंच लोगों को समझाने में जुटे रहे। स्वजन और ग्रामीणों का आरोप है कि पुलिस की पिटाई से शनिवार को ही युवक की मौत हो गई थी। पुलिस मामले को दबाने के लिए शाम से रात तक लीपापोती करते रही।

शुक्रवार को ही हुआ था गिरफ्तार

गौरीचक थाना क्षेत्र के बड़का चिपुरा निवासी धर्मेंद्र सहित दो अन्य को पुलिस शराब मामले में शुक्रवार को गिरफ्तार कर थाने लाई थी। शनिवार को उसे जेल भेजने के लिए कोर्ट में पेशी के लिए ले जाया गया। देर होने की वजह से उसे जेल नहीं भेजा जा सका और फिर थाने में लाकर हाजत में बंद कर दिया गया। पुलिस की मानें तो हाजत में उसकी तबियत बिगड़ गई और उसे संपतचक पीएचसी ले जाया गया। जहां चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया। इधर धर्मेंद्र के स्वजनों को लगा कि पुलिस उसे शनिवार को जेल भेज दी है।

शनिवार की रात हुई मौत की जानकारी

रात करीब नौ बजे स्वजनों को ग्रामीणों के माध्यम से पता चला कि उसकी थाने में ही मौत हो गई है। स्वजन भागकर थाने पहुंचे तो उन्हें कभी एनएमसीएच तो कभी थाने का चक्कर लगवाया जा रहा था। कोई कुछ भी स्पष्ट बताने को तैयार नहीं था। बात में पता चला कि उसकी हाजत में मौत हो गई। स्वजनों का आरोप था कि हाजत में पुलिस की पिटाई से धर्मेंद्र की मौत हो गई थी। लेकिन, पुलिस इसके बारे में भी जानकारी नहीं दे रही थी।

पुलिस को पहले ही थी हंगामे की आशंका

घटना के बाद से पुलिस को आशंका थी कि सुबह ग्रामीण हंगामा कर सकते है। थाने की सुरक्षा को लेकर देर रात ही थाने में अतिरिक्त बलों की तैनाती कर दी गई थी। रविवार की सुबह नौ बजे से ही ग्रामीण थाने के आसपास जुटने लगे। दस बजते ही सैकड़ों ग्रामीण हाइवे पर जमा हो गए और रास्ता रोक दिया। कुछ जगहों पर टायर जलाकर आगजनी की गई। पुलिस जब स्वजनों को समझाने पहुंची तो थाने पर पथराव शुरू हो गया। करीब आधा दर्जन गाडिय़ां क्षतिग्रस्त हो गई। सैप के जवान भी मौके पर पहुंच गए। ग्रामीण थाना परिसर में घुसने लगे। स्थिति बिगड़ते देख पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया। दोपहर 12 बजे थाना परिसर में स्वजन, जनप्रतिनिधि और पुलिस अधिकारी आपस में बातचीत करते रहे।

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