हंगामे की भेंट चढ़ी मसौढ़ी नगर परिषद की बैठक

मसौढ़ी नगर परिषद में हंगामे के कारण बैठक स्थगित।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 25 Dec 2019 01:35 AM (IST) Updated:Wed, 25 Dec 2019 06:07 AM (IST)
हंगामे की भेंट चढ़ी मसौढ़ी नगर परिषद की बैठक
हंगामे की भेंट चढ़ी मसौढ़ी नगर परिषद की बैठक

पटना। नगर परिषद की मंगलवार को आहूत बैठक हंगामे की भेंट चढ़ गई। बाद में आठ पार्षद नगर परिषद पर गलत तरीके से सफाई का कार्य एक निजी एजेंसी को देने का आरोप लगाते हुए बैठक से बाहर निकल गए और नगर परिषद कार्यालय के मुख्य गेट पर प्रदर्शन कर जमकर नारेबाजी की। सोमवार को परिषद कार्यालय में बैठक शुरू होते ही पार्षद शशिभूषण कुमार व सोनू सहारा ने पूर्व में जमीन पर बिना मालिकाना हक के बसे पीएम आवास योजना के लाभुकों से पहली किश्त की राशि 50 हजार रुपये की वसूली के नोटिस का विरोध करते हुए इसे गरीब विरोधी करार दिया। बैठक की अध्यक्षता कर रहीं मुख्य पार्षद सुनीता सिन्हा ने इसे तत्कालीन वार्ड पार्षदों की गलती बताकर कार्यपालक पदाधिकारी का समर्थन किया। सोनू सहारा, शशिभूषण कुमार, संगीता देवी व पन्ना लाल सिंह ने कार्यपालक पदाधिकारी किशोर कुणाल से इस पर विचार करने और ऐसे मामले में अन्य नगर निकायों द्वारा लिए गए निर्णय की जानकारी लेकर इसमें नरमी बरतने का अनुरोध किया। इस दौरान सोनू सहारा व शशिभूषण कुमार और कार्यपालक पदाधिकारी के बीच नोंकझोक भी हुई। इसके बाद शशिभूषण कुमार व सोनू सहारा ने 12 वार्डो की सफाई के लिए निकाली गई निविदा को विभागीय मार्गदर्शिका के खिलाफ करार देते हुए उसे लूट की साजिश करार दिया और उसे निरस्त करने की माग की। इसे लेकर कुछ देर तक सदन में हंगामा होता रहा। अपनी बात नहीं मानने पर शशिभूषण कुमार व सोनू सहारा अन्य पार्षदों के साथ सदन से बाहर निकल गए और कार्यालय के मुख्य गेट के पास हाथों में तख्तिया लेकर प्रदर्शन करने लगे। विरोध करने वालों में अन्य पार्षदों में उर्वशी कुमार, संगीता देवी, रानी कुमारी, रामकली देवी, रेणु कुमार व उमेश चौधरी शामिल थे। हालांकि सदस्यों के विरोध के बाद बैठक समाप्त कर दी गई। बैठक की वीडियो रिकार्डिग का किया विरोध

नगर परिषद की बैठक के दौरान हो रही नोंकझोक की कुछ मीडियाकर्मियों द्वारा वीडियो रिकार्डिग करने के प्रयास पर मुख्य पार्षद सुनीता सिन्हा ने एतराज जताया और ऐसा न करने का अनुरोध किया। मुख्य पार्षद की इस मनाही पर पार्षद शशि भूषण कुमार ने इसका विरोध किया और इसे मीडिया की स्वतंत्रता के खिलाफ बताया।

chat bot
आपका साथी