सवर्ण आरक्षण पर राजद की बात: हम सभी जाति के गरीबों के साथ खड़े हैं

राजद नेता रघुवंश प्रसाद सिंह ने कहा है कि हमारी पार्टी किसी एक जाति नहीं बल्कि सभी जाति के गरीबों के साथ है। उन्होंने कहा कि गरीब सभी जाति में हैं और हम गरीबों के साथ हैं।

By Kajal KumariEdited By: Publish:Mon, 21 Jan 2019 02:59 PM (IST) Updated:Mon, 21 Jan 2019 07:41 PM (IST)
सवर्ण आरक्षण पर राजद की बात: हम सभी जाति के गरीबों के साथ खड़े हैं
सवर्ण आरक्षण पर राजद की बात: हम सभी जाति के गरीबों के साथ खड़े हैं

 पटना, जेएनएन। राजद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री रघुवंश प्रसाद सिंह की प्रसिद्धि बेबाक बोल और देसी अंदाज के लिए जानी जाती है। दस फीसदी गरीब सवर्णों को आरक्षण के मुद्दे पर उन्होंने दैनिक जागरण से विस्तृत चर्चा की। प्रस्तुत हैं मुख्य अंश...

गरीब सवर्णों को 10 फीसद आरक्षण का राजद ने विरोध क्यों किया?

-हमारी पार्टी सवर्णों का विरोधी नहीं है। लालू प्रसाद गरीबों के साथ खड़े हैं। गरीब सभी जाति में हैं। हम सबके साथ हैं। राजद ने गरीब सवर्णों के आरक्षण का विरोध नहीं किया, बल्कि लागू करने के तरीके का विरोध किया है। आखिर लोकसभा चुनाव के पहले ही इसे क्यों लाया गया। पांच साल तक कहां थे? भाजपा क्यों नहीं बताती कि अभी ही क्यों लाया गया? 

...लेकिन मनोज झा ने तो संसद में झुनझुना दिखाकर विरोध जताया था? 

वह तात्कालिक प्रतिक्रिया हो सकती है। बिना तैयारी चुनावी फायदे के लिए लागू करने के कारण झल्लाहट भी कह सकते हैं। बाद में विचार हुआ और माना कि राजद गरीबों का विरोधी नहीं, बल्कि उसकी समस्याओं के साथ खड़ा है। 

राजद क्या चाहता है? 

संविधान में 124वें संशोधन के बाद पहले से तय आरक्षण की 50 फीसद की सीमा खत्म हो गई है। राजद आबादी के मुताबिक भागीदारी चाहता है। हमारा नारा है, जिसकी जितनी हिस्सेदारी, उसकी उतनी भागीदारी। हमारी पार्टी पहले से ही इसके लिए आंदोलनरत है। आगे भी जारी रहेगा। सवर्ण आरक्षण का मानक गलत है। ढाई लाख रुपये से कम आय वालों को ही इसका फायदा मिलना चाहिए। 

राजद के सवर्ण प्रत्याशियों को चुनाव में यह मुद्दा कितना नुकसान पहुंचाएगा? 

-कुछ नुकसान नहीं होगा। सबको पता है कि केंद्र सरकार की नीयत ठीक नहीं है। आठ लाख कमाने वाले और पांच एकड़ जमीन वाले गरीब नहीं होते हैं। राजद खुद गरीब सवर्णों को 10 फीसद आरक्षण का पक्षधर है। 2010 और 2014 के चुनावी घोषणा पत्रों में हमारा वादा था। हम सरकार में आते तो इसे जरूर लागू करते। गरीब चाहे किसी भी जाति के हों, राजद उसके साथ खड़ा है। 

बिहार की राजनीति पर इसका क्या असर पड़ेगा? 

-हर गलत-सही फैसले का असर होता है। इसका भी होगा। राजग को नुकसान होगा और महागठबंधन को फायदा। गरीब सवर्ण भी समझ रहे हैं कि यह नरेंद्र मोदी का एक और जुमला है। जैसे विदेशों से कालाधन लाने और प्रत्येक साल दो करोड़ नौकरियां देने का वादा था। चुनाव हो जाएगा। वोट पड़ जाएंगे। फिर मुद्दे भुला दिए जाएंगे। कोई न कोई अड़ंगा लगा दिया जाएगा। 

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