उपेंद्र कुशवाहा का बड़ा बयान- कोलेजियम सिस्टम लोकतंत्र के लिए सही नहीं

उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि जज खुद ही अपना उत्‍तराधिकारी चुन लेते हैं। यह लोकतंत्र के लिए ठीक नहीं है। राष्ट्रपति भी न्यायालय की स्थिति पर चिंता व्यक्त कर चुके हैं।

By Ravi RanjanEdited By: Publish:Sun, 13 May 2018 07:44 PM (IST) Updated:Sun, 13 May 2018 08:03 PM (IST)
उपेंद्र कुशवाहा का बड़ा बयान- कोलेजियम सिस्टम लोकतंत्र के लिए सही नहीं
उपेंद्र कुशवाहा का बड़ा बयान- कोलेजियम सिस्टम लोकतंत्र के लिए सही नहीं

पटना [राज्य ब्यूरो]। राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष सह केन्द्रीय राज्य मंत्री उपेन्द्र कुशवाहा ने उच्चतम एवं उच्च न्यायालय में जजों की नियुक्ति की प्रक्रिया  पर सवाल उठाया। उन्होंने रविवार को पत्रकारों से कहा कि कोलेजियम सिस्टम के कारण अनुसूचित जाति, जनजाति, पिछड़ी और ऊंची जाति का गरीब छात्र जज नहीं बन सकता है, भले ही वह कितना भी मेधावी क्यों नहीं हो। जज खुद ही अपना उत्तराधिकारी चुन लेते हैं। वे लोग ही तय करते हैं अगला जज कौन होगा। यह व्यवस्था लोकतंत्र के लिए सही नहीं है। राष्ट्रपति भी न्यायालय की स्थिति पर चिंता व्यक्त कर चुके हैं।

उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा न्यायालय में प्रतिनिधित्व बढ़ाने का प्रयास किया गया, जिसे न्यायालय ने नामंजूर कर दिया। हम न्यायालय का सम्मान करते हैं। इस व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए न्यायालय को ही कोई रास्ता निकालना चाहिए। भारतीय प्रशासनिक सेवा, भारतीय पुलिस सेवा की तरह ही भारतीय न्यायिक सेवा का गठन होना चाहिए।

राज्य मंत्री ने कहा कि रालोसपा द्वारा न्यायापालिका में समाज के सभी वर्गों को अवसर देने की मांग को लेकर हल्ला बोल, दरवाजा खोल कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। इसकी शुरुआत 20 मई को दिल्ली से की जाएगी। उसके बाद पांच जून को पटना के एसकेएम हॉल में कार्यक्रम किया जाएगा। संविधान के कुछ विशेषज्ञ को भी आमंत्रित किया जाएगा। कार्यक्रम में प्रखंड से लेकर राज्य स्तर के पार्टी के पदाधिकारी हिस्सा लेंगे। कई राज्यों की राजधानी में कार्यक्रम किए जाएंगे। मौके पर प्रदेश अध्यक्ष भूदेव चौधरी, विधायक  सुधांशु शेखर, राजेश यादव, उर्मिला पटेल, भोला शर्मा आदि उपस्थित थे।

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