Bihar Health News: बालों का झड़ना रोकने के लिए नाक में डालें तेल, कुकर में पका भोजन खाएं या नहीं

आयुर्वेद पर राष्ट्रीय सम्मेलन दूसरे दिन पोस्ट कोविड ड्राई आइ रोग प्रतिरोधक क्षमता नवजात की देखभाल खानपान और स्वेदन पर व्याख्यान। ड्राई आइ सिंड्रोम से नेत्र ज्योति बचाने को घी से तर्पण अंजन समेत कई घरेलू नुस्खों पर डाला प्रकाश।

By Vyas ChandraEdited By: Publish:Wed, 25 Aug 2021 09:17 AM (IST) Updated:Wed, 25 Aug 2021 09:17 AM (IST)
Bihar Health News: बालों का झड़ना रोकने के लिए नाक में डालें तेल, कुकर में पका भोजन खाएं या नहीं
राजकीय आयुर्वेदिक कालेज में चल रहा प्रशिक्षण कार्यक्रम। प्रतीकात्‍मक फोटो

पटना, जागरण संवाददाता। राजकीय आयुर्वेदिक कालेज में अखिल भारतीय आयुर्वेद महासम्मेलन (Akhil Bhartiya Ayurved Mahasammelan) के तत्वाधान में आयोजित छह दिवसीय चिकित्सकीय प्रशिक्षण कार्यक्रम के दूसरे दिन पोस्ट कोविड ड्राई आइ (Post Covid Dry Eyes), रोग प्रतिरोधक क्षमता (Immune System), नवजात की देखभाल, खानपान और स्वेदन कर्म विषयों पर चर्चा हुई। इसमें 20 से अधिक देशों पर उपचार करने वाले ओडिशा के वैद्य डा. डीपी दास ने कहा कि सिरदर्द और बालों को झड़ने से रोकना है तो हर रात सोते समय नाक में सरसों का तेल डालें। अणु तैल का कोविड से बचाव व उपचार दोनों में खूब प्रयोग हुआ। कार्यक्रम में बिहार प्रदेश आयुर्वेद सम्मेलन के अध्यक्ष डा. धनंजय शर्मा, महामंत्री डा. अरुण कुमार, प्राचार्य डा. सम्पूर्णानंद तिवारी व रजिस्ट्रार डा. अरुण कुमार ङ्क्षसह आदि उपस्थित थे। मंच संचालन डा. प्रभात द्विवेदी और कार्यक्रम संचालन डा. सुशील कुमार झा ने किया।

पहले कुल्ला करने के साथ आंखों में मारते थे पानी के छींटे

नेत्र रोग विशेषज्ञ डा. अजय कुमार ने पोस्ट कोविड मरीजों में आंखों की शुष्कता यानी ड्राई आइ सिंड्रोम पर तर्पण यानी आंखों में गाय का पुराना घी डालना, अंजन और अश्चयोतन विधि की उपयोगिता का वर्णन किया। पहले मुंह में जितनी बार कुल्ला करने के लिए पानी भरा जाता था, लोग आंखों में पानी के छींटे मार मुंह धोना नहीं भूलते थे। तेल मालिश के पूर्व पैरों के अंगूठे में तेल भर देते थे, हरियाली के बीच रहते थे।

समय व मात्रा का ध्यान रखकर लें पौष्टिक आहार

सहायक प्राध्यापक डा. रमण रंजन ने बताया कि समय व मात्रा का ध्यान नहीं रखने पर पौष्टिक आहार भी नुकसान पहुंचाता है। भूख को चार भागों में बांट कर दो हिस्से ठोस भोजन, एक हिस्सा पानी से भर कर अंतिम हिस्सा खाली छोड़ देना चाहिए। भरपेट भोजन कभी नहीं करें।

कुकर में बना भोजन भी नहीं करना चाहिए 

डा. रमण रंजन ने कहा कि कच्चे शाक, सब्जी, सलाद व अंकुरित आहार का भी सेवन न हीं करें। कुकर में बना भोजन भी नहीं करना चाहिए। भोजन पाचन सही नहीं होने से हृदय रोग, डायबिटीज, जोड़ों की समस्या, खून की कमी जैसे रोग होते हैं।   

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