प्रकाशोत्सव की यादों को संजोने के लिए तख्त श्री हरिमंदिर परिसर में बनेगा संग्रहालय

पटना के एेतिहासिक स्थलों में एक पटना साहिब का तख्त श्रीहरि मंदिर भी है। 350वें प्रकाशोत्सव के बाद 351वें पर्व को यादगार बनाने के लिए प्रबंधक समित अब यहां म्यूजियम बनाने जा रही है।

By Akshay PandeyEdited By: Publish:Thu, 15 Nov 2018 10:56 AM (IST) Updated:Thu, 15 Nov 2018 10:56 AM (IST)
प्रकाशोत्सव की यादों को संजोने के लिए तख्त श्री हरिमंदिर परिसर में बनेगा संग्रहालय
प्रकाशोत्सव की यादों को संजोने के लिए तख्त श्री हरिमंदिर परिसर में बनेगा संग्रहालय

अनिल कुमार, पटना सिटी। दशमेश गुरु श्री गुरु गोविंद सिंह के 350वें प्रकाशोत्सव के शानदार आयोजन का गवाह पटना रहा। पटना साहिब के तख्त श्री हरिमंदिर व गांधी मैदान पर अद्भुत कार्यक्रम से देश-विदेश में बिहार की राजधानी की पहचान बनी। आयोजन से विश्व के कोने-कोने में प्रकाशोत्सव चर्चा का विषय रहा। अब इस गौरव के इस क्षण को नई पीढ़ी याद रखे, इसके लिए तख्त श्री हरिमंदिर जी पटना साहिब में एक संग्रहालय का निर्माण करने की तैयारी की जा रही है।

आयोजन की भव्यता जानेंगे पर्यटक

प्रबंधक समिति के महासचिव सरदार महेंद्र पाल सिंह ढिल्लन ने बताया कि संग्रहालय में 350वें प्रकाशोत्सव से जुड़ी हर छोटी-बड़ी याद को संग्रहित किया जाएगा। इसकी जरूरत इसलिए भी महसूस की जा रही है कि 350वें प्रकाशोत्सव की तैयारियों के दौरान 300वें प्रकाश पर्व या उससे पहले के आयोजनों की भव्यता के बारे में जानकारी जुटाने में कई व्यवहारिक समस्याओं का सामना करना पड़ा। आगे होने वाले आयोजनों के लिए 350वें प्रकाशोत्सव को नजीर बनाने की तैयारी है। राज्य सरकार भी इस काम में पूरी मदद कर रही है।

धर्म व गुरुओं के महत्व पर दिखाई जाएंगी फिल्में

महासचिव ने बताया कि प्रस्तावित संग्रहालय का डिजाइन कुछ इस तरह तैयार किया जाएगा कि सिखों के धर्म या उनके गुरुओं के महत्व जानने और दिलचस्पी रखने वाले या फिर शोध कार्य में जुटे लोग यहां आकर लाभ उठा सकें। सिखों के गौरवशाली इतिहास को प्रदर्शित करने वाली तथा 350वें प्रकाशोत्सव व शुकराना समारोह से जुड़ी फिल्में भी दिखाई जाएंगी। संग्रहालय में 12 गैलरियां बनाई जाएंगी।

देश-विदेश में मने प्रकाशोत्सव के लगेंगे चित्र

महासचिव ने बताया कि तख्त श्री हरिमंदिर जी पटना साहिब, गांधी मैदान, बाइपास व कंगन घाट टेंट सिटी के अलावा देश के विभिन्न राज्यों व विदेशों में मनाए गए प्रकाशोत्सव की सुनहरी यादों को संजोया जाएगा। प्रकाशोत्सव के बाद पटना साहिब के भौगोलिक मानचित्र में आए बदलाव को भी चित्रों के माध्यम से दर्शाया जाएगा।

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