कॉलेज में 3000 विद्यार्थियों को पढ़ाएंगे मात्र 18 शिक्षक

टना कॉलेज में नये सत्र से तीन हजार विद्यार्थियों को मात्र 18 शिक्षक पढ़ाएंगे।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 22 Feb 2017 11:25 PM (IST) Updated:Wed, 22 Feb 2017 11:25 PM (IST)
कॉलेज में 3000 विद्यार्थियों  को पढ़ाएंगे मात्र 18 शिक्षक
कॉलेज में 3000 विद्यार्थियों को पढ़ाएंगे मात्र 18 शिक्षक

पटना : पटना कॉलेज में नये सत्र से तीन हजार विद्यार्थियों को मात्र 18 शिक्षक पढ़ाएंगे। एक शिक्षक के जिम्मे 166 छात्र होंगे। यह तो हुई औसत की बात। कई ऐसे विभाग होंगे, जहां छात्र बिना शिक्षक के ही पढ़ेंगे और उत्तीर्ण भी होंगे। यह इसलिए होगा कि बड़ी संख्या में पटना कॉलेज के शिक्षक सेवानिवृत्त होने जा रहे हैं। वर्तमान में कॉलेज में शिक्षकों की संख्या 26 है, यह अगले सत्र में 18 रह जाएगी। वहीं कॉलेज में स्वीकृत पदों की संख्या 80 है।

बिना शिक्षक के चलेंगे कई विभाग

आने वाले कुछ महीनों में कई शिक्षकों के सेवानिवृत्त होने से कई विभाग बिना शिक्षक के ही चलेंगे। अभी ही कुछ ऐसे विभाग हैं, जहां मात्र एक-एक शिक्षक हैं। वहां छात्र तीनों साल के हैं। तीनों की कक्षाएं भी नियमित चल रही हैं। ऐसे में समझा जा सकता है कि एक शिक्षक कैसे तीन कक्षाओं में पढ़ा रहा होगा। पटना कॉलेज के चार विभागों में अभी मात्र एक-एक शिक्षक हैं। ये संस्कृत, मैथिली, इतिहास और मनोविज्ञान विभाग हैं। इन विभागों में एक-एक शिक्षक ही तीनों वर्ष की कक्षाएं ले रहा है। इनमें से भी कुछ सेवानिवृत्त होने वाले हैं। उनके सेवानिवृत्त होते ही संबंधित विभाग शिक्षकविहीन हो जाएंगे। उसके बाद छात्रों की पढ़ाई कैसे होगी, किसी को नहीं पता। इससे यह भी अंदाजा लगाया जा सकता है कि सरकार उच्च शिक्षा के प्रति कितना गंभीर है?

2003 के बाद नहीं हुई नियुक्ति

पटना कॉलेज के प्राचार्य प्रो. एसएम अशोक ने कहा कि यहां 2003 में अंतिम नियुक्ति हुई थी। उसके बाद से शिक्षक सेवानिवृत्त तो होते रहे, लेकिन नियुक्ति नहीं हुई। यही वजह है कि कई विभाग बिना शिक्षक के होने जा रहे हैं। पटना कॉलेज की यह बदहाली तब है जब सत्ता के कई बड़े स्तंभ इसी कॉलेज से पढ़े हुए छात्र रहे हैं। शिक्षकों की किल्लत देखकर यह विश्वास करना मुश्किल है कि सच्चिदानंद सिन्हा, अनुग्रह नारायण, जयप्रकाश नारायण, श्रीकृष्ण सिंह, रामधारी सिंह दिनकर जैसी विभूतियां यहीं से पढ़कर निकली हैं।

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