पटना-गया-डोभी जर्जर सड़क मामले में बिहार के तीन जिलाधिकारी तलब, 27 नवंबर तक मांगा जवाब

पटना-गया-डोभी राष्ट्रीय उच्च पथ - 83 के निर्माण के मामले पर पटना हाईकोर्ट ने पटना गया और जहानाबाद के जिलाधिकारियों से जवाब-तलब किया है। राज्य सरकार ने कोर्ट को बताया कि भूमि अधिग्रहण का 90 फीसद काम हो गया है।

By Akshay PandeyEdited By: Publish:Tue, 24 Nov 2020 10:08 PM (IST) Updated:Tue, 24 Nov 2020 10:08 PM (IST)
पटना-गया-डोभी जर्जर सड़क मामले में बिहार के तीन जिलाधिकारी तलब, 27 नवंबर तक मांगा जवाब
पटना-गया-डोभी राष्ट्रीय की प्रतीकात्मक तस्वीर। दैनिक जागरण। -

पटना, जेएनएन। पटना-गया-डोभी राष्ट्रीय उच्च पथ - 83 के निर्माण के मामले पर पटना हाईकोर्ट ने पटना, गया और जहानाबाद के जिलाधिकारियों से जवाब-तलब किया है। प्रतिज्ञा नामक संस्था की जनहित याचिका पर सुनवाई के क्रम में मुख्य न्यायाधीश संजय करोल एवं न्यायाधीश एस कुमार की दो सदस्यीय खंडपीठ ने यह निर्देश दिया।

क्षतिपूर्ति देने के मामले पर अभी तक क्या कार्रवाई

खंडपीठ ने इन तीनों जिलाधिकारियों को बताने को कहा है कि जमीन मालिकों को क्षतिपूर्ति देने के मामले पर अभी तक क्या कार्रवाई हुई है? वहीं एनएचएआई की ओर से कोर्ट को बताया गया कि इस निर्माण कार्य को विभिन्न एजेंसियों के बीच बांट दिया गया है।

भूमि अधिग्रहण का 90 फीसद काम हो गया 

राज्य सरकार ने कोर्ट को बताया कि भूमि अधिग्रहण का 90 फीसद काम हो गया है। जमीन मालिकों की ओर से वरीय अधिवक्ता योगेशचंद्र वर्मा ने कहा कि बहुत सारे जमीन मालिकों को क्षतिपूॢत की राशि अभी तक नहीं मिल पाई है। इस मामले पर अगली सुनवाई 27 नवंबर को की जाएगी।

127 किमी है सड़क की लंबाई

पटना-गया-डोभी सड़क की फोरलेनिंग 1588 करोड़ रुपये की लागत से होनी है। इसकी लंबाई 127 किमी है। इस प्रोजेक्ट की निविदा तीन पैकेज के तहत हुई है। पहला पैकेज 39 किमी का पटना छोर से है जिसकी लागत 628 करोड़ है। दूसरा पैकेज जहानाबाद जिले में है और 44 किमी लंबाई में है।  इसकी लागत 496 करोड़ है और तीसरे पैकेज की लंबाई भी 44 किमी है और उसकी लागत 464 करोड़ है। पैकेज एक को छोड़ शेष दोनों पैकेजों में इसी महीने काम शुरू करने की तारीख तय हो गयी थे। पहले पैकेज में अगले महीने काम शुरू होने की तारीख तय होगी। इस पूरे प्रोजेक्ट की खासियत यह है कि इसमें 65 किमी लंबाई ग्रीन फील्ड की है। यानी 65 किमी सड़क ऐसे क्षेत्र में बन रही जहां पहले सड़क नहीं थी। 

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