वसंत पंचमी पर हो रही मां सरस्‍वती की पूजा, दोपहर 11.41 बजे से 12.26 बजे तक अभिजीत मुहूर्त

Saraswati Puja अमृत सिद्धि योग में आज हो रही विद्या की देवी मां सरस्वती की पूजा शुभ मुहूर्त सुबह 6.24 बजे से पूरे दिन अभिजीत मुहूर्त दोपहर 11.41 बजे से 12.26 बजे तक प्रतिमाएं स्‍थापित कर लोग कर रहे हैं आराधना

By Shubh Narayan PathakEdited By: Publish:Tue, 16 Feb 2021 07:41 AM (IST) Updated:Tue, 16 Feb 2021 09:48 AM (IST)
वसंत पंचमी पर हो रही मां सरस्‍वती की पूजा, दोपहर 11.41 बजे से 12.26 बजे तक अभिजीत मुहूर्त
पटना में धूमधाम से हो रही मां सरस्‍वती की पूजा। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

पटना, जागरण संवाददाता। Vasant Panchami Saraswati Puja: बिहार में आज ज्ञान व बुद्धि की देवी मां सरस्वती की पूजा धूमधाम से हो रही है। पटना के स्कूल, कॉलेजों के साथ घरों में विद्यार्थी प्रतिमा स्थापित कर मां शारदे का पूजन कर रहे हैं। पूजा को लेकर स्कूल व कॉलेजों में उत्‍साह का माहौल है। सरस्वती पूजा पर ग्रह-गोचरों का भी शुभ संयोग बना है। ज्योतिष आचार्य ने पंचांग के हवाले से बताया कि सरस्वती पूजा के दिन सर्वार्थ अमृत सिद्धि योग, रवियोग, रेवती नक्षत्र का संयोग बन रहा है। 

अपनी सुविधा के मुताबिक पूरे दिन पूजा कर सकेंगे

ज्‍योतिष आचार्य के मुताबिक मकर राशि में गुरु, शनि, शुक्र और बुध एक साथ रहेंगे। पूरे दिन पंचमी तिथि व्याप्त होने से लोग भक्ति भाव के साथ मां सरस्वती की पूजा करेंगे। पूजन का शुभ मुहूर्त सुबह 6.24 बजे से पूरे दिन होगा। वही अभिजीत मुहूर्त दोपहर 11.41 बजे से 12.26 बजे तक रहेगा। श्रद्धालु अपने समय के अनुसार भक्ति भाव से पूरे दिन मां सरस्वती की पूजा कर उनसे ज्ञान बुद्धि के वरदान की कामना करेंगे।

पूजा से पहले दोगुनी कीमत पर बिके फल

सरस्‍वती पूजा को लेकर सोमवार को फल बाजार में भाव काफी चढ़े रहे। 20 रुपये किलो तक बिक रहा गाजर सोमवार को 40 रुपये किलो बिका। बेर तो कई बाजारों में 80 रुपये से लेकर 100 रुपये किलो तक बिका। दूसरे फलों की कीमतों में भी सामान्‍य दिनों की अपेक्षा तेजी देखने को मिली।

आज से शुरू हो जाएगी रंगोत्‍सव होली की तैयारी

बिहार के ग्रामीण अंचलों में आज से होली की तैयारी शुरू हो जाएगी। आज देवताओं को अबीर-गुलाल अर्पित करने के साथ ही लोग एक-दूसरे को भी लगाते हैं। ग्रामीण अंचलों में होली के गीत गाने का सिलसिला भी आज से शुरू हो जाएगा। ग्रामीण संस्‍कृति से जुड़े ढेरों लोग शहर में रहकर भी इस परंपरा का निर्वहन करते दिखते हैं।

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