बिहार में सरकारी जमीन से अतिक्रमण हटाने के लिए चलेगा राज्यव्यापी अभियान, ये करेंगे कार्रवाई
बिहार सरकार अब अपनी जमीन को अवैध कब्जे से मुक्त करेगी। इसके लिए राज्य स्तर पर अभियान चलेगा। राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग की मंगलवार को हुई समीक्षा बैठक में अंचलाधिकारियों को अतिक्रमण मुक्ति अभियान की कमान सौंपी गई।
राज्य ब्यूरो, पटना। सरकार अब अपनी जमीन को अवैध कब्जे से मुक्त करेगी। इसके लिए राज्य स्तर पर अभियान चलेगा। राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग की मंगलवार को हुई समीक्षा बैठक में अंचलाधिकारियों को अतिक्रमण मुक्ति अभियान की कमान सौंपी गई।
बैठक की अध्यक्षता कर रहे विभाग के अपर मुख्य सचिव विवेक कुमार सिंह ने कहा कि राज्य में फिलहाल सरकारी भूमि के अतिक्रमण के 2689 मामले लंबित हैं। उन्होंने बताया कि गैरमजरूआ आम, गैरमजरूआ खास, कैसरे हिंद एवं खास महल के अलावा विभिन्न विभागों की जमीन पर अतिक्रमण है। इसके चलते निर्माण में परेशानी हो रही है। विभाग ने माना कि अतिक्रमण को बढ़ावा देने में सरकारी सेवकों का भी हाथ रहता है।
जांच में चला पता, नहीं हुई विशेष प्रगति
इससे पहले राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने जिला पदाधिकारियों को पत्र लिख कर हरेक सरकारी विभाग से एक जिला स्तरीय नोडल पदाधिकारी नियुक्त करने का अनुरोध किया है। संबंधित विभाग की जमीन पर अगर कोई अतिक्रमण है तो उसे खाली कराने के लिए अंचलाधिकारी के न्यायालय में अतिक्रमणवाद दायर करने की जिम्मेदारी संबंधित विभाग के नोडल पदाधिकारी की है। समीक्षा में पाया गया कि इस दिशा में विशेष प्रगति नहीं हुई है। अतिक्रमण के मामले बड़ी संख्या में विभिन्न अदालतों में लंबित हैं। अपर मुख्य सचिव ने इन मामलों का प्राथमिकता के आधार पर निबटारे का आदेश दिया।
सरकारी सेवक भी जिम्मेवार
समीक्षा में बताया गया कि कई सरकारी विभाग अपनी जमीन पर जानकारी होते हुए अतिक्रमण होने देते हैं। बाद में इसकी जिम्मेवारी अंचलाधिकारियों पर मढ़ दी जाती है। इससे राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग पर अनावश्यक दबाव बढ़ता है। विभाग पर पहले से काम का बोझ है। राजघानी के कई जल स्रोतों एवं जल निकासी के नालों पर मकान/दुकान यहां तक कि व्यवसायिक प्रतिष्ठान बने हुए पाये हुए हैं। कई अतिक्रमण उस जमीन पर भी है, जो किसी न किसी सरकारी विभाग को आवंटित हैं।
12 हजार से अधिक मामले निष्पादित
राज्य में सरकारी जमीन अतिक्रमण के मामलों की संख्या 11499 है। ग्रामीण पथ निर्माण, लघु सिचाई, पथ निर्माण, भवन निर्माण, शिक्षा, स्वास्थ्य की जमीन पर अधिक अतिक्रमण है। अस्थाई अतिक्रमण की 10651 अस्थायी और 1353 स्थाई अतिक्रमण को हटा दिया गया है। अस्थाई अतिक्रमण के 1762 और स्थाई अतिक्रमण के 923 मामले हैं।