एसएसपी को निशाना बनाने की थी साजिश

पुलिस लाइन में रंगरूटों द्वारा शुक्रवार को उत्पात मचाने की घटना एक सोची-समझी साजिश थी।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 04 Nov 2018 09:00 AM (IST) Updated:Sun, 04 Nov 2018 09:00 AM (IST)
एसएसपी को निशाना बनाने की थी साजिश
एसएसपी को निशाना बनाने की थी साजिश

पटना। पुलिस लाइन में रंगरूटों द्वारा शुक्रवार को उत्पात मचाने की घटना एक सोची-समझी साजिश और रणनीति का हिस्सा थी। सूत्रों की मानें तो साजिशकर्ताओं के निशाने पर एसएसपी मनु महाराज थे। वे लोग इस बात से वाकिफ से थे कि जिले में जहां कहीं भी कोई छोटी -मोटी भी घटनाएं होती हैं, वे मौके पर जरूर पहुंचते हैं। ऐसे में पुलिस लाइन में इस तरह की घटना की जानकारी जब उन्हें मिलेगी तो वे वहां जरूर पहुंचेंगे। उनके वहां जाते ही उनपर हमला कर उन्हें शारीरिक रूप से चोट पहुंचाने की साजिश रची गई थी। इसके पीछे पुलिस लाइन से जुड़े वैसे कुछ लोग हैं, जिन पर एसएसपी द्वारा पूर्व में सख्त कार्रवाई की गई थी। इसके बाद ही वे लोग इनसे खार खाए हुए थे। उसी का बदला लेने के लिए उन लोगों ने रंगरूटों को अपना मोहरा बनाया और घटना का ताना-बाना बुन दिया। परंतु उनकी साजिश नाकाम हो गई। उनके दांव उल्टे पड़ गये। अब वे लोग मुंह छुपाए भागे फिर रहे हैं।

सूत्रों की मानें तो घटना के दिन सुबह छह बजे से ही साजिश का ताना-बाना बुना जाने लगा था। रणनीतिकार अपने प्यादों को इसके लिए तैयार कर रहे थे। शुक्रवार की सुबह लगभग आठ -साढ़े आठ बजे जैसे ही मृतक महिला सिपाही सविता पाठक का शव पुलिस लाइन आया, वे लोग अपने मिशन पर लग गये। घटना की जानकारी मिलते ही कुछ मीडिया कर्मी भी पुलिस लाइन पहुंच चुके थे। उस वक्त लगभग नौ बज रहे होंगे। मृतक सिपाही को गार्ड ऑफ ऑनर दिए जाने के लिए पुलिसकर्मियों द्वारा रिहर्सल की जा रही थी। तब तक सब कुछ शांत था। इसी बीच डीएसपी कार्यालय के बगल में स्थित एक पेड़ के पास चार की संख्या में कुर्ता-पायजामा पहने नेता टाइप लोग वहां पहुंचे। उनलोगों ने इशारा कर कुछ लोगों को वहां से बुलाया। इसके 15 मिनट बाद ही सविता के शव के पास कुछ लोग आकर रोने -धोने का नाटक करने लगे। यहीं से हंगामे का बीज बो दिया गया। देखते ही देखते वहां अचानक 50 लोग पहुंच गये। उसमें से कुछ लोग रंगरूटों को उकसाने लगे। उनके बहकावे में आकर वे लोग सबसे पहले डीएसपी कार्यालय के अंदर घुसे और वहां हो-हल्ला करते हुए ऊपर से नीचे तक गये और फिर वापस लौट गये। इसके बाद उसी भीड़ में मौजूद कुछ लोगों के कहने पर वे लोग डीएसपी मसलेउद्दीन के आवास पर भी उनसे मिलने गये। कुछ देर बाद डीएसपी वहां से कार्यालय में पहुंचे। उनके पहुंचने के कुछ ही देर बाद 200 से अधिक की संख्या में लोग वहां आ धमके। आते ही वे लोग नारेबाजी करते हुए डीएसपी कार्यालय में घुस गये और तोड़-फोड़ शुरु कर दी। फिर सबकुछ तहस-नहस होते चला गया।

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