आज घर की छत से देखें 397 साल बाद हो रही खगोलीय घटना, फिर 60 साल बाद मिलेगा मौका

सौर मंडल में आज को 397 वर्ष के बाद बड़ी खगोलीय घटना होने जा रही है। सोमवार को शनि व बृहस्पति ग्रह एक-दूसरे के बेहद नजदीक दिखाई देंगे। इस घटना को लोग अपने घरों की छत से और श्रीकृष्ण विज्ञान केंद्र में भी जाकर देख सकेंगे।

By Akshay PandeyEdited By: Publish:Mon, 21 Dec 2020 07:48 AM (IST) Updated:Mon, 21 Dec 2020 07:48 AM (IST)
आज घर की छत से देखें 397 साल बाद हो रही खगोलीय घटना, फिर 60 साल बाद मिलेगा मौका
सौर मंडल में सोमवार को 397 वर्ष के बाद बड़ी खगोलीय घटना होने जा रही है।

जागरण संवाददाता, पटना: आज नजरें आकाश में टिका लें। सूर्यास्त के समय दुर्लभ नजारा दिखने वाला है। सौर मंडल में 397 वर्ष के बाद बड़ी खगोलीय घटना होने जा रही है। आज शनि व बृहस्पति ग्रह एक-दूसरे के बेहद नजदीक दिखाई देंगे। इस घटना को लोग अपने घरों की छत से और पटना के श्रीकृष्ण विज्ञान केंद्र में भी जाकर देखा जा सकता है। हालांकि, घरों से देखना आसानी से नहीं सुलभ होगा। ऐसा नजारा 800 साल बाद देखने को मिलेगा। दोबारा 60 साल बाद ऐसी खगोलीय घटना देखने को मिलेगी। श्रीकृष्ण विज्ञान केंद्र के निदेशक ने बताया कि सौर मंडल में 397 वर्ष के बाद हो रही खगोलीय घटना को देखने के लिए विज्ञान केंद्र में खास इंतजाम किए गए हैं। 

दोबारा 15 मार्च 2080 को होगी खगोलीय घटना

विज्ञान केंद्र के अधिकारियों के अनुसार 2020 के बाद अब इसे लोग सीधे 60 साल बाद 15 मार्च 2080 में ही देख सकेंगे। विज्ञान केंद्र के निदेशक अमिताभ के अनुसार, सोमवार को लोग साल की सबसे लंबी रात के बारे में भी केंद्र में पहुंचकर जानकारी ले सकेंगे। केंद्र में दर्शकों को शीतकालीन संक्रांति के बारे में विस्तार से जानकारी दी जाएगी। उन्हें बताया जाएगा कि यह रात साल का वह समय होता है, जब पृथ्वी के दक्षिणी गोलाई को सूर्य का प्रकाश ज्यादा प्राप्त होता है, जबकि उत्तरी गोलाई को कम मिलता है।

पृथ्वी का अपने अक्ष पर 23.45 डिग्री झुकाव से हो रहा ऐसा

इस घटना के होने का मुख्य कारण पृथ्वी का अपने अक्ष पर 23.45 डिग्री का झुकाव होता है। शीतकालीन संक्रांति में सूर्य का प्रकाश कम पड़ने के कारण दिन छोटा और रात लंबी होती है। श्रीकृष्ण विज्ञान केंद्र के निदेशक के अनुसार शाम पांच बजे से जो भी दर्शक इन गतिविधियों के बारे में अधिक जानकारी लेना चाहते हैं, वह केंद्र में पहुंचें। श्रीकृष्ण विज्ञान केंद्र के निदेशक ने बताया कि इसके लिए खास इंतजाम किए गए हैं। 

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