शायद दुनिया का सबसे पहला स्नैक्स है 'समोसा', जानिए

गर्म समोसा, सबका फेवरिट स्नैक्स है। अब तो यह दुनिया भर में मशहूर है। लेकिन यह भारतीय स्नैक्स है। जानिए इससे जुड़ा इतिहास....

By Kajal KumariEdited By: Publish:Thu, 27 Apr 2017 05:29 PM (IST) Updated:Fri, 28 Apr 2017 11:35 PM (IST)
शायद दुनिया का सबसे पहला स्नैक्स है 'समोसा', जानिए
शायद दुनिया का सबसे पहला स्नैक्स है 'समोसा', जानिए

पटना [काजल]। समोसा, देश का कोई एेसा राज्य या कोई एेसा कोना नहीं होगा, जहां इस स्नैक्स की डिमांड नहीं।  देश के शहरों की बात छोड़िये, ये विदेशों में भी मशहूर है। यह एक एेसा स्नैक्स है, जो सबूत है कि ग्लोबलाइजेशन जैसी कोई नई चीज़ नहीं है, समोसा खाने के बाद आपको समझ जाना चाहिए कि किसी चीज़ की पहचान देश की सीमा से तय नहीं होती है।

स्नैक्स के नाम पर सबसे पहले हमारे जेहन में कुछ आता है तो वह है-गर्म समोसा, जो कहीं भी, कभी भी आसानी से मिल जाता है। पटना के तो हर कोने-हर मुहल्ले में एेसी तमाम दुकानें मिल जाएंगी, जहां भीड़ लगी रहती है समोसे के लिए। आपमें से ज्यादातर लोग जानते होंगे कि यह भारतीय स्नैक्स है जिसे हम बहुत पसंद करते हैं, लेकिन इससे जुड़ा इतिहास कुछ और ही कहता है-

दरअसल, यह चटपटा समोसा मीलों दूर ईरान के प्राचीन साम्राज्य से देश-विदेश में पहुंचा है। इसे लेकर अभी  इस  बात का कोई सुबूत नहीं मिलता कि इसे पहली बार तिकोना कब बनाया गया होगा? लेकिन इतना जरूर पता है कि इसका नाम समोसा फारसी भाषा के 'संबुश्क:' से निकला है।

समोसा पहली बार 11वीं सदी में जिक्र में आया

समोसे का पहली बार ज़िक्र 11वीं सदी में फारसी इतिहासकार अबुल-फज़ल बेहाक़ी की लेखनी में मिलता है।

उन्होंने ग़ज़नवी साम्राज्य के शाही दरबार में पेश की जाने वाली 'नमकीन' चीज़ का ज़िक्र किया है जिसमें कीमा और सूखे मेवे भरे होते थे। इसे तब तक पकाया जाता था जब तक कि ये खस्ता न हो जाए लेकिन लगातार भारत आने वाले प्रवासियों की खेप ने समोसे का रूप-रंग बदल दिया।

अफगानिस्तान से पहुंचा भारत 

समोसा भारत में मध्य एशिया की पहाड़ियों से गुज़रते हुए पहुंचा जिस क्षेत्र को आज अफ़ग़ानिस्तान कहते हैं।

बाहर से आने वाले इन प्रवासियों ने भारत में काफ़ी कुछ बदला और साथ ही साथ समोसे के स्वरूप में भी काफ़ी बदलाव आया।

ख़ास तरह का इसका रूप तब भी कायम था और इसे तल कर ही बनाया जाता था लेकिन इसके अंदर इस्तेमाल होने वाले सूखे मेवे और फल की जगह बकरे या भेड़ के मीट ने ले ली थी जिसे कटे हुए प्याज और नमक के साथ मिला कर बनाया जाता था।

समोसा बन गया दुनिया का पहला फास्ट फूड

 भारत में समोसे को यहां के स्वाद के हिसाब से अपनाए जाने के बाद यह दुनिया का यह पहला 'फ़ास्ट फूड' बन गया। समोसे में धनिया, काली मिर्च, जीरा, अदरक और पता नहीं क्या-क्या डालकर अंतहीन बदलाव किया जाता रहा है। इसमें भरी जानी वाली चीज़ भी बदल गई। मांस की जगह सब्जियों ने ले ली। भारत में अभी जो समोसा खाया जा रहा है, उसकी एक और ही अलग कहानी है।

भारत में आलू भरा हुआ और चटनी के साथ परोसा जाता है

अभी भारत में आलू के साथ मिर्च और स्वादिष्ट मसाले भरकर समोसे बनाए जाते हैं। सोलहवीं सदी में पुर्तगालियों के आलू लाने के बाद समोसे में इसका इस्तेमाल शुरू हुआ। तब से समोसे में बदलाव होता जा रहा है। भारत में आप जहां कहीं भी जाएंगे यह आपको अलग ही रूप में मौजूद मिलेगा।

अलग-अलग तरह के मिलते हैं समोसे

अलग-अलग इलाकों में अलग-अलग तरह के समोसे मिलते हैं। यहां तक कि एक ही बाज़ार में अलग-अलग दुकानों पर मिलने वाले समोसे के स्वाद में भी अंतर होता है। कभी-कभी यह इतना बड़ा होता है कि लगता है कि पूरा खाना एक समोसे में ही निपट जाएगा। समय के साथ समोसा शादियों में होने वाले भोज और पार्टियों का हिस्सा तक बन गया।

दिल्ली के एक रेस्तरां में चॉकलेट भरा हुआ समोसा मिलता है। समोसा बनाने के तरीके भी अलग-अलग होते हैं।

जो आम तौर पर समोसा है, वो अब भी भूरे रंग का होने तक तल कर ही बनाया जाता है लेकिन कभी-कभी आप कम कैलोरी वाले बेक्ड समोसे भी खा सकते हैं।

ब्रिटेन में भी लोग चाव से खाते हैं समोसा 

ब्रिटेन के लोग भी समोसा खूब चाव से खाते हैं और भारतीय प्रवासी पिछली कुछ सदियों में दुनिया में जहां कहीं भी गए अपने साथ समोसा ले गए। इस तरह से ईरानी राजाओं के इस शाही पकवान का आज सभी देशों में लुत्फ उठाया जा रहा है। एक बात तो तय है कि समोसा दुनिया के किसी कोने में भी बनेगा और उसमें जो कुछ भी भरा जाए उसमें आपको भारतीयता का एहसास होगा।

पटना के हर चौक-चौराहे पर समोसे की दुकानें और उसपर उमड़ी भीड़, खासकर युवा वर्ग का सबसे पसंदीदा स्नैक्स है समोसा। वैसे तो इसे हर उम्र, हर वर्ग के लोग पसंद करते हैं, लेकिन युवाओं के बीच सबसे ज्यादा किसी स्नैक्स का क्रेज है तो वो है समोसा।

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