राजद के आवेदन में तेजस्वी यादव और शराब का जिक्र; ये हैं MLC रामबली पर आरोप, खटखटाएंगे कोर्ट का दरवाजा

Bihar Politics RJD MLC Rambali Singh बिहार में राजद के विधान परिषद सदस्य प्रो. रामबली सिंह की सदस्यता रद्द कर दी गई है। सिंह के खिलाफ यह कार्रवाई राजद के आवेदन के बाद की गई है। राजद ने अपने आवेदन में कई आरोप लगाए हैं। आवेदन में तेजस्वी यादव और शराब का जिक्र है। हालांकि रामबली मानते हैं कि उनकी सदस्यता रद्द करना गलत है।

By Arun Ashesh Edited By: Yogesh Sahu Publish:Tue, 06 Feb 2024 08:03 PM (IST) Updated:Tue, 06 Feb 2024 08:03 PM (IST)
राजद के आवेदन में तेजस्वी यादव और शराब का जिक्र; ये हैं MLC रामबली पर आरोप, खटखटाएंगे कोर्ट का दरवाजा
राजद के आवेदन में तेजस्वी यादव और शराब का जिक्र, ये हैं MLC रामबली पर आरोप? खटखटाएंगे कोर्ट का दरवाजा

HighLights

  • रामबली अब कर रहे कोर्ट जाने की तैयारी, कहा- सदस्यता रद्द करना गलत
  • रामबली बोले- पिछड़ों द्वारा अति पिछड़ों के दमन का यह प्रमाण

राज्य ब्यूरो, पटना। Bihar Politics MLC Rambali Singh : शराबबंदी कानून के दायरे में सिर्फ शराबी ही नहीं आ रहे हैं। शराब की चर्चा करने वाले भी आ रहे हैं। विधान परिषद के राजद सदस्य प्रो. रामबली सिंह की सदस्यता रद्द हो गई।

इसके पीछे कई कारणों में से एक यह भी बताया गया कि उन्होंने एक वीडियो में शराब की चर्चा की थी। वह प्रसारित हो गया। वीडियो में प्रो. रामबली बता रहे थे- तेजस्वी यादव भी शराब पीते हैं। यह पिछले साल की घटना है।

राजद के सचेतक ने की थी सदस्यता रद्द करने की मांग

तेजस्वी उस समय राज्य के उप मुख्यमंत्री थे। राजद के तत्कालीन उप मुख्य सचेतक सुनील कुमार सिंह ने प्रो. सिंह की परिषद की सदस्यता रद्द करने के लिए जो आवेदन विधान परिषद के सभापति को दिया था, उसमें इस वीडियो की भी चर्चा है।

कोर्ट जाएंगे रामबली

हालांकि, प्रो. सिंह इसे सदस्यता रद्द करने का इकलौता कारण नहीं मानते हैं। उन्होंने मंगलवार को कहा कि वे इस पूरे प्रकरण को न्यायालय में चुनौती देंगे।

संविधान की 10वीं अनुसूची के जिन प्रावधानों के आधार पर उनकी सदस्यता रद्द की गई है, वे उनके मामले में लागू नहीं होते हैं।

उनके मुताबिक, सदस्यता रद्द करने के तीन कारण होते हैं- व्हीप का उल्लंघन, दल विरोधी आचरण और स्वेच्छा से दल का परित्याग। उनके मामले में इनमें से एक भी कारण नहीं है।

फिर छेड़ा जातियों का मुद्दा

प्रो. सिंह ने कहा कि सदस्यता रद्द करने की घटना से उनका यह आरोप सिद्ध हुआ कि दबंग पिछड़ी जातियां किस तरह अति पिछड़ी जातियों पर दमन करती हैं।

उन्होंने कहा कि यही मुद्दा मैंने उठाया भी था। तेली, तमोली और दांगी को अति पिछड़ों की सूची से अलग करने की मांग के लिए पदयात्रा की थी।

इस मांग को व्यापक समर्थन मिला। सदस्यता रद्द होने के बाद भी अपनी मांग के समर्थन में आंदोलन जारी रखेंगे।

उन्होंने कहा कि न्यायालय में इस विषय को भी उठाएंगे कि सदस्यता रद्द करने के लिए राजद की ओर से दिया गया आवेदन ही गलत था। वह निर्धारित प्रारूप में नहीं था।

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