RJD नेता ने सीएम नीतीश से कहा- आप वापस आएंगे तो रहेंगे हमारे सर-आंखों पर, नहीं तो

राजद के वरिष्ठ नेता अब्दुल बारी सिद्दीकी ने सीएम नीतीश कुमार से कहा है कि आप वापस महागठबंधन में आ जाइए, आप वापस आएंगे तो सर-आंखों पर, नहीं तो फिर बर्बाद होने के लिए तैयार रहिए।

By Kajal KumariEdited By: Publish:Thu, 14 Feb 2019 10:46 AM (IST) Updated:Thu, 14 Feb 2019 11:18 PM (IST)
RJD नेता ने सीएम नीतीश से कहा- आप वापस आएंगे तो रहेंगे हमारे सर-आंखों पर, नहीं तो
RJD नेता ने सीएम नीतीश से कहा- आप वापस आएंगे तो रहेंगे हमारे सर-आंखों पर, नहीं तो

पटना, राज्य ब्यूरो। राजद के वरिष्ठ नेता अब्दुल बारी सिद्दीकी ने बुधवार को विधानसभा में अपने संबोधन में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को वापस महागठबंधन में लौटने का न्योता दिया। उन्होंने कहा कि आप वापस आएंगे तो सर-आंखों पर, नहीं तो फिर बर्बाद होने के लिए तैयार रहिए।

सिद्दीकी ने कहा कि आरक्षण के लिए केंद्र सरकार ने जो रोस्टर की नई प्रणाली बनाई है, वह एससी, एसटी एवं पिछड़ों के आरक्षण को प्रभावित कर रही है। आप अपने अंदर के समाजवादी नेता को जगाइए। 

सिद्दीकी ने बीएचयू का हवाला देते हुए कहा कि वहां सहायक प्राध्यापक की 253 रिक्तियां निकलीं। रोस्टर की पुरानी प्रणाली के हिसाब से 197 सामान्य वर्ग, एससी के 32, एसटी के 18 एवं ओबीसी के शून्य पद बनते हैं। मगर नई प्रणाली से सामान्य वर्ग के 250, एससी के तीन और एसटी एवं ओबीसी के शून्य पद बन रहे हैं।

उन्होंने मांग की कि राज्य में रोस्टर की पुरानी प्रणाली लागू रहे और विभाग की बजाय विश्वविद्यालय को आरक्षण के लिए इकाई माना जाए। सिद्दीकी ने राज्य सरकार को हर मोर्चे पर विफल बताते हुए घेरा। उन्होंने कहा कि इस सरकार में 40 से अधिक घोटाले हुए हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने मुजफ्फरपुर शेल्टर होम मामले में राज्य सरकार पर सख्त टिप्पणी की है। शिक्षा का बुरा हाल है। सरकार की अपनी रिपोर्ट बताती है कि माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक विद्यालयों में विद्यार्थियों की हाजिरी मात्र 28 प्रतिशत है, जबकि 75 प्रतिशत होनी चाहिए। विधि व्यवस्था बुरी तरह चरमरा गई है।

उन्होंने इस संबंध में अपराध के आंकड़े भी सदन में पेश किए। उन्होंने कहा कि राज्यपाल ने पूरा अभिभाषण इसलिए नहीं पढ़ा क्योंकि उन्हें अंदाजा था कि राज्य सरकार द्वारा तैयार इस अभिभाषण को अगर वह पूरा पढ़ लेते तो इससे राज्यपाल पद की गरिमा गिरती। इस अभिभाषण में विशेष दर्जा की मांग और प्रधानमंत्री के विशेष पैकेज की घोषणा की चर्चा नहीं की गई। 

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