दिल्ली में बिहार विधानसभा चुनाव का हो रहा रिहर्सल, एनडीए से लेकर महागठबंधन तक दिखा रहे ताकत

दिल्ली विधानसभा के चुनाव में इसी साल होने वाले बिहार के चुनाव का रिहर्सल भी हो रहा है। एनडीए के तीनों घटक दल एकजुटता का परिचय दे रहे हैं। पढ़ें पड़ताल करती रिपोर्ट।

By Rajesh ThakurEdited By: Publish:Mon, 03 Feb 2020 09:25 PM (IST) Updated:Tue, 04 Feb 2020 08:14 PM (IST)
दिल्ली में बिहार विधानसभा चुनाव का हो रहा रिहर्सल, एनडीए से लेकर महागठबंधन तक दिखा रहे ताकत
दिल्ली में बिहार विधानसभा चुनाव का हो रहा रिहर्सल, एनडीए से लेकर महागठबंधन तक दिखा रहे ताकत

पटना, अरुण अशेष। दिल्ली विधानसभा चुनाव 2020 (Delhi Assembly Election 2020) में इसी साल होने वाले बिहार के चुनाव का रिहर्सल (Rehearsal) भी हो रहा है। एनडीए (NDA) के तीनों घटक दल सांकेतिक तौर पर ही सही एकजुटता का परिचय दे रहे हैं, जबकि महागठबंधन (Mahagathbandhan) के दलों में से एक हिंदुस्‍तानी अवामी मोर्चा (HAM) राज्य में हुए उपचुनाव की तरह दिल्ली में भी अपनी डफली अलग बजा रहा है। हम के दो उम्मीदवार मैदान में हैं। पटपटगंज और नई दिल्ली क्षेत्र में हम ने उम्मीदवार उतारा है। इन सीटों पर कांग्रेस के भी उम्मीदवार हैं। एनडीए से लेकर महागठबंधन तक दिल्‍ली में ताकत दिखा रही है, ताकि इसका प्रभाव बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Assembly Election 2020) में भी पड़े।

अलग-थलग पड़ गए हैं जीतनराम मांझी 

विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) अपने चार उम्मीदवारों के अलावा कांग्रेस (Congress) के उम्मीदवारों का भी प्रचार कर रहे हैं। हम के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी (Jitan Ram Manjhi) को राजद-कांग्रेस वाले न पूछ रहे हैं, न वह खुद उनके क्षेत्रों में जा रहे हैं। संभावना है कि मांझी का यह रूख बिहार विधानसभा चुनाव तक जारी रहेगा। बिहार विधानसभा की पांच सीटों पर उप चुनाव हुआ था। राजद-कांग्रेस में तालमेल था। मांझी के उम्मीदवार नाथनगर में थे। महागठबंधन का एक अन्य घटक विकासशील इंसान पार्टी (VIP) ने भी उप चुनाव में अपना उम्मीदवार दिया था। गनीमत है कि यह पार्टी दिल्ली विधानसभा चुनाव में शामिल नहीं है। 

 चिराग पासवान को दिया गया खास महत्‍व

एनडीए की एकजुटता का एक और संदेश दिल्ली से मिल रहा है। गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) 16 जनवरी को वैशाली आए थे। अपने भाषण में उन्होंने एनडीए की एकजुटता की चर्चा के दौरान सिर्फ भाजपा-जदयू का नाम लिया था। इससे लोजपा कार्यकर्ताओं (LJP workers) में बेचैनी बढ़ गई थी। दिल्ली में लोजपा (LJP) को एक सीट दी गई और सभा मंच पर अमित शाह और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) ने लोजपा अध्यक्ष चिराग पासवान (Chirag Paswan) को खास महत्व दिया। लोजपा कार्यकर्ताओं ने इसे एकजुटता के संदेश के तौर पर लिया। मान लिया कि लोकसभा चुनाव की तरह बिहार विधानसभा के चुनाव में भी लोजपा को इज्जत मिलेगी। 

दिल्‍ली विधानसभा चुनाव की खास बातें   दिल्ली विधानसभा में बिहार के पहले विधायक के तौर पर कीर्ति झा आजाद की इंट्री हुई। 1993 में वे गोलमार्केट सीट से भाजपा टिकट पर जीते। 2003 में उनकी पत्नी पूनम झा इसी सीट से भाजपा उम्मीदवार की हैसियत से लड़ीं। हार गईं। आजाद कहते हैं- यह संयोग है कि हम जिस सीट से चुनाव जीते, उसमें बिहार के वोटर कम थे।  लगातार तीन बार बिहार के किसी नेता को दिल्ली विधानसभा का चुनाव जीतने का अवसर मिला तो वे महाबल मिश्रा हैं।  वे मधुबनी  के हैं। नसीरपुर से 1998, 2003 और 2008 का चुनाव जीते। बाद में सांसद भी बने। उनके पुत्र विनय मिश्र इस बार आप के टिकट पर द्वारका से चुनाव लड़ रहे हैं।  बिहार के दलों के कुल नौ उम्मीदवार दिल्ली विधानसभा का चुनाव लड़ रहे हैं। खास बात यह है कि इनके अधिसंख्य उम्मीदवार बाहर के हैं। राजद के चार में से एक मो. रियाजुद्दीन खान बिहार के हैं। जदयू के दो में से एक शैलेंद्र कुमार बिहार के हैं। लोजपा के इकलौते उम्मीदवार संतलाल चावड़ी दिल्ली के मूल निवासी हैं।  हिन्दुस्तानी अवामी मोर्चा की उम्मीदवार अदिति सिंह जम्मू की हैं। शत्रुघ्न कुमार दिल्ली के हैं। ये दोनों क्रमश: नई दिल्ली और पटपटगंज से चुनाव लड़ रहे हैं।  किरारी में जदयू और राजद के उम्मीदवार क्रमश: शैलेंद्र कुमार और प्रमोद त्यागी के बीच मुकाबला है। अन्य सीटों पर राज्य के दल आपस में नहीं टकरा रहे हैं।  वैसे तो दिल्ली की हरेक विधानसभा क्षेत्र में बिहार के वोटर हैं। लेकिन, सीमापुरी, संगम बिहार, मंडावली, बदरपुर, पालम, द्वारका, किरारी, बुरारी, उत्तमनगर और विकासपुर ऐसे विधानसभा क्षेत्र हैं, जहां बिहार के वोटर निर्णायक माने जाते हैं। 

chat bot
आपका साथी