लालू की सजा पर संशय खत्‍म, साढ़े तीन साल की सजा और 5 लाख का जुर्माना

राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव को रांची की सीबीआइ कोर्ट ने साढ़े तीन साल की कैद और 5 लाख जुर्माना की सजा सुनाई गई।

By Kajal KumariEdited By: Publish:Fri, 05 Jan 2018 09:32 AM (IST) Updated:Sat, 06 Jan 2018 11:04 PM (IST)
लालू की सजा पर संशय खत्‍म, साढ़े तीन साल की सजा और 5 लाख का जुर्माना
लालू की सजा पर संशय खत्‍म, साढ़े तीन साल की सजा और 5 लाख का जुर्माना

रांची [जेएनएन]। चारा घोटाला मामले में रांची की सीबीआइ की विशेष अदालत से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए शुक्रवार को सुनवाई पूरी हो गई लेकिन सजा शनिवार को सुनाई गई, क्योंकि छह दोषियों की सजा पर सुनवाई शनिवार को हुई और उसके बाद सबको एक साथ सजा सुनाई गई।

बता दें कि जेल से ही लालू सहित सभी दोषियों की वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए सजा की सभी बिंदुओं पर बहस हुई। लालू प्रसाद, आरके राणा और फूलचंद सिंह, सहित दो और लोगों की सजा के बिंदुओं पर हुई बहस के बाद कोर्ट ने सबकी सजा शनिवार की दोपहर दो बजे के बाद सुनाने का फैसला किया।

शुक्रवार को गहमागहमी के बीच सीबीआइ कोर्ट के जज लालू की सजा की सुनवाई के लिए कांफ्रेंसिंग रूम में पहुंचे और सजा के मामले पर सुनवाई शुरू हुई, लालू ने अपना पक्ष रखा। साथ ही अन्य चार लोगों की भी सजा की सुनवाई कल पूरी हो गई। कोर्ट परिसर में राजद के वरिष्ठ नेता रघुवंश प्रसाद के साथ भोला यादव भी मौजूद रहे। सुनवाई के दौरान कोर्ट परिसर में सुरक्षा की कड़ी व्यवस्था की गई थी।

कोर्ट के बाहर गहमागहमी

रांची की विशेष सीबीआइ कोर्ट मे गहमागहमी तेज रही। राजद के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष गौतम सागर राणा समेत राजद के सैकड़ों समर्थक कोर्ट पहुंचे थे। होटवार जेल के बाहर और कोर्ट परिसर की सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई थी। सिटी एसपी भी बिरसा मुंडा जेल पहुंचे।

लालू की ओर से दिया गया आवेदन, कम से कम सजा की मांग

चारा घोटाले में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद के वकील चितरंजन प्रसाद ने उनके स्वास्थ्य संबंधी आधार पर आवेदन देकर अदालत से उन्हें कम से कम सजा दिलाने की मांग की है। लालू के वकील और पटना हाई कोर्ट के अधिवक्ता चितरंजन सिन्हा ने सीबीआई के विशेष न्यायाधीश शिवपाल सिंह की अदालत में इसके लिए उन्होंने लालू के स्वास्थ्य संबंधित एक लिखित आवेदन कोर्ट को सौंपा।

आवेदन में उन्होंने कहा है कि लालू प्रसाद का हृदय वाल्ब बदला गया है। 2014 में मुंबई में इसके लिए ऑपरेशन हुआ था। उनकी उम्र भी 70 के पार है। उनका उच्च रक्तचाप, शुगर बढ़ा हुआ है। उन्हें प्रतिदिन दवा खानी होती है। सप्ताह में एक बार जांच होती है। उन्हें स्वस्थ रहने के लिए व्यायाम करना पड़ता है।

इतना ही नहीं उन्होंने यह भी आग्रह किया है कि लालू प्रसाद के खिलाफ कोई सीधा आरोप नहीं है। वह पिछले 21 वर्षों से मुकदमा लड़ रहे हैं। करीब 1 साल जेल में भी रह चुके हैं इन चीजों को देखते हुए उन्हें कम से कम सजा दी जाए। 

बुधवार को नहीं हुई थी सजा पर सुनवाई

इससे पहले लालू यादव बुधवार को सुबह सीबीआइ की विशेष अदालत आए लेकिन उनकी सजा पर ग्रहण लग गया क्योंकि न्यायालय के दो वकीलों के कंडोलेंस में सभी वकील चले गए और जज ने सजा नहीं सुनाई। जिसके बाद लालू वापस जेल को लौट गए।

गुरुवार को अल्फाबेट के पेंच में फंसे लालू, नहीं हुई सजा

फिर गुरुवार को सजा का एलान होना था, सुबह से कोर्ट और जेल के बाहर गहमागहमी बनी रही लेकिन दोपहर बाद लालू जेल से कोर्ट के लिए निकले। कोर्ट में काफी भीड़ थी और जेल के बाहर भी काफी भीड़ रही। लेकिन सजा का एलान गुरुवार को भी नहीं हो सका। क्योंकि अलफाबेटिकली लालू का नाम एल से शुरू होता है और कल ए से लेकर के तक के नाम वाले आरोपियों को सजा सुनाई गई जिसमें पांच दोषी ही थे। 

गुरुवार को कोर्ट पहुंचे लालू ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की और कोर्ट रूम में पहुंचे लालू ने जज से अपने मजाकिया लहजे में कहा-जज साहेब जेल में बहुत ठंडा लगता है, जज ने कहा-तो तबला और हारमोनियम बजाइए।

अब देखना होगा कि सीबीआइ की विशेष अदालत के जज शिवपाल सिंह की अदालत आज लालू को कितनी सजा सुनाती है। लालू को आज सजा होती भी है क्या? अगर होती भी है तो अवधि क्या होगी? इसपर पूरे देश की नजरें टिकी हुई है।

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