बिहार में आंधी-बारिश और आकाशीय बिजली ने मचाया कहर:19 लोगों की मौत

बिहार के कई जिलों में सोमवार की देर शाम आंधी-तूफान और बारिश से 19 लोगों की मौत हो गई। एक तरफ जहां बारिश ने तबाही मचाई, वहीं इससे आम और लीची की फसलों को फायदा होगा।

By Kajal KumariEdited By: Publish:Tue, 29 May 2018 08:56 AM (IST) Updated:Tue, 29 May 2018 09:52 PM (IST)
बिहार में आंधी-बारिश और आकाशीय बिजली ने मचाया कहर:19 लोगों की मौत
बिहार में आंधी-बारिश और आकाशीय बिजली ने मचाया कहर:19 लोगों की मौत

पटना [जागरण टीम]। आंधी और ओले के साथ सोमवार देर शाम हुई भारी बारिश के बीच दीवार गिरने एवं वज्रपात से प्रदेश में 19 लोगों की मौत हो गई। हालांकि, आपदा प्रबंधन विभाग को अभी विस्तृत रिपोर्ट की प्रतीक्षा है। संख्या बढ़ सकती है।

मुख्यमंत्री ने आंधी-तूफान में मारे गए लोगों के प्रति संवेदना जताई है, साथ ही मुख्यमंत्री ने आंधी-तूफान में मारे गए 19 लोगों को श्रद्धांजलि भी दी है। मुख्यमंत्री ने मृतकों के परिजनों को अनुग्रह अनुदान जल्द उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है।

मौसम वैज्ञानिकों ने इसे प्री-मॉनसून बारिश बताया है, जिसके लक्षण तीन-चार दिन पहले से बन रहे थे। तेज हवाओं के साथ बारिश और वज्रपात के चलते सासाराम, कटिहार, औरंगाबाद, नवादा जिले में दो-दो एवं गया जिले में चार लोगों की मौत हो गई। गांवों में आंधी से सैकड़ों घरों के छप्पर उड़ गए।
गया जिले के टिकारी में पॉल्ट्री फार्म की दीवार पलट जाने से एक हजार मुर्गियां दब गईं। राजगीर में मलमास मेला पर भी असर पड़ा है। कई पंडाल गिर गए हैं। बारिश में कई घरों को भी नुकसान पहुंचा है। जगह-जगह तार टूटने और फॉल्ट आने से बिजली भी गुल हो गई है। राजधानी समेत प्रदेश के दक्षिण-पूर्व के कई जिलों में जमकर बारिश हुई। मौसम विभाग ने पहले ही अलर्ट जारी कर रखा था। 
दो परिवारों के पांच की मौत 
गया और कटिहार जिलों में दो परिवारों पर यह आंधी-बारिश कहर बनकर टूटी। खिजरसराय प्रखंड के महकार गांव में घर पर पेड़ गिरने से एक ही परिवार के तीन सदस्यों की मौत हो गई, जबकि सदर एक व्यक्ति की जान दीवार गिरने से चली गई।
कटिहार के कोढ़ा थाने की मधुरा पंचायत के महादलित टोले के एक घर पर उस समय पेड़ गिर गया, जब सब लोग सो रहे थे। घटना में परिवार के दो लोगों की मौके पर ही मौत हो गई। जिले में वज्रपात में तीन अन्य के झुलसने की खबर है। 
आम-लीचीको फायदा पहुंचाएगी बारिश 
आंधी के साथ बारिश में जहां आम जनजीवन को अस्तव्यस्त कर दिया, वहीं आम एवं लीची किसानों के लिए यह फायदेमंद साबित होगा। अब दोनों फलों में मीठापन आएगा। धान की अगेती खेती करने वालों के लिए भी यह बारिश राहत लेकर आई है। बीज की बुआई में किसानों को सहूलियत होगी। इसी तरह मक्के का खेत अब बेहतर तैयार हो सकेगा। मूंग की फसल के लिए यह अनुकूल है, जबकि अन्य दलहन फसलों की व्यापक क्षति हुई है। 
कहां कितनी मौत 
गया : 4
कटिहार : 2
औरंगाबाद : 2
नवादा : 2
सासाराम : 2
अन्य- 4
काल बैसाखी ने भी किया था भारी नुकसान 
इस महीने के प्रारंभ में काल बैसाखी ने भी बिहार के हजारों किसानों को परेशान किया था। बेमौसम बारिश और आंधी-तूफान में प्रदेश में करीब साढ़े 30 हजार हेक्टेयर में खड़ी फसलें चौपट हो चुकी थीं। इसमें आम-लीची की फसलों के नुकसान का आंकड़ा जोड़ देने पर 50 हजार हेक्टेयर को भी पार कर गया था।
सबसे ज्यादा तबाही समस्तीपुर जिले में हुई थी, जहां 10 हजार हेक्टेयर में खड़ी फसलें तबाह हो गई थीं। मक्का की फसल को ज्यादा धक्का लगा था। गेहूं, चना, दलहन एवं तेलहन फसलें भी बड़ी मात्रा में तबाह हुई थीं। 

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