प्रदेश के निजी विद्यालयों में आरटीई कानून के साथ मनमानी

बिहार में शिक्षा का अधिकार (आरटीइ) कानून मजाक बनकर रह गया है। जिलों में निजी स्कूलों की मनमानी संबंधी शिकायतों का अंबार लगा है। पटना, मुजफ्फरपुर, दरभंगा, भागलपुर ,किशनगंज आदि में 123 ऐसे निजी स्कूल हैं, जहां आरटीइ एक्ट के तहत एक भी गरीब बच्चे का दाखिला नहीं हुआ है।

By Kajal KumariEdited By: Publish:Thu, 09 Jul 2015 11:20 AM (IST) Updated:Thu, 09 Jul 2015 11:53 AM (IST)
प्रदेश के निजी विद्यालयों में आरटीई कानून के साथ मनमानी

पटना [दीनानाथ साहनी]। बिहार में शिक्षा का अधिकार (आरटीइ) कानून मजाक बनकर रह गया है। जिलों में निजी स्कूलों की मनमानी संबंधी शिकायतों का अंबार लगा है। बानगी देखिए-पटना, मुजफ्फरपुर, दरभंगा, भागलपुर एवं किशनगंज आदि में 123 ऐसे निजी स्कूल हैं, जहां आरटीइ एक्ट के प्रावधान के तहत एक भी गरीब बच्चे का दाखिला नहीं लिया गया है।

इनमें पटना जिले के सर्वाधिक 81 स्कूल हैं। इसका खुलासा शिक्षा विभाग की वार्षिक रिपोर्ट में हुआ है। बहरहाल जिन स्कूलों में गरीब बच्चों को नामांकन हुआ उन स्कूलों को प्रतिपूर्ति के तौर पर राज्य सरकार द्वारा 8.93 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी जा चुकी है।

आरटीइ एक्ट के प्रावधान के मुताबिक निजी स्कूलों में 25 फीसद सीटों पर गरीब वर्ग के बच्चों का नामांकन लेना अनिवार्य है, लेकिन नामचीन निजी स्कूल कानून का उल्लंघन कर रहे। जिले के स्तर पर ऐसे स्कूलों की मनमानी की जांच और कार्रवाई के लिए जिलाधिकारी द्वारा समिति गठित है, जो कागजी बनकर रह गई है।

मिली जानकारी के मुताबिक पटना, गया, मुजफ्फरपुर, दरभंगा, भागलपुर ऐसे पांच जिले हैं, जहां के बड़े स्कूलों में तो एक भी गरीब बच्चे का नामांकन नहीं हुआ। शिक्षा विभाग के आदेश पर निजी स्कूलों को पिछले साल नवंबर में ही चालू सत्र (2015-16) में निर्धारित तिथि तक अनिवार्य रूप से गरीब वर्ग के बच्चों के निबंधन व दाखिले के लिए कहा गया था, अन्यथा कार्रवाई की चेतावनी दी गई थी।

रिपोर्ट के अनुसार प्रदेश के 219 निजी स्कूलों में आज की तारीख में 11228 बच्चों का नामांकन हो चुका है। पिछले वर्ष की तुलना में करीब आठ हजार बच्चों की संख्या कम है। औरंगाबाद, अरवल, जमुई, खगडिय़ा, सुपौल, मधेपुरा एवं गोपालगंज में गरीब बच्चों के दाखिले का प्रतिशत कम पाया गया है।

भागलपुर के 13 निजी विद्यालयों में सर्वाधिक 603 गरीब वर्ग के बच्चों का नामांकन हुआ। वहां के पांच स्कूलों में एक भी बच्चे का दाखिला नहीं हुआ है। किशनगंज जिले के नौ निजी स्कूलों ने बच्चों का दाखिला नहीं लिया है। मुजफ्फरपुर में सात स्कूलों में 543 और दरभंगा जिले के 14 स्कूलों में 321 बच्चों का दाखिला लिया गया है।

पटना जिले के 45 स्कूलों में 543 बच्चों को दाखिला मिला। पटना जिला में सीबीएसई और आइसीएसई से मान्यता प्राप्त 126 निजी स्कूल संचालित हैं। शिक्षा विभाग नामांकन में नियमों का उल्लंघन करने वाले स्कूलों के संबंध में जांच कराने की तैयारी में है।

पिछले पांच वर्षों में नामांकन की स्थिति

* 2011-12 : 2677 बच्चे

* 2012-13 : 4306 बच्चे

* 2013-14 : 7389 बच्चे

* 2014-15 : 19290 बच्चे

* 2015-16 : 11228 बच्चे

(नोट : नामांकन की स्थिति में प्रति गरीब बच्चा बतौर शुल्क प्रतिपूर्ति राज्य सरकार 4350 रुपये देती है)

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