तुम्हें ढूंढ लेंगी नजरें हमारी, कहां तक चलोगे निगाहें बचाकर

बिहार हिंदी साहित्य सम्मेलन में हिंदी दिवस पर आयोजित पुस्तक-चौदस मेले के सातवें दिन शुक्रवार को हुई कवि गोष्ठी

By JagranEdited By: Publish:Fri, 20 Sep 2019 11:16 PM (IST) Updated:Sat, 21 Sep 2019 06:31 AM (IST)
तुम्हें ढूंढ लेंगी नजरें हमारी, कहां तक चलोगे निगाहें बचाकर
तुम्हें ढूंढ लेंगी नजरें हमारी, कहां तक चलोगे निगाहें बचाकर

पटना। बिहार हिंदी साहित्य सम्मेलन में हिंदी दिवस पर आयोजित पुस्तक-चौदस मेले के सातवें दिन शुक्रवार को कवयित्री-सम्मेलन आयोजित किया गया। इस दौरान महिला साहित्यकारों ने मंच की कमान संभाली। 'तुम सूरज, मैं बादल की छाव..', 'तुम्हें ढूंढ लेंगी नजरें हमारी, कहां तक चलोगे निगाहें बचा कर..', जैसे मधुर भावों से युक्त गीत-गजलों से कवयित्रियों ने पूरे माहौल को खुशनुमा कर दिया। डॉ. पुष्पा जमुआर की अध्यक्षता में आयोजित काव्य-गंगा की गंगोत्री बनी कवयित्री चंदा मिश्र ने वाणी-वंदना के रूप में गीत का जल छोड़ा। कवयित्री डॉ. मंगला रानी ने 'लौटेगी नैया फिर से घर, मन का विभोर हो बल खाना। फिर सौंपेगे हम 30 भारी विरही रातों का शुकराना..' सुनाया तो सागरिका राय ने सुनाया- 'जन-जन हिदी, मन-मन हिदी, हो अब सिर्फ उद्देश्य यही..'। डॉ. सीमा यादव ने पिता को समर्पित तो पूनम आनंद ने हिंदी की शक्ति को प्रदर्शित करती कविता सुनाई। शायरा शमा कौसर ने फरमाया कि 'तुम्हें ढूंढ लेंगी ये नजरें हमारी, कहां तक चलोगे निगाहें बचाकर। खुदाई का दावा तो करते सभी हैं, दिखा दो अगर एक तिनका बनाकर..' सुनाकर महफिल की वाहवाही लूटी। जीनत शेख ने औरतों को नसीहत दी- 'अपना शोषण करने का नहीं दो तुम अधिकार, अपने दोहन को नियति मान, नहीं करो स्वीकार..'। इस दौरान रेखा भारती और पूनम सिन्हा श्रेयसी ने भी अपनी कविताएं सुनाई। मंच की संचालिका डॉ. शालिनी पांडेय, अनुपमा नाथ, मधु रानी, डॉ. पूनम कुमारी 'परिहार', राजकाता राज, प्रेमलता सिंह, पूनम देवा, श्वेता मिनी, माधुरी भट्ट, इंदू उपाध्याय, सुलोचना, शिवानी कुमारी, नीतू कुमारी, निधिश्री, कुमारी मेनका, पूजा वंदना ने भी अपनी रचनाओं से ख़ूबसूरत अहसास जगाया। सम्मेलन के अध्यक्ष डॉ. अनिल सुलभ, उपाध्यक्ष नृपेंद्र नाथ गुप्त, डॉ. शकर प्रसाद, आचार्य विजय गुंजन, रमेश कंवल, परवेज आलम, विश्वनाथ वर्मा, योगेंद्र प्रसाद मिश्र, जय प्रकाश पुजारी, अंबरीष कात, प्रभात धवन समेत बड़ी संख्या में साहित्यसेवी एवं प्रबुद्धजन उपस्थित थे। इस मौके पर विद्यार्थियों के लिए दोहा और श्लोक पाठ की प्रतियोगिता आयोजित हुई, जिसमें विभिन्न स्कूलों के विद्यार्थियों रवि राज, केशव, पूजा, वंदना, ऋचा, प्रीति, अनमोल, निधि श्री, पीयूष तथा राज प्रीत ने अपनी प्रस्तुति से मनोहारी प्रभाव छोड़ा।

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