गीत-गजल से रूमानी होगी पटना की शाम, कुुमार विश्वास, शबीना और सुरेश अवस्थी होंगे मेहमान
राजधानी के श्रीकृष्ण मेमोरियल हॉल में शनिवार की शाम अदब की महफिल सजेगी। शाम 630 बजे अखिल भारतीय कवि सम्मेलन का आगाज होगा।
पटना, जेएनएन। दैनिक जागरण एक बार फिर देश के बेहतरीन कवियों, गीतकारों और शायरों का गुलदस्ता लेकर हाजिर होने वाला है। राजधानी के श्रीकृष्ण मेमोरियल हॉल में शनिवार की शाम अदब की महफिल सजेगी। शाम 6:30 बजे अखिल भारतीय कवि सम्मेलन का आगाज होगा। जागरण कवि सम्मेलन का सबसे बड़ा आकर्षण होंगे सुप्रसिद्ध कवि और गीतकार डॉ. कुमार विश्वास।
उनके साथ प्रसिद्ध कवि डॉ. सुरेश अवस्थी, दिनेश बावरा, आशीष अनल, तेज नारायण शर्मा और हाशिम फिरोजाबादी भी होंगे। गजल और गीतों की महफिल की शान शबीना अदीब भी फनकारों की जमात में शामिल होंगी। इंट्री के लिए पास जरूरी अखिल भारतीय कवि सम्मेलन का उद्घाटन शाम 6:30 बजे होगा। अपने प्रिय कवियों, शायरों और गीतकारों को सुनने के लिए इंट्री पास जरूरी होगा। एक इंट्री पास पर दो लोगों को प्रवेश दिया जाएगा।
आमंत्रित कविगण
डॉ. कुमार विश्वास
डॉ. सुरेश अवस्थी
आशीष अनल
तेज नारायण शर्मा
हाशिम फिरोजाबादी
शबीना अदीब
दिनेश बावरा
कायम है जागरण की परंपरा
आज के दौर में कवि सम्मेलनों की जो लोकप्रियता है, उसमें दैनिक जागरण का भी महत्वपूर्ण योगदान रहा है। जागरण लगभग दो दशकों से राजधानी में अखिल भारतीय कवि सम्मेलन का आयोजन करा रहा है। अदब और शायरी की दुनिया का शायद ही कोई ऐसा नाम हो जिसने जागरण के कवि सम्मेलन में शिरकत न की हो। बीच में एक ऐसा भी दौर आया जब कविताएं आम आदमी से दूर जा रही थीं, ऐसे समय में जागरण ने कवि सम्मेलनों के जरिए कवियों को सीधे जनता से रूबरू कराया।
उनके साथ प्रसिद्ध कवि डॉ. सुरेश अवस्थी, दिनेश बावरा, आशीष अनल, तेज नारायण शर्मा और हाशिम फिरोजाबादी भी होंगे। गजल और गीतों की महफिल की शान शबीना अदीब भी फनकारों की जमात में शामिल होंगी। इंट्री के लिए पास जरूरी अखिल भारतीय कवि सम्मेलन का उद्घाटन शाम 6:30 बजे होगा। अपने प्रिय कवियों, शायरों और गीतकारों को सुनने के लिए इंट्री पास जरूरी होगा। एक इंट्री पास पर दो लोगों को प्रवेश दिया जाएगा।
आमंत्रित कविगण
डॉ. कुमार विश्वास
डॉ. सुरेश अवस्थी
आशीष अनल
तेज नारायण शर्मा
हाशिम फिरोजाबादी
शबीना अदीब
दिनेश बावरा
कायम है जागरण की परंपरा
आज के दौर में कवि सम्मेलनों की जो लोकप्रियता है, उसमें दैनिक जागरण का भी महत्वपूर्ण योगदान रहा है। जागरण लगभग दो दशकों से राजधानी में अखिल भारतीय कवि सम्मेलन का आयोजन करा रहा है। अदब और शायरी की दुनिया का शायद ही कोई ऐसा नाम हो जिसने जागरण के कवि सम्मेलन में शिरकत न की हो। बीच में एक ऐसा भी दौर आया जब कविताएं आम आदमी से दूर जा रही थीं, ऐसे समय में जागरण ने कवि सम्मेलनों के जरिए कवियों को सीधे जनता से रूबरू कराया।
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