पटना में संपत्ति खरीदने से हिचकने लगे हैं लोग, सामने आयी ये वजह

पटना व इसके आसपास के इलाके में निवेश के लिए जमीन की खरीद-बिक्री नहीं के बराबर हो रही है। निबंधन विभाग पर आयकर का कसता शिकंजा निवेशकों को राजधानी में जमीन खरीदने से रोक रहा है।

By Ravi RanjanEdited By: Publish:Tue, 16 Jan 2018 03:47 PM (IST) Updated:Wed, 17 Jan 2018 11:18 PM (IST)
पटना में संपत्ति खरीदने से हिचकने लगे हैं लोग, सामने आयी ये वजह
पटना में संपत्ति खरीदने से हिचकने लगे हैं लोग, सामने आयी ये वजह

पटना [चंद्रशेखर]। राजधानी व आसपास के क्षेत्र में जमीन की खरीद-बिक्री के कारोबार में अप्रत्याशित कमी आई है। संभावित कारण के रूप में तर्क दिया जा रहा है अब निवेश के लिए जमीन की खरीद-बिक्री नहीं के बराबर हो रही है। निबंधन विभाग पर आयकर का कसता शिकंजा निवेशकों को राजधानी में जमीन खरीदने से रोक रहा है। परिणामस्वरूप इन्वेस्टमेंट के लिए जमीन खरीदने वाले बिदक गए हैं।

इससे जमीन की कीमत में तो कमी आई ही है, फ्लैट की बुकिंग भी बहुत कम होने लगी है। जमीन व फ्लैट खरीदने वाले वास्तविक लोग ही निबंधन करा रहे हैं। परिणामस्वरूप इस साल जमीन के निबंधन की रफ्तार सुस्त पड़ गई है। राजस्व का ग्राफ धड़ाम से नीचे आ गया है। इस वित्तीय वर्ष के नौ महीनों के दौरान पटना सदर का राजस्व लक्ष्य मात्र 53 फीसद ही पूरा हो पाया है।

इस वित्तीय वर्ष निबंधन कार्यालय को अभी तक 202.8 करोड़ रुपये राजस्व की प्राप्ति हुई है। लक्ष्य 380 करोड़ रुपये रखा गया था। पिछले साल लक्ष्य 323 करोड़ था। 269 करोड़ के राजस्व हासिल हुआ था। हालांकि पिछले साल मुफस्सिल कार्यालयों में राजस्व प्राप्ति बेहतर थी। लक्ष्य के 90 फीसद से अधिक राजस्व की प्राप्ति हो गई थी। इस बार तो बाढ़ कार्यालय लक्ष्य का महज 51 फीसद राजस्व ही हासिल कर सका है।

पिछले साल नोटबंदी के बाद निबंधन का ग्राफ काफी तेजी से नीचे गिरा था। इसके बावजूद अंत तक बेहतर राजस्व प्राप्त हुआ था। पटना सिटी निबंधन कार्यालय ने पिछले साल लक्ष्य 88 करोड़ के विरुद्ध 72 करोड़ राजस्व हासिल किया था। जबकि इस बार अभी तक 107 करोड़ लक्ष्य में मात्र 62 करोड़ रुपये राजस्व की प्राप्ति हो सकी है।

दानापुर क्षेत्र में सबसे अधिक अपार्टमेंट बनाए गए हैं। इसमें वास्तविक खरीदार अधिक दिलचस्पी दिखा रहे हैं। नतीजा यह है कि पिछले साल भी 144 करोड़ लक्ष्य के विरुद्ध 135 करोड़ राजस्व की प्राप्ति हुई थी जो लक्ष्य का 94 फीसद था।

इस साल दानापुर का लक्ष्य 170 करोड़ रखा गया था, इसमें अभी तक 108 करोड़ राजस्व की प्राप्ति हो सकी है। यह लक्ष्य का 64 फीसद है। बाढ़ में पिछले वर्ष लक्ष्य 20 करोड़ रखा गया था, जिसके विरुद्ध 7.7 करोड़ राजस्व की प्राप्ति हुई थी। इस साल दिसंबर तक 25 करोड़ के लक्ष्य के विरुद्ध मात्र 12.75 करोड़ राजस्व की प्राप्ति हुई है। यह लक्ष्य का 51 फीसद है। 

फुलवारीशरीफ निबंधन कार्यालय लक्ष्य का 47 फीसद राजस्व ही अबतक हासिल कर सका है। यह सबसे कम है। इसके पीछे तर्क दिया जा रहा है कि 20 लाख या इससे अधिक की संपत्ति की खरीद पर आयकर विभाग की ओर से नोटिस भेजा जा रहा है।

राजधानी में ऐसा कोई भी प्लॉट अथवा फ्लैट नहीं है जिसकी कीमत 20 लाख से कम हो। जमीन की बिक्री कम होने से अपार्टमेंट की खरीद बढ़ी है। दानापुर में सैकड़ों की संख्या में अपार्टमेंट बना लिए गए हैं। अधिकतर खरीदार नौकरी-पेशा लोग हैं जो बैंक से लोन लेकर फ्लैट खरीद रहे हैं। इस वित्तीय वर्ष के अंत तक वहां 95-100 फीसद राजस्व प्राप्त होने की उम्मीद है।

chat bot
आपका साथी