मानसून और बिजली की आंख मिचौली से पटनावासी परेशान, गर्मी से नहीं मिल रही निजात

पटना [संजय रंजन]। पटना में शुक्रवार को भी उमस भरी गर्मी और तीखी धूप से लोग परेशान दिखे। बढ़ती गर्मी

By JagranEdited By: Publish:Fri, 22 Jun 2018 05:02 PM (IST) Updated:Fri, 22 Jun 2018 05:02 PM (IST)
मानसून और बिजली की आंख मिचौली से पटनावासी परेशान, गर्मी से नहीं मिल रही निजात
मानसून और बिजली की आंख मिचौली से पटनावासी परेशान, गर्मी से नहीं मिल रही निजात

पटना [संजय रंजन]। पटना में शुक्रवार को भी उमस भरी गर्मी और तीखी धूप से लोग परेशान दिखे। बढ़ती गर्मी की वजह से जहां बिजली की खपत बढ़ गई है वहीं बिजली की आंख मिचौली से लोग काफी परेशान रह रहे है। रह रहकर बिजली की ट्रिप और कटौती से काफी परेशानी हो रही है। अभी के मौसम को देखते हुए ऐसा लगता है कि मानसून आने में देर होगी। ग्लोबल वार्मिग ने पटना समेत पूरे बिहार को झकझोर दिया है।

शुक्रवार को भी धूप और उमस ने पटनावासियों को बेहाल कर दिया। अगले दो-तीन दिनों तक उमस और गर्मी का प्रकोप जारी रहने की संभावना है। उधर बिजली की बढ़ती खपत से बिजली में लगातार कटौती जारी है। इससे लोगों को काफी परेशानी हो रही है। बिजली कटने का कोई निर्धारित समय भी तय नहीं है। बिजली की मांग को लेकर जगह जगह धरना प्रदर्शन किये जा रहे है।

रिमझिम नहीं, होगी भारी बारिश

मौसम विज्ञानियों के मुताबिक बिहार में आने वाले दिनों में अब बारिश की फुहार नहीं बल्कि अछ्छी बारिश देखने को मिलेगी। रिमझिम पानी के न होने से किसान भी काफी परेशान है। इसका असर कृषि अर्थव्यवस्था पर भारी पड़ेगा। यदि मौसम विज्ञानियों की बात सही निकली जो भविष्यवाणी पर आधारित है तो पटना समेत कई शहरों की हालत डूबने जैसी होगी। शहरों के ड्रेनेज सिस्टम अब भी सही नहीं है। भारी बारिश से पटना की हालत और भयावह हो जाती है। चारों तरफ पानी ही पानी दिखता है क्योंकि यहा वर्षा जल निकासी की व्यवस्था कोई खास अच्छी नहीं है। हालांकि सरकार और प्रशासन का मानना है कि जलजमाव की स्थिति में 24 घंटों के भीतर शहर के किसी मोहल्ले से पानी निकाल लिया जाएगा।

बाढ़ और सूखा दोनों देखने को मिलेंगा

बिहार में पिछले चार-पाच वषरें में 24 घटे में 50 मिलीमीटर से अधिक वर्षा वाले औसत दिनों की संख्या बढ़कर 17-18 हो गई है। इससे पहले के दशक में ऐसे दिनों की संख्या करीब बारह दिन थी। इस साल मॉनसून भी ग्लोबव वार्मिग के पेच में फंस चुका है। एक वैज्ञानिक अध्ययन में आशका व्यक्त की गई है कि बिहार में बाढ़ और सूखा दोनों एक साथ देखने को मिल सकते हैं। विश्लेषण में एक अन्य खास बात यह है कि राज्य की औसत वर्षा में कोई खास बदलाव नहीं देखा गया है। बदलाव सिर्फ यह है कि बिहार में सालाना औसत बारिश के दिनों की संख्या पहले की तुलना में अब कम हो गई है। रिपोर्ट में बताया गया है कि उत्तरी बिहार में वर्षा के दिनों की परंपरागत संख्या 50-52 दिन थी, अब वर्षा दिनों की संख्या घट कर 42-43 तक रह गई है।

chat bot
आपका साथी