लॉकडाउन लगा तो पुलिस बन करने लगे वसूली, पटना के ठगों ने आपदा में तलाशा अवसर; ऐसे खुला भेद
पटना के कुछ ठगों ने कोरोना की आपदा को अवसर बना लिया। उन्होंने बिहार में लॉकडाउन को सफल बनाने की आड़ में उगाही का बिजनेस शुरू कर दिया। बस फिर क्या था खुद ही बन गए पुलिस वाले और निकल पड़े सब्जी मंडियों की ओर।
पटना, जागरण संवाददाता। पटना के कुछ ठगों ने कोरोना की आपदा को अवसर बना लिया। उन्होंने बिहार में लॉकडाउन को सफल बनाने की आड़ में उगाही का बिजनेस शुरू कर दिया। बस फिर क्या था, खुद ही बन गए पुलिस वाले और निकल पड़े सब्जी मंडियों की ओर। जक्कनपुर थाना क्षेत्र की सब्जी मंडी में इनका भेद तब खुला, जब दुकानदारों को कुछ शक हुआ और उन्होंने दो ठगों को पकड़ लिया। इन दोनों ने बताया कि खुद को पुलिसकर्मी बता सब्जी विक्रेताओं से वसूली मनीष ठाकुर के इशारे पर हो रही थी।
मुख्य आरोपित की तलाश अब भी जारी
इस पूरे फर्जीवाड़े का मास्टरमाइंड मनीष साजिश के तहत गिरोह बना सोनू और प्रमोद के साथ दुकानदारों से उगाही कर रहा था। शनिवार को शक होने पर दुकानदारों ने प्रमोद व सोनू को तो दबोच लिया था, लेकिन शातिर मनीष फरार होने में सफल रहा। मुख्य आरोपित की गिरफ्तारी के लिए पुलिस ने मंगलवार को भी मनीष के घर पर छापा मारा, लेकिन वह नहीं मिला। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि मनीष की गिरफ्तारी के बाद पूरे मामले का पता चल सकेगा। फिलहाल पुलिस आरोपितों के बैंक खाते की भी जांच कर रही है। ताकि यह पता चल सके कि बदमाशों ने अब तक दुकानदारों से कितने रुपये वसूले हैं।
पोस्टल पार्क मंडी में दुकानदारों से कर रहे थे वसूली
दरअसल, शनिवार को मनीष अपने सहयोगी प्रमोद कुमार व सोनू के साथ पोस्टल पार्क मंडी पहुंचा था। वहां वे खुद को पुलिसकर्मी बता सब्जी विक्रेताओं से वसूली कर रहे थे। बदमाश पुलिस की धौंस दिखा लॉकडाउन का हवाला देकर दुकान खोले रखने की बात कह वे दुकानदारों से हजारों रुपये वसूल रहे थे। इसी दौरान शक होने पर दुकानदारों ने प्रमोद व सोनू को दबोच इसकी जानकारी जक्कनपुर थाने को दे दी थी। हालांकि मनीष ठाकुर भागने में सफल हो गया था। मनीष आपराधिक प्रवृत्ति का है। उसके भाई पर भी मुकदमा दर्ज है।