बालिका गृह कांड: HC ने लगाई CBI को फटकार, मीडिया रिपोर्टिंग पर भी लगाई रोक

पटना हाईकोर्ट ने मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड की जांच कर रही सीबीआइ से जांच की प्रगति रिपोर्ट पेश नहीं करने पर फटकार लगाई और अचानक से एसपी के तबादले पर भी कोर्ट ने जवाब मांगा है।

By Kajal KumariEdited By: Publish:Thu, 23 Aug 2018 02:20 PM (IST) Updated:Fri, 24 Aug 2018 05:50 PM (IST)
बालिका गृह कांड: HC ने लगाई CBI को फटकार, मीडिया रिपोर्टिंग पर भी लगाई रोक
बालिका गृह कांड: HC ने लगाई CBI को फटकार, मीडिया रिपोर्टिंग पर भी लगाई रोक

पटना [जेएनएन]। पटना हाईकोर्ट ने मुजफ्फरपुर बालिका गृह यौनशोषण मामले की जांच की स्‍टेटस रिपोर्ट जमा नहीं करने पर जांच एजेंसी सीबीआई की जमकर खिंचाई की और सवाल किया कि जांच टीम का हिस्सा रहे सीबीआइ के एसपी का ट्रांसफर क्‍यों किया गया?

मुख्य न्यायाधीश मुकेश आर. शाह और न्यायमूर्ति रवि रंजन की खंडपीठ ने सीबीआई को निर्देश दिया कि वह 27 अगस्त को मामले में अगली सुनवाई के दौरान अपना जवाब दाखिल करे और उसे अदालत के समक्ष सीलबंद लिफाफे में रखे।

बता दें कि कोर्ट इस मामले में सीबीआई की जांच से नाखुश है और इसके साथ ही पटना हाईकोर्ट ने बालिका गृह कांड की जांच की रिपोर्टिंग पर भी प्रतिबंध लगा दिया हैं। हाईकोर्ट के आदेश के बाद राज्य के महाधिवक्ता ने अपनी राय से राज्य सरकार को अवगत करा दिया, जिसके बाद समाज कल्याण विभाग ने एक नोटिस भी जारी कर इस केस की खबर दिखाने और छापने पर भी प्रतिबंध लगा दिया है।

कोर्ट ने छह अगस्त के अपने पहले के दिए आदेश में सीबीआई के एसपी को निर्देश दिया था कि वह एक अधिवक्ता के जरिये इस अदालत के समक्ष पेश हों और जांच की प्रगति के संबंध में एक रिपोर्ट दायर करें। इस बीच सीबीआई मुख्यालय की ओर से 21 अगस्त को जारी एक आदेश के जरिये एसपी जेपी मिश्रा का ट्रांसफर विशेष अपराध शाखा से पटना स्थित डीआईजी कार्यालय में कर दिया गया।   

इसपर कोर्ट ने सीबीआइ से कहा है कि वह स्पष्ट करे कि मामले में जांच अधिकारी मिश्रा का ट्रांसफर क्यों किया गया? बता दें कि बिहार में विपक्षी दलों ने इस फेरबदल की आलोचना की है और आरोप लगाया है कि इससे जांच प्रतिकूल रूप से प्रभावित होगी।   

पटना हाईकोर्ट बिहार सरकार के अनुरोध पर मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड की जांच की मॉनिटरिंग कर रहा है।इस बीच अदालत ने जांच की जानकारी लीक होने को लेकर भी अप्रसन्नता जतायी और मीडिया से कहा कि वह इसे प्रकाशित करने से परहेज करे क्योंकि यह जांच के लिए नुकसानदायक हो सकता है।

मुजफ्फरपुर बालिका गृह में 34 लड़कियों के साथ यौनशोषण का मामला मुम्बई स्थित टाटा इंस्टीट्यूट आफ सोशल साइंसेस, टिस की सोशल अॉडिट से प्रकाश में आया था। उसके बाद बिहार के सामाजिक कल्याण विभाग ने एक प्राथमिकी दर्ज की थी और 10 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया था जिसमें मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर भी शामिल था जो मुख्य आरोपी है और जेल में बंद है।

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