पटना हाईकोर्ट ने बिहार सरकार से पूछा, लॉकडाउन कब लगेगा? कोरोना पर सिस्टम को बताया फ्लॉप

बिहार में कोरोना संक्रमण के चलते बिगड़ते हालात पर पटना हाईकोर्ट ने कड़ा एतराज जताया है और राज्य सरकार से पूछा है कि लॉकडाउन लगाने की क्या तैयारी है। अदालत ने सरकार से मंगलवार को जवाब देने को कहा है।

By Akshay PandeyEdited By: Publish:Mon, 03 May 2021 09:00 PM (IST) Updated:Mon, 03 May 2021 09:00 PM (IST)
पटना हाईकोर्ट ने बिहार सरकार से पूछा, लॉकडाउन कब लगेगा? कोरोना पर सिस्टम को बताया फ्लॉप
राजधानी स्थित पटना हाईकोर्ट का बाहरी परिसर। जागरण आर्काइव।

राज्य ब्यूरो, पटना: बिहार में कोरोना संक्रमण के चलते बिगड़ते हालात पर पटना हाईकोर्ट ने कड़ा एतराज जताया है और राज्य सरकार से पूछा है कि लॉकडाउन लगाने की क्या तैयारी है। अदालत ने सरकार से मंगलवार को जवाब देने को कहा है। न्यायमूर्ति चक्रधारी शरण सिंह और न्यायमूर्ति मोहित कुमार शाह की खंडपीठ ने सुनवाई करते हुए मौखिक रूप से सरकार के सिस्टम को फ्लॉप बताया और महाधिवक्ता से कहा कि कोरोना की रोकथाम के लिए सरकार के पास कोई इंतजाम नहीं है। ऐसे में लॉकडाउन लगाने का फैसला क्यों नहीं लिया जा रहा है। इसपर सरकार की तरफ से जब कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया गया तो सुनवाई को मंगलवार तक के लिए स्थगित कर दिया गया। तथा अदालत ने कहा कि अगले दिन जवाब के साथ आइए। 

सही-सही जानकारी भी नहीं दी जा रही

खंडपीठ ने राज्य सरकार के कोरोना संक्रमण से निबटने के अभी तक के प्रयासों को असफल बताया और कहा कि सरकार की ओर से अदालत को सही-सही जानकारी भी नहीं दी जा रही है। केंद्रीय स्वास्थ्य टीम और राज्य सरकार की रिपोर्टों में तालमेल नहीं है। अदालत ने संक्रमण से निपटने के लिए सरकार को वार रूम बनाने का निर्देश दिया है। इसमें कोरोना के कम से कम पांच विशेषज्ञ होंगे। इसमें सरकार के साथ अदालत की तरफ से भी लोग शामिल होंगे। 

ऑक्सीजन पर भी पूछा सवाल

खंडपीठ ने जनहित याचिकाओं पर सोमवार को सुनवाई के दौरान प्रदेश में ऑक्सीजन की कालाबाजारी का भी संदेह प्रकट किया। अदालत ने कहा कि राजधानी के दो अस्पतालों में ऑक्सीजन की खपत के आंकड़े अलग-अलग हैैं। पीएमसीएच में करोना मरीजों की संख्या कम होने के बावजूद ऑक्सीजन ज्यादा खर्च हो रहा है, जबकि एनएमसीएच में कोरोना मरीजों की संख्या ज्यादा है। फिर भी ऑक्सीजन की खपत कम हैं। ऐसा क्यों है। जाहिर है, कालाबाजारी की जा रही है। 

जल्द से जल्द इसे कोविड अस्पताल बनाएं

अदालत ने पटना के आइजीआइएमएस अस्पताल को कोविड अस्पताल बनाने की रफ्तार पर भी सवाल उठाया और कहा कि जल्द से जल्द इसे कोविड अस्पताल बनाएं। इसी तरह सुनवाई के दौरान कोर्ट ने बिहटा के ईएसआइसी अस्पताल में भी सुविधाओं की काफी कमी बताई और कहा कि कोरोना मरीजों का ठीक से इलाज नहीं हो पा रहा है, जबकि वहां डॉक्टर भी मौजूद हैं। 

chat bot
आपका साथी