पीएमसीएच में चैंबर के बाहर भी दूर-दूर बैठे मरीज

गुरुवार सुबह के दस बजे हैं। पीएमसीएच में की ओपीडी में मरीजों का अनुशासन देखते ही बन रही थी।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 10 Apr 2020 12:53 AM (IST) Updated:Fri, 10 Apr 2020 06:12 AM (IST)
पीएमसीएच में चैंबर के बाहर भी दूर-दूर बैठे मरीज
पीएमसीएच में चैंबर के बाहर भी दूर-दूर बैठे मरीज

पटना। गुरुवार सुबह के दस बजे हैं। पीएमसीएच में की ओपीडी में मरीजों का अनुशासन देखते बन रहा है। पंजीयन के दौरान जो थोड़ी बहुत नजदीकी दिखी थी वह चिकित्सक कक्ष के सामने पहुंचते ही खत्म हो गई। मरीज बिना किसी कर्मचारी के कहे खुद एक-दूसरे से दूर-दूर बैठे। एक मरीज के चिकित्सक के कक्ष से निकलने के बाद अंदर घुस रहे थे और चिकित्सक के बिल्कुल पास जाने के बजाय दूर बैठकर अपनी समस्या बताते दिखे। सबसे आश्चर्यजनक यह रहा कि कुछ महिलाओं व बुजुर्गो को छोड़ दें तो किसी के साथ कोई स्वजन चिकित्सक कक्ष में नहीं घुसा। कम मरीज होने से आराम से बातें सुन रहे थे चिकित्सक : शिशु रोग विभाग में डॉ. नीलम वर्मा, सर्जरी में डॉ. अमरेंद्र, चर्म रोग में डॉ. अनुपमा, स्त्री रोग में डॉ. चंद्रकिरण और हड्डी रोग में डॉ. राकेश चौधरी मास्क, दस्ताने पहन कर आराम से रोगियों की बातें सुन रही थी। फुलवारीशरीफ से बेटे को दिखाने आए मोहम्मद करीम ने बताया कि पीएमसीएच में चिकित्सकों को इतने ध्यान से इलाज करते पहले कभी नहीं देखा। पहले तो आधी बात सुनने के पहले ही बगल में बैठे जूनियर डॉक्टर दवा लिखकर आगे बढ़ा दिया करते थे। अब रोग की शुरुआत से लेकर तमाम तरह के सवाल कर रहे हैं।

राजवंशीनगर में निदेशक खुद देख रहे मरीजों को : दोपहर के करीब 12 बजे हैं, हड्डी एवं नस रोग के सुपरस्पेशियलिटी हॉस्पिटल के निदेशक डॉ. सुभाष चंद्रा खुद केबिन में बैठे हैं। सुबह से दुर्घटनाग्रस्त करीब 15 मरीजों को देख चुके डॉ. सुभाष ने बताया कि कोरोना से डरने नहीं सावधानी की जरूरत है। वह जरूरत होने पर हाथ लगाकर मरीजों को देखते हैं और बाद में हाथ सैनिटाइज कर लेते हैं। यहां पर पर्सनल प्रोटेक्शन किट समेत तमाम संसाधन हैं। न्यू गार्डनियर में इमरजेंसी में हुआ शुगर रोगियों का उपचार : दोपहर के करीब 11 बजे इंडोक्राइन के सुपरस्पेशियलिटी हॉस्पिटल न्यू गार्डनियर के निदेशक डॉ. मनोज कुमार कक्ष में बैठे हैं। उनके कक्ष के बाहर पांच मरीज बैठे दिखे। पूछने पर पता चला कि शुगर व बीपी अनियंत्रित होने के कारण वे दिखाने आए हैं। डॉ. मनोज कुमार सिन्हा ने बताया कि हर दिन करीब 20 मरीज तो कोई न कोई समस्या लेकर इमरजेंसी में आ ही रहे हैं।

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