RLSP का बिहार बंद: राजधानी पटना में रहा बेअसर, प्रदेश में छिटपुट असर

रालोसपा के प्रदर्शन के दौरान शनिवार को पार्टी सुप्रीमो उपेंद्र कुशवाहा पर लाठीचार्ज के खिलाफ विपक्ष ने सोमवार को बिहार बंद का आह्वान किया। बंद का राज्‍य में मिला-जुला असर दिखा।

By Amit AlokEdited By: Publish:Mon, 04 Feb 2019 09:34 AM (IST) Updated:Mon, 04 Feb 2019 10:53 PM (IST)
RLSP का बिहार बंद: राजधानी पटना में रहा बेअसर, प्रदेश में छिटपुट असर
RLSP का बिहार बंद: राजधानी पटना में रहा बेअसर, प्रदेश में छिटपुट असर
पटना [जेएनएन]। राष्‍ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा) प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा समेत पार्टी कार्यकर्ताओं पर लाठीचार्ज के विरोध में सोमवार को आहूत बिहार बंद का राजधानी पटना की सड़कों पर खास असर नहीं दिखा। सामान्य दिनों की तरह ऑटो और सिटी बसें चलीं। रेल परिचालन भी प्रभावित नहीं हुआ। दोपहर डेढ़ बजे के बाद सड़कों से बंद समर्थक गायब हो चुके थे। सड़कों पर टायर जलाकर आगजनी जरूर की गई, परंतु कहीं से कोई झड़प और तोडफ़ोड़ की घटना सामने नहीं आई। प्रदेश के कुछ जिलों में बंद का आंशिक असर रहा जबकि कई जिलों में बंद बेअसर रहा ।
बताते चलें कि शिक्षा व्यवस्था में सुधार की मांग को लेकर शनिवार को रालोसपा नेताओं ने आक्रोश मार्च निकाला था। इस दौरान डाकबंगला चौराहे को जाम करने पर लाठीचार्ज में उपेंद्र कुशवाहा समेत कई कार्यकर्ता घायल हो गए थे। इसके विरोध में सोमवार को बिहार बंद का एलान किया गया था।
पटना शहर के अधिकांश स्कूल खुले थे। आयकर चौराहे के समीप फल दुकानदारों से दुकानें बंद करने को लेकर बंद समर्थक भिड़ गए। मारपीट होने लगी थी। लेकिन, पुलिस ने फौरन हालात पर काबू पा लिया। इधर, पटना जंक्शन पर दो बंद दर्जन समर्थक घुस गए थे। आरपीएफ ने उन्हें खदेड़ दिया। बुद्ध मार्ग में इंटरमीडिएट काउंसिल के पास महिलाओं ने सड़क जाम कर प्रदर्शन किया। इसके बाद वाहनों को वैकल्पिक मार्ग से निकाला गया। ट्रैफिक एसपी पीएन मिश्र ने बताया कि पुलिस की तैनाती हर जगह थी। कहीं भी जाम की समस्या उत्पन्न नहीं हुई।
डॉक्टर हिरासत में, बाद में छोड़ा :
पटना के आसपास के इलाकों में भी बंद का छिटपुट प्रभाव रहा। बिहटा में बंद समर्थक एक डॉक्टर से भिड़ गए। बंद समर्थकों की शिकायत पर पुलिस ने डॉक्टर को ही हिरासत में ले लिया। हालांकि, बाद में मामला तूल पकडऩे पर पीआर बांड भरवाकर डॉक्टर को छोड़ दिया गया।
पालीगंज में रालोसपा, राजद और माले कार्यकर्ताओं ने बाजार बंद कराया। बाढ़, बिक्रम और अन्य प्रखंडों में भी हल्का असर रहा।
बक्सर में राजधानी एक्सप्रेस को रोका
रालोसपा कार्यकर्ताओं ने सुबह तीन बजे से ट्रैक जाम कर दिया। इससे राजधानी एक्सप्रेस को एक घंटे रोकना पड़ा। शेखपुरा में गया-हावड़ा एक्सप्रेस को जबरन स्टेशन पर  रोका गया। आरा-पटना राजमार्ग, आरा-मोहनिया एनएच, आरा-सासाराम स्टेट हाईवे तथा आरा-बक्सर हाईवे पर चक्का जाम कर दिया गया। सिवान में दोपहर बाद असर समाप्त हो गया।
गोपालगंज में दुकानें बंद कराईं व एनएच पर टायर जलाकर प्रदर्शन किया। नगर थाने में गिरफ्तारी दी गई।  बेगूसराय में सिर्फ मुख्य सड़कों पर दिखा असर। छपरा में यातायात बाधित कर रहे  राजद विधायक जितेंद्र कुमार राय समेत 20 लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया। जहानाबाद में पटना-गया राष्ट्रीय राजमार्ग तथा जहानाबाद-अरवल एनएच पर कार्यकर्ताओं ने वाहनों का परिचालन बंद कराया। 
उत्तर बिहार में पश्चिम चंपारण और सीतामढ़ी में बंद बेअसर रहा। शिवहर और दरभंगा आंशिक असर दिखा। दरभंगा में कमतौल-भरवाड़ा, दरभंगा-जयनगर राष्ट्रीय राजमार्ग को रनवे केवटी के समीप, दरभंगा-समस्तीपुर पथ को पोअरिया चौक पर जाम रखा। मुजफ्फरपुर में खास असर नहीं दिखा।
पूर्णिया में बंद असरदार रहा। विपक्षी दलों के नेता जुलूस की शक्ल में सड़क पर उतरे। सुपौल, मधेपुरा, किशनगंज, अररिया, कटिहार और सहरसा में कुछ घंटे तक बंद समर्थक सड़क पर उतरे आगजनी कर सड़क जाम किया ।

बंद के दौरान रालोसपा नेता नागमणि ने कहा कि राज्‍य सरकार ने शनिवार को उपेंद्र कुशवाहा की हत्‍या की साजिश रची थी। उस दिन पुलिस गुंडों की तरह पेश आई। हालांकि, सोमवार को ही मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि पुलिस को कार्रवाई के लिए उकसाया गया था।

विदित हो कि शनिवार को पटना में रालोसपा के आक्रोश मार्च के दौरान पुलिस ने लाठीचार्ज किया था। इसमें उपेंद्र कुशवाहा भी घायल हो गए। इसके खिलाफ पार्टी ने बिहार बंद का आह्वान किया है। इसे राष्ट्री जनता दल (राजद), कांग्रेस, हिन्दुस्तानी अवाम माेर्चा (हम), विकासशील इंसान पार्टी (वीआइपी) तथा वाम दलों का समर्थन प्राप्‍त है। लाठीचार्ज में घायल उपेंद्र कुशवाहा को घायल अवस्था में पीएमसीएच में भर्ती कराया गया था जहां स्वस्थ होने पर उन्हें डिस्चार्ज कर दिया गया। घायल होनेे के कारण ही वे रविवार को कांग्रेस सुप्रीमो राहुल गांधी की रैली में शामिल नहीं हो सके थे।
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