बिहार के राजगीर में होगा भारत का दूसरा शीशे का ब्रिज, नए साल में कर सकेंगे रोमांचकारी अनुभव

बिहारशरीफ जिले के राजगीर में पहाड़ि‍यों के बीच बन रहे शीशे के पुल का मुआयना करने शनिवार को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पहुंचे। उन्होंने कहा कि नेचर सफारी का बुजुर्गों के साथ युवा आनंद लें। पर्यावरण के दृष्टिकोण से इससे जागृति होगी।

By Akshay PandeyEdited By: Publish:Sat, 19 Dec 2020 06:05 PM (IST) Updated:Sun, 20 Dec 2020 10:57 PM (IST)
बिहार के राजगीर में होगा भारत का दूसरा शीशे का ब्रिज, नए साल में कर सकेंगे रोमांचकारी अनुभव
नेचर सफारी का मुआयना करते मुख्यमंत्री नीतीश कुमार।

नालंदा, जागरण संवाददाता। बिहारशरीफ जिले के राजगीर में पहाड़ि‍यों के बीच बन रहे देश के दूसरे शीशे के पुल का मुआयना करने शनिवार को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पहुंचे। उन्होंने कहा कि नेचर सफारी का बुजुर्गों के साथ युवा आनंद लें। पर्यावरण के दृष्टिकोण से इससे जागृति होगी। सब काम जल्दी से जल्दी करने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने कहा कि यहां सुरक्षा के पूरे इंतजाम किए जाएंगे। आवागमन के लिए भी बेहतर व्यवस्था की जाएगी। सब कुछ ठीक रहा तो नए साल में मार्च तक नालंदा जिले के राजगीर में बन रहे नेचर सफारी में चल रहे तमाम निर्माण कार्य पूरे कर लिए जाएंगे और इसे पर्यटकों के लिए खोल दिया जाएगा। बगल में बन रहे जू सफारी का कार्य भी अंतिम चरण में है। देश भर के जैविक उद्यानों से शेर, बाघ, भालू सरीखे वन्य जीव लाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। इसके बाद इसे भी पर्यटकों के लिए खोल दिया जाएगा।

सीएम देर तक निहारते रहे विहंगम दृश्य

नीतीश कुमार ने कहा कि नेचर सफारी उसी राजगीर-जेठियन मार्ग के इर्द-गिर्द बनाया जा रहा है, जिस मार्ग से ज्ञान प्राप्ति के पहले और बाद में भगवान बुद्ध बोधगया से राजगीर आए थे। मुख्यमंत्री ने नेचर सफारी के प्रमुख आकर्षण स्काई वॉक ग्लास फ्लोर ब्रिज पर खुद चहलकदमी की और वैभारगिरी की दो चोटियों के बीच के विहंगम दृश्य को देर तक निहारते रहे। 85 फीट लंबा व 5 फीट चौड़ा यह ब्रिज 200 फीट की ऊंचाई पर बन रहा है। यह विश्व का तीसरा, देश का दूसरा और बिहार का पहला स्काई वॉक ग्लास फ्लोर ब्रिज है।

सुरक्षा पर दिया जाएगा विशेष ध्यान

मुख्यमंत्री ने कहा कि नेचर सफारी की सुरक्षा का विशेष ध्यान रखा जाएगा। वन व पर्यवरण विभाग के अफसरों व कर्मियों के साथ टेक्निकल टीम भी रहेगी। आने-जाने के मार्ग को और सुगम बनाया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि राजगीर मगध साम्राज्य की राजधानी रही है। हम उसके गौरव को वापस लाने की कोशिश कर रहे हैं, ताकि युवा पीढ़ी यहां आए, नैसर्गिक वातावरण में आनंदित हो, प्रकृति से जुड़ाव बढ़ाए और अतीत के बारे में जान-समझ सकें। राजगीर में बन रही जू सफारी व नेचर सफारी पर्यटन के क्षेत्र में नया आयाम जोड़ेगी। राजगीर में नालंदा विवि, इंटरनेशनल स्टेडियम, स्पोर्टस एकेडमी सरीखी कई बड़ी परियोजनाएं चल रही हैं। पिछले दिनों सरकार ने यहां खेल विवि की स्थापना का भी फैसला किया है।

एक साथ दस लोग कर सकते हैं ब्रिज की सैर

बताते चलें कि पूर्व में सिक्किम के पेलिंग में एक स्काई ब्रिज जरूर बना है पर वह पूरी तरह से स्काई ब्रिज नहीं है। बीच-बीच में ग्लास की जगह कुछ और भी है। वहीं देश का तीसरा ग्लास फ्लोर ब्रिज उत्तराखंड के ऋषिकेश में बनाया जाना है। लक्ष्मण झूला के समानांतर इसका निर्माण होना है। राजगीर में बने ग्लास फ्लोर ब्रिज की खासियत यह है कि यहां से आप राजगीर की नेचर सफारी का दृश्य पूरी तरह से देख सकते हैं। आधिकारिक जानकारी के अनुसार इसके निर्माण पर 1.47 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं। इस ग्लास फ्लोर ब्रिज का निर्माण चीन के ग्लास फ्लोर ब्रिज की तरह जरूर हुआ है पर निर्माण करने वाली एजेंसी महाराष्ट्र की है। एजेंसी ने ग्लास की सुरक्षा जांच के बाद यह कहा है कि एक बार में पंद्रह लोग इस ब्रिज पर चढ़ सकते हैं पर एहतियात के तौर पर यह व्यवस्था की जा रही है कि दस लोग ही एक बार में इस पर चढ़ें।

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