नीतीश कुमार ने लगाया आरोप, निजी कंपनियों ने प्रवासी बिहारियों का नहीं रखा ख्याल

मुख्यमंत्री नीतीश कुुमार ने राज्य के आठ जिलों के 16 क्वारंटाइन सेंटरों पर रह रहे प्रवासी कामगारों से की बात। उन्होंने कहा कि हमारी इच्छा है कि प्रवासियों को यहीं रोजगार मिले।

By Akshay PandeyEdited By: Publish:Sun, 24 May 2020 09:21 PM (IST) Updated:Sun, 24 May 2020 11:48 PM (IST)
नीतीश कुमार ने लगाया आरोप, निजी कंपनियों ने प्रवासी बिहारियों का नहीं रखा ख्याल
नीतीश कुमार ने लगाया आरोप, निजी कंपनियों ने प्रवासी बिहारियों का नहीं रखा ख्याल

पटना, जेएनएन। राज्य मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि बिहार के बाहर जिन निजी कंपनियों में प्रवासी कामगार कार्यरत थे, उन कंपनियों ने इनका ख्याल नहीं रखा। यह उनका दायित्व बनता था। लोगों को बाहर काफी कष्ट हुआ है। मुख्यमंत्री रविवार को राज्य के आठ जिलों के 16 क्वारंटाइन केंद्रों पर रह रहे प्रवासी कामगारों से वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से बात कर रहे थे। लगातार तीसरे दिन वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से मुख्यमंत्री क्वारंटाइन केंद्रों का जायजा ले रहे थे। इस दौरान नीतीश कुमार ने कहा कि हमारी इच्छा है कि प्रवासियों को यहीं रोजगार मिले। किसी को अकारण बाहर नहीं जाना पड़े। हम सब के रोजगार की यहीं व्यवस्था करेंगे।

राज्य में उद्योग लगाने पर बिहार के कारोबारी करें विचार

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में उद्योग लगाने पर बिहार के कारोबारी वर्ग को भी विचार करना चाहिए। वे नए उद्योग लगाएं, सरकार हर संभव मदद को तैयार है। बिहार में कपड़ा, जूता, बैग, फर्नीचर, साइकिल आदि से जुड़े उद्योगों की असीम संभावनाएं हैैं। हम उपभोक्ता राज्य हैं और हमारे पास बहुत बड़ा बाजार है। बाजार की जरूरतों के अनुरूप उद्योग लगाएं। भागलपुर एवं मुंगेर में कपड़ा उद्योग खासकर सिल्क उद्योग की अपार संभावनाएं हैैं।

बोले सीएम, यहीं रहिए और काम करिए

मुख्यमंत्री ने प्रवासी कामगारों से कहा कि बिहार में बहुत काम है। यहीं रहिए और काम कीजिए। सभी को स्किल के अनुरूप काम मिलेगा। बिहार में कोई भूख से नहीं मरता। मुख्यमंत्री ने रविवार को पुन: यह दोहराया कि क्वारंटाइन केंद्रों पर रह रहे सभी प्रवासी कामगारों का पूर्ण सर्वे कराया जाए। कौन कहां से आया है और क्या रोजगार करता था? उनको यहांं कैसे रोजगार उपलब्ध कराया जाए ताकि उन्हें बाहर नहीं जाना पड़े।

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