बिहारः राष्ट्रीय अनुसूचित आयोग ने पूछा-पांच पुलिसकर्मियों को हाजत में बंद करने के मामले में क्या हुई कार्रवाई

एसपी गौरव मंगला पर नवादा के नगर थाने में पांच पुलिसकर्मियों को हाजत में बंद करने का आरोप लगाया गया था। इस मामले में बिहार पुलिस एसोसिएशन ने भी शिकायत दर्ज कराई थी। अब इस मामले में राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग ने सवाल पूछा है।

By Jagran NewsEdited By: Publish:Mon, 03 Oct 2022 08:41 PM (IST) Updated:Mon, 03 Oct 2022 08:41 PM (IST)
बिहारः राष्ट्रीय अनुसूचित आयोग ने पूछा-पांच पुलिसकर्मियों को हाजत में बंद करने के मामले में क्या हुई कार्रवाई
पुलिसकर्मियों को हाजत में बंद करने के मामले में राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग ने सवाल पूछा है। सांकेतिक तस्वीर।

राज्य ब्यूरो, पटना : नवादा के नगर थाने के पांच पुलिसकर्मियों को हाजत में बंद किए जाने के मामले में अब तक क्या कार्रवाई हुई, इसको लेकर राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग ने गृह विभाग से सवाल पूछा है। आयोग की ओर से विभाग को पत्र लिखकर यह जानकारी मांगी गई है। आयोग ने अपने पत्र में उल्लेख किया है कि इस मामले में अपर पुलिस महानिदेशक, कमजोर वर्ग, सीआइडी  द्वारा 14 सितंबर को दोषी पदाधिकारी के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश दिया गया था, जिसका क्रियान्वयन लंबित रहने की सूचना है। ऐसे में आयोग वस्तुस्थिति से अवगत होना चाहता है। इस मामले में की गई कार्रवाई की रिपोर्ट 21 दिनों के अंदर आयोग को उपलब्ध कराने को कहा गया है। 

गृह विभाग ने डीजीपी से मांगा जवाब

राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के पत्र का हवाला देते हुए गृह विभाग ने अब डीजीपी एसके सिंघल से इस मामले में स्थिति स्पष्ट करने को कहा है। गृह विभाग के विशेष सचिव विकास वैभव ने डीजीपी को लिखे पत्र में कहा है कि इस प्रकरण में की गई कार्रवाई के बारे से सीधे राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग को अवगत कराएं। इसकी एक प्रति गृह विभाग को भी दी जाए। 

बिहार पुलिस एसोसिएशन ने भी शिकायत दर्ज कराई थी

मालूम हो कि समीक्षा बैठक के दौरान एसपी गौरव मंगला पर नवादा के नगर थाने में पांच पुलिसकर्मियों को हाजत में बंद करने का आरोप लगाया गया था। इस मामले में बिहार पुलिस एसोसिएशन ने भी शिकायत दर्ज कराई थी। इसके बाद सीआइडी के कमजोर वर्ग के तत्कालीन एडीजी अनिल किशोर यादव ने मगध रेंज के आइजी को जांच के बाद मामला सही पाए जाने पर अविलंब प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश दिया था। सात दिनों के अंदर अनुपालन रिपोर्ट भी मांगी गई थी, मगर अब तक इस बारे में स्थिति स्पष्ट नहीं की गई है। पुलिस मुख्यालय इस बारे में बार-बार आइजी द्वारा रिपोर्ट न दिए जाने की बात कह रहा है।

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