मुजफ्फरपुर के अर्जुन अवार्डी शरद कुमार बोले- खिलाड़ी किस्मत से ज्यादा खेल पर ध्यान दें
मुजफ्फरपुर के शरद कुमार ने अर्जुन पुरस्कार केंद्र सरकार और खेल मंत्रालय को समर्पित किया। शरद ने बताया कि केंद्र खेल मंत्रालय व भारतीय खेल प्राधिकरण ने मुझे हमेशा प्रोत्साहित किया। मुझे अत्याधुनिक प्रशिक्षण के लिए यूक्रेन भेजा।
अरुण सिंह, पटना : टोक्यो पैरालिंपिक में ऊंची कूद स्पर्धा में कांस्य पदक जीतने वाले मुजफ्फरपुर के शरद कुमार ने अर्जुन पुरस्कार केंद्र सरकार और खेल मंत्रालय को समर्पित किया। शरद ने बताया कि केंद्र, खेल मंत्रालय व भारतीय खेल प्राधिकरण ने मुझे हमेशा प्रोत्साहित किया। मुझे अत्याधुनिक प्रशिक्षण के लिए यूक्रेन भेजा। परिणामस्वरूप मैं 2018 में एशियाड में स्वर्ण और इस साल टोक्यो पैरालिंपिक में कांस्य जीतने में सफल रहा। इसके बाद कई जगहों पर मुझे सम्मानित किया गया। दो दिन पूर्व यूपी सरकार ने एक करोड़ रुपये देकर सम्मानित किया। आज अर्जुन पुरस्कार भी मिला। उम्मीद कर रहा था कि मुझे अपने राज्य में सम्मान मिलेगा, लेकिन अब तक इस तरह के कोई संकेत नहीं मिले हैं। मैं चाहता हूं कि अन्य राज्यों की तरह बिहार में भी ऐसी खेल नीति बने, जिसमें खिलाडिय़ों को उनकी योग्यता के अनुरूप सम्मान दिया जाए। पदक जीतने पर उन्हें नौकरी मिले, जिससे वे केवल अपने खेल पर ध्यान केंद्रित कर सके। खिलाड़ियों को कहना चाहूंगा कि, वे किस्मत के भरोसे न रहें, बल्कि मेहनत करें। उन्हें सफलता जरूर मिलेगी।
इस क्षण का गवाह बनना गर्व की बात
शरद के पिता सुरेंद्र कुमार और बड़े भाई शलज ने कहा कि, हमलोगों के लिए यह गर्व का क्षण है। 18 माह की उम्र में जब शरद को पोलियो हुआ था, तब किसी ने नहीं सोचा था कि वह इतनी कामयाबी हासिल करेगा। शरद आज केवल अपनी मेहनत के दम पर यह मुकाम हासिल कर सका है। हमलोगों को खुशी है कि केंद्र सरकार ने उसे अर्जुन पुरस्कार के लायक समझा। उससे भी बड़ी खुशी इस बात की है कि हमलोग इस क्षण का गवाह बने।