मरीजों का दर्द कम कर रहा शिवानी का 'मेहनताना'

एमबीबीएस के बाद शिवानी अब आगे की पढ़ाई की तैयारी के साथ-साथ शेखपुरा और बिहटा के गरीब मरीजों की निश्शुल्क सेवा कर रही हैं।

By Krishan KumarEdited By: Publish:Sun, 23 Sep 2018 06:00 AM (IST) Updated:Sun, 23 Sep 2018 06:00 AM (IST)
मरीजों का दर्द कम कर रहा शिवानी का 'मेहनताना'

नलिनी रंजन, पटना। पैसे कमाने के लिए लोग तरह-तरह के उपक्रम करते हैं। एक उदाहरण ऐसा भी है जो अपनी कमाई के पैसे से गरीबों का दर्द कम कर रही हैं। जमुई की डॉ. शिवानी अपने इंटर्नशिप के समय से ही गरीब मरीजों की सेवा में लगी हैं। एमबीबीएस के बाद शिवानी अब आगे की पढ़ाई की तैयारी के साथ-साथ शेखपुरा और बिहटा के गरीब मरीजों की निश्शुल्क सेवा कर रही हैं।

आइजीआइएमएस के निदेशक डॉ. एनआर विश्वास ने उसकी इंटर्नशिप राशि को 'शिवानी पुअर स्पेशल रिलिफ फंड' का नाम दिया था। वह मरीजों की आर्थिक स्थिति देखकर राशि की अनुशंसा करतीं। इस फंड का लाभ लेने वाले मरीजों ने कहा कि फंड से ज्यादा उनका सहयोग महत्व रखता है। डॉक्टर उनके फंड का लाभार्थी होने पर विशेष सहयोग करते हैं।

वॉर्ड जॉइन करने पर महसूस हुआ दर्द
डॉ. शिवानी बताती हैं कि बचपन से ही डॉक्टर बन कर लोगों की सेवा करने की इच्छा थी। एमबीबीएस के दूसरे वर्ष में वॉर्ड ड्यूटी जॉइन करने के बाद मरीजों के दर्द का वास्तविक में अहसास हुआ। आइजीआइएमएस में कई मरीज पैसे के अभाव में बगैर पूरी इलाज घर लौट जाते हैं। उनकी पीड़ा शब्दों में बयान नहीं किया जा सकता है। जब उनके दर्द को माता-पिता से साझा किया तो उन्होंने उनकी सेवा अपने स्तर से करने का हौसला दिया। फाइनल परीक्षा के बाद इंटर्नशिप के दौरान हर महीने मिलने वाले 17,000 रुपये निदेशक के पास जमा कराती थी। इस राशि को गरीबों के इलाज में खर्च की जाती। राशि बड़ी नहीं मिलती थी, लेकिन मरीजों और उनके परिजन को हौसला बहुत मिलता है। शिवानी पेंटिंग की शौकीन है।

डॉ. शिवानी ने बताया कि उनका कोई भी रिश्तेदार भी डॉक्टर नहीं है। बचपन से ही डॉक्टर बनने की चाहत थीं। जमुई से 2004 में मैट्रिक और 2006 में इंटर किया था। 2011 में मेडिकल प्रवेश परीक्षा में सफलता मिली। रैंक बेहतर नहीं होने पर डेंटल मिला। लेकिन, अगले ही साल बेहतर रैंक प्राप्त कर आइजीआइएमएस में एमबीबीएस कोर्स में दाखिला लिया।

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