Mahashay Dharampal Gulati: एमडीएच के मालिक महाशय धर्मपाल गुलाटी तीन बार आये थे पटना

Mahashay Dharampal Gulati in Patna तीन बार पटना सिटी आए महाशय धर्मपाल स्‍थानीय व्‍यवसायियों से जोड़ लिया था गहरा नाता हमेशा ही श्रमिकों का सम्‍मान करने का दिया संदेश सत्य सादगी और सात्विकता थे उनकी कामयाबी का मूल मंत्र

By Shubh NpathakEdited By: Publish:Thu, 03 Dec 2020 02:46 PM (IST) Updated:Thu, 03 Dec 2020 10:44 PM (IST)
Mahashay Dharampal Gulati: एमडीएच के मालिक महाशय धर्मपाल गुलाटी तीन बार आये थे पटना
पटना में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान महाशय धर्मपाल गुलाटी। जागरण आर्काइव

पटना सिटी [अहमद रजा हाशमी]। महाशय धर्मपाल गुलाटी (Mahashay Dharampal Gulati) का सफर बैलगाड़ी से शुरू हुआ और अपनी मेहनत के बूते कामयाबी की उस ऊंचाई को पहुंचे, जहां आकाश भी उन्हें गले लगाने को बेताब हो गया। अपने ब्रांड एमडीएच (MDH) मसाले के प्रमोशन के लिए पटना (Patna) भी आये। उनका पटना सिटी (Patna City) से बहुत अधिक लगाव था। दो दशक में वह तीन बार यहां पहुंचे। वर्ष 2017 में खुसरूपुर स्थित पास्ता वा गोलगप्पा फैक्ट्री का उन्होंने उद्घाटन किया था। स्वास्तिक सत्तू के निर्माता ललित अग्रवाल की इस फैक्ट्री का उद्घाटन करने के दौरान उन्होंने आगे बढ़कर श्रमिक को गले लगाते हुए कहा था कि इन्हीं के बूते आज देश दुनिया मुझे पहचानती है। मजदूरों का उन्होंने हमेशा सम्मान करने की शिक्षा दी थी। साथ काम करने वाले मेहनतकशों का कभी न साथ छोड़ने और हमेशा उनके सुख-दुख में शामिल होने का संदेश दिया था। उनके निधन के बाद पटना सिटी में उनके चाहने वाले भी दुखी हैं।

तख्‍त श्रीहरिमंदिर में भी टेका था मत्‍था

ललित अग्रवाल ने बताया कि उनकी ही प्रेरणा से मैंने लॉक डाउन के दौरान अपने किसी भी कर्मी को रोजगार से मुक्त नहीं किया। उनको अपने साथ बनाए रखा। महाशय धर्मपाल ने मेहनत के साथ सादगी और सात्विकता को अपनी कामयाबी का मूल मंत्र बताया था। इनके निधन से पटना सिटी के व्यापारियों ने अपना प्रेरणास्रोत अभिभावक खो दिया है। पटना सिटी आगमन के दौरान उन्होंने तख्त श्री हरिमंदिर जी पटना साहिब (Takht Shri HariMandir Patna Sahib) में मत्था टेक गुरु घर का आशीर्वाद लिया था। ईमानदारी और व्यापार में शुद्धता बनाए रखने को उन्होंने व्यापार प्रबंधन की आत्मा बताया। एमडीएच मसाला के बिहार डिस्ट्रीब्यूटर होने के कारण 35 सालों से बेहद नजदीक रहने वाले ललित अग्रवाल ने बताया कि पटना सिटी स्थित निवास पर ठहरने के दौरान उन्होंने हमेशा सच बोलने, माता-पिता की सेवा करने, हर वर्ग व समाज के लोगों को साथ लेकर चलने, सादा भोजन और उच्च विचार रखने पर बल दिया।

जरूरतमंदों की मदद को हमेशा तत्‍पर रहते थे महाशयजी

खत्री समाज बिहार के अध्यक्ष अनंत अरोड़ा ने बताया कि महाशय धर्मपाल उनके समाज के जरूर थे, लेकिन उनका जीवन सभी के लिए बेहद कीमती था। हर किसी के साथ वह पूरी आत्मीयता से जुड़ जाते थे। गरीब को अमीर की ताकत बताते। हमेशा उन्होंने जरूरतमंदों की मदद की। उनकी महानता के कारण ही भारत सरकार ने वर्ष 2019 में उन्हें पद्म भूषण से सम्मानित किया। 98 वर्ष की उम्र में भी उनकी सक्रियता देख लोग प्रेरित होते रहे। पवित्र पटना साहब की धरती को तख्त साहिब में चूमने के बाद उन्होंने इंसान को इंसान से जुड़ने का संदेश दिया था।

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