Lockdown Bihar: फिर टूट गए दूल्हा-दुल्हन के हसीन सपने, अरैंज ही नहीं कोर्ट मैरिज पर भी लगा ग्रहण

Lockdown Bihar बिहार में आज फिर से पूर्ण लॉकडाउन शुरू हो गया है ऐसे में होनेवाले दूल्हा-दुल्हन के सपने पर पानी फिर गया है। अरेंज मैरिज क्या कोर्ट मैरिज भी अब नहीं हो सकेगी। जानिए

By Kajal KumariEdited By: Publish:Thu, 16 Jul 2020 01:28 PM (IST) Updated:Fri, 17 Jul 2020 11:23 PM (IST)
Lockdown Bihar: फिर टूट गए दूल्हा-दुल्हन के हसीन सपने, अरैंज ही नहीं कोर्ट मैरिज पर भी लगा ग्रहण
Lockdown Bihar: फिर टूट गए दूल्हा-दुल्हन के हसीन सपने, अरैंज ही नहीं कोर्ट मैरिज पर भी लगा ग्रहण

नालंदा, जेएनएन। कोरोना संक्रमण रोकने को लगे लॉक डाउन के कारण कई युवक-युवतियों की शादी का ख्वाब टूट गया है। बारात ले जाने से लेकर भोज तक बंदिश लगी तो कुछ लोगों ने कोर्ट मैरेज करने का रास्ता निकाला। 24 मार्च से 15 जुलाई तक निबंधन कार्यालय में विवाह के लिए 17 आवेदन आए लेकिन एकमात्र शादी ही रजिस्टर्ड हो सकी। शेष 16 आवेदक युवक-युवती दोबारा लौट कर आए ही नहीं। आंकड़ों के अनुसार जिला निबंधन कार्यालय में पिछले वित्तीय वर्ष 2019 के मार्च से जुलाई तक कोर्ट मैरेज करने के लिए 30 लोगों ने आवेदन किया था। इसमें से 21 लोगों की शादी निबंधित हुई थी।

अब लॉक डाउन रिटर्न का पड़ेगा विपरीत असर

लॉक डाउन रिटर्न से भी शादियों के निबंधन पर असर पड़ेगा।अनलॉक अवधि में कोरोना संक्रमितों की संख्या में इजाफा हुआ तो डीएम ने विशेषाधिकार का प्रयोग कर जिले में 11 से 15 जुलाई तक लाॅक डाउन कर दिया। अब राज्य सरकार ने 16 से 31 जुलाई तक पूरे सूबे में नई पाबंदियों के साथ लॉक डाउन की घोषणा कर दी है। वैसे अभी हिन्दू धर्म विधान में लग्न के मुहूर्त नहीं हैं, परन्तु कोर्ट मैरेज पर कोई बंदिश नहीं है। इच्छुक लोग विवाह के लिए ऑनलाइन आवेदन भी कर सकते हैं।

पांच दिनों में ही गिर गया रजिस्ट्री से राजस्व का ग्राफ

डीएम के लगाए पांच दिवसीय लाॅक डाउन के कारण बीते साल की तुलना में रजिस्ट्री से प्राप्त राजस्व में गिरावट दर्ज की गई है। पिछले वित्तीय वर्ष 2019-20 में 11 से 15 जुलाई तक 192 मकान-दुकान, खेत-खलिहान की खरीद-फरोख्त के राजस्व दस्तावेज दाखिल किए गए थे। जिसके बदले सरकार को 50 लाख 16 हजार 591 रुपए का राजस्व हासिल हुआ था। जबकि चालू वर्ष 2020-21 की 11 जुलाई से पांच दिनों के लाॅक डाउन के दौरान मात्र 70 राजस्व दस्तावेज जमा हुए। इसके बदले  सरकार को 43 लाख 38 हजार 701 रुपए का राजस्व प्राप्त हो सका। इस तरह पांच दिन के जिला लाॅक डाउन में ही सरकार को 6 लाख 78 हजार 890 रुपए कम राजस्व मिले।

किसी पुरुष से महिला जमीन खरीदे तो कम लगेगा शुल्क

बता दें कि 29 जुलाई 2015 से निबंधन तथा स्टांप शुल्क में कोई बढ़ोतरी नहीं हुई है। अभी भी निबंधन शुल्क महिला से पुरुष खरीद रहा है तो उसे कुल मूल्य का 6.7 तथा अगर पुरुष से महिला खरीद कर रही है तो 5.7 फीसद निबंधन शुल्क देना पड़ रहा है। उसी प्रकार पुरुष से महिला खरीद कर रही है तो उसे 1.9 तथा महिला से पुरुष खरीद रहा है तो उसे 2.1 फीसद स्टांप शुल्क देना पड़ रहा है।   

कहा पदाधिकारी ने-                                 

कोरोना के कारण निबंधन तथा स्टांप शुल्क दोनों पर विपरीत प्रभाव पड़ा है। जमीन-जायदाद की खरीद-बिक्री घट गई है। इसका सीधा प्रभाव सरकार के राजस्व पर पड़ रहा है। कोरोना के कारण लोग रजिस्ट्री आफिस आने से गुरेज कर रहे हैं। जबकि लोगों की सुरक्षा की मुकम्मल व्यवस्था की गई है। पूरे कार्यालय एवं परिसर को दिन में दो बार सैनिटाइज कराया जा रहा है। कार्यालय में आने वाले हर व्यक्ति की थर्मल स्क्रीनिंग की जा रही है। भीड़-भाड़ को नियंत्रित करने के लिए ऑनलाइन आवेदन लिए जा रहे हैं। थंब स्कैनर को लगातार सैनिटाइज किया जा रहा है। ताकि लोग भयमुक्त होकर रजिस्ट्री कराने या करने आएं।

पंकज कुमार झा, जिला अवर निबंधन पदाधिकारी, नालंदा

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