लालू बताएं, चुनाव हारने के बाद कौन बनेगा विपक्ष का नेता : पीएम मोदी

बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दरभंगा में चुनावी रैली को संबोधित किया। इसके पहले वे पूर्णिया व अररिया के फाबिसगंज में जनता से रूबरू हुए। इन रैलियों में मोदी ने नीतीश-लालू की जमकर खबर ली।

By Amit AlokEdited By: Publish:Mon, 02 Nov 2015 01:56 PM (IST) Updated:Tue, 03 Nov 2015 12:02 PM (IST)
लालू बताएं, चुनाव हारने के बाद कौन बनेगा विपक्ष का नेता : पीएम मोदी

पटना। बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को दरभंगा में चुनावी रैली को संबोधित किया। इसके पहले वे पूर्णिया व अररिया के फाबिसगंज में जनता से रूबरू हुए। इन रैलियों में मोदी ने नीतीश-लालू की जमकर खबर ली।

मोदी ने पूछा कि चुनाव हारने की स्थिति में महागठबंधन की तरफ से विपक्ष का नेता कौन बनेगा, यह जानने का हक जनता को है। उन्होंने कहा, लालू ने नीतीश को सीएम बनाने का वादा किया है, विपक्ष का नेता तो अपने बेटा को ही बनाएंगे।

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मोदी ने आतंकवाद के दरभंगा मॉड्यूल की चर्चा करते हुए कहा कि एक दलित महिला पुलिस अधिकारी ने जब इसकी जांच की तो महास्वार्थबंधन के नेताओं के घर तक उसके तार पहुंचने लगे। कार्रवाई की जगह उस दलित अफसर को बिहार छोड़ने पर मजबूर कर दिया।

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मोदी ने कहा कि 1990 में लालू की सरकार ने मैथिली को बिहार के लोकसेवा आयोग के सिलेबस से निकाल दिया था। लालू ने मैथिली भाषा का अपमान किया, लेकिन अटल बिहारी बाजपेयी ने मैथिली भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में स्थान दिया।

दरभंगा में बोले मोदी

- दिल्ली में बैठकर पॉलिटिकल पंडित हिसाब लगाते हैं कि दो फीसद इधर होगा तो ऐसा होगा, ये जाति ऐसे जाएगी तो ऐसा होगा। ये पुराने हिसाब-किताब बंद कर दो। अब बिहार नया इतिहास लिखने जा रहा है।

- ये चुनाव सभी गिनतियों को गलत करने का चुनाव है। बिहार की जनता ने इस चुनाव के जरिए देश की बहुत बड़ी सेवा की। हमारे देश के लोकतंत्र को जातिवाद का जहर, संप्रदायवाद का जूनून हमारे दाग लगाता था। लेकिन, यह चुनाव देश के लिए मार्गदर्शक बनकर विकास के मुद्दे पर चुनाव ल़ड़ रहा है।

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- इस चुनाव के बाद हिंदुस्तान की सभी पॉलिटिकल पार्टियों को विकास के मुद्दे पर चुनाव लड़ने के लिए मजबूर होना पड़ेगा। इसका क्रेडिंट बिहार को जाएगा, यहां के नौजवानों को जाएगा। यह माहौल देश के लिए महत्वपूर्ण है।

- सार्वजनिकतौर पर प्रधानसेवक के तौर पर बिहार के लोगों का धन्यवाद करना चाहता हूं। हमारी पार्टी, एनडीए के साथी और मैं जहां-जहां गया, आपने जो स्वागत किया, इसलिए बिहार की जनता का सिर झुकाकर धन्यवाद करना चाहता हूं।

- पहले जब भी चुनाव होता था, तो शाम को खबर आती थी कि इतने पोलिंग बूथ लूटे गए, इतनी गोलियां चलीं, इतनी हत्याएं हुई। बिहार के लोगों का शांतिपूर्ण चुनाव के लिए अभिनंदन करता हूं।

- हम आशा करते थे कि जिन्होंने यहां 60 साल तक राज किया, 35 साल मैडम सोनिया, 15 साल लालू और 10 साल नीतीश जी ने राज किया, वे हमारे साथ विकास के मुद्दों पर बहस करते, लेकिन वे तो अभी भी 1990 के कालखंड में जी रहे हैं। उन्हें पता नहीं है कि यह 21वीं सदी चल रही है। 1990 में पैदा हुआ बालक अब बिहार को बदलने के लिए लालायित है।

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- दो महीने से चुनाव का अभियान चल रहा है। लालू, नीतीश या सोनिया बिहार के विकास की चर्चा करते हैं क्या?भविष्य में क्या करेंगे बताते हैं? किसके कारण बिहार बर्बाद हुआ कहते हैं क्या?

- 25 साल बड़े भाई-छोटे भाई (लालून्नीतीश) ने राज किया। 25 साल का बालक भी मां-बाप का पेट भरने की ताकत रखने लगता है। आप बताइए, इतने सालों की नीतीश-लालू की सरकार ने क्या दिया? बिहार का भला किया? गांव का भला किया? किसान का भला किया? नौजवानों का भला किया?

- खुद तो जवाब देते नहीं और मोदी का हिसाब मांग रहे हैं। मुझे तो अभी 25 माह भी नहीं हुए। आप पहले 25 साल का हिसाब दो फिर मोदी से हिसाब मांगो।

- चुनाव लोकतंत्र का पर्व है। लोकतंत्र इससे ताकतवर होती है। राजनीतिक दलों, नेताओं को जनता के बीच अपनी नीतीयां बतानी होती हैं। सरकार में हैं तो हिसाब देना होता है। पांच साल होने पर 2019 में जब आपके पास आउंगा तो आप मेरा हिसाब मांगोगे या नहीं? पूरे देश को उस वक्त मुझसे हिसाब मांगना चाहिए। लालू-नीतीश ऐसा नहीं कर रहे हैं।

- रोज मोदी के लिए नई-नई गालियां दी जा रही हैं। क्या इससे बिहार का भला होगा क्या? अगर मोदी पर कीचड़ उछालने और गालियां देने से बिहार का भला होता है, तो मैं मौजूद हूं। बिहार के लिए अगरम मेरा जीवन भी काम आए तो मेरा सौभाग्य होगा।

- लालू-नीतीश जी, कान खोलकर सुन लीजिए। अहंकार में अगर देखने की ताकत खो दी है तो यह जनसैलाब नहीं देख पाओगे, लेकिन आप जितना कीचड़ उछालोगे, कमल उतना ही खिलने वाला है।

- चार चरण में एक से बढ़कर एक मतदान हुए। हर चरण के बाद 12-15 पोलिंग बूथों पर लालू-नीतीश के समर्थकों के बीच तूतू-मैंमैं हो गई। मतदान के बाद ही जब ये लड़ने लगे हैं तो आगे साथ कैसे चलेंगे?

- पूरे चुनाव अभियान में नीतीश, लालू और राहुल को एक साथ देखा क्या? पत्रकार वार्ता में एक साथ देखा क्या?कार्यकर्ताओं की मीटिंग में एक साथ देखा क्या? आप उनसे सवाल पूछों कि चुनाव में एक साथ नहीं आ पाए तो नतीजों के बाद एक साथ चल पाएंगे?

- लालू से पूछना चाहता हूं, विश्वस्त सूत्रों से पता चला है कि किसी ने उनसे पूछा क्या हमारा (राजद का) मुख्यमंत्री नहीं बन सकता है? क्या आपका बेटा नहीं बन सकता? इस सवाल के बाद लालू के मुंह में पानी छूट गया। दूसरे ने पूछा, अगर चुनाव हार जाते हैं तो विपक्ष का नेता कौन बनेगा? उन्होंने (लालू) कहा, मैंने नीतीश को सीएम बनाने का वादा किया है, विपक्ष का नेता तो मेरा बेटा ही बनेगा।

- नीतीश, लालू और सोनिया बहन आपका हारना तय है, अब यह बताओ कि कौन होगा विपक्ष का नेता? लालू का बेटा होगा या नीतीश बाबू होंगे? यह जानने का हक बिहार की जनता को है या नहीं?

- जब पुणे, मुम्बई में बम धमाके हुए तो 'दरभंगा मॉड्यूल' एक शब्द चला था। कुछ लोग यहां बैठकर देश में हिंदुस्तान में आतंक फैलाने का षड़यंत्र कर रहे थे। एक दलित महिला पुलिस अधिकारी ने उस तार को ढूढंने की कोशिश की। महास्वार्थबंधन के नेताओं के घर तक उसके तार पहुंचने लगे। कार्रवाई की जगह उस दलित अफसर को बिहार छोड़ने पर मजबूर कर दिया।

- ऐसे लोगों की पटना में सरकार बनाएंगे क्या? क्या बिहार की धरती पर आतंक को आने देना चाहते हैं? क्या बम धमाकों से उड़ाने वालों की जरूरत है?

- मेरे पास एक जानकारी है, 1990 में जब लालू की सरकार थी तब बिहार के लोकसेवा आयोग में मैथिली भाषा को लोकसेवा आयोग की भाषा से निकाल दिया था। लालू ने मैथिली भाषा का अपमान किया और अटल बिहारी बाजपेयी ने अपनी सरकार में 2002 को मैथिली भाषा को संविधान के आठवीं सूची में स्थान दिया गया। हम अपमानित नहीं, सम्मानित करते हैं।

- हमने विकास के लिए सवा लाख करोड़ रुपये के साथ उस वो 40 हजार करोड़ रुपये को भी दिए, जो पिछली सरकार ने जनता के साथ धोखा करके नहीं दिया था। इन रुपयों से बिहार का जीवन बदलेगा या नहीं?

- चुनाव के मैदान में हम विकास के मुद्दे को लेकर आए थे। लालू-नीतीश के पास विकास पर बोलने के लिए कुछ नहीं है, इसलिए आरक्षण का मुद्दा छेड़ दिया। दिल्ली में उनके दरबारी भी इस बात को भुनाते रहे। इन्होंने एक काल्पनिक झूठ तैयार किया और आरक्षण का हौवा तैयार किया।

- मैं विकास पर चल रहा था, लेकिन वे आरक्षण का गुब्बारा फुलाते रहे। जब गुब्बारा खूब फूलकर फूट गया तो अब मुंह दिखाने लायक नहीं रहे। लालू-नीतीश ने संसद में आरक्षण पर विचार की मांग की थी। उन्होंने दलितो, पिछड़ों का आरक्षण कम करके संप्रदाय के आधार पर बांटने की मांग की थी। उन्हें अपनी कुर्सी की चिंता थी। जब इसका वीडियो लोगों के बीच ला दिया, तो अब जवाब नहीं दे रहे। अब आरक्षण पर बात नहीं कर रहे।

- अब बताओ किसको आरक्षण देना चाहते हो? उनको पता नहीं है, ये मोदी है मोदी। मेरे आगे झूठ का खेल नहीं चलता है। ईमानदारी के साथ आओ।

- नीतीश बाबू ने पिछले चुनाव में बिजली देने का वादा किया था। वादा नहीं पूरा होने पर वोट मांगने नहीं आने को कहा था। बिजली आई नहीं और वोट मांगने आ गए।

- बिहार की जनता देती है तो छप्पड़ फाड़कर देती है, लेकिन उसी तरह लेती भी है। 35 साल कांग्रेस को दिया, लेकिन जब हटाया तो 25 साल से कांग्रेस दिख नहीं रही। 15 साल लालू को दिया, लेकिन पूरा परिवार साफ कर दिया। अब अहंकारी नीतीश कुमार की बारी है। बिहार की जनता अहंकार नहीं सहती है। इस चुनाव में बिहार की जनता महास्वार्थबंधन को साफ करने वाली है।

- नीतीश ने दूसरा वादा भी किया था। उन्होंने कहा था कि भ्रष्टाचार में कोई पकड़ा जाएगा तो उसके बंगले में स्कूल खोला जाएगा। अभी कुछ दिनों पहले उनके एक मंत्री कैमरे के सामने लाखो रुपये लेते, बिहार को बेचने के नाम पर पकड़े गए। नीतीश बाबू ने उनका बंगला जब्त किया ?

- लालू जी को अदालत ने भ्रष्टाचार पर सजा दी है या नहीं? नीतीश बाबू, आपने उनका बंगला जब्त किया क्या?उसमें स्कूल खोला? आप तो उसी बंगले में जाकर उनसे गले मिल गए।

- देश में भ्रष्टाचार ने दीमक की तरह खोखला किया है। जब पांच अक्टूबर को ईवीएम का बटन दबाओगे तो दीमक को इंजेक्शन लगने वाला है।

- आपके (जनता) के लिए तीन सूत्री कार्यक्रम है- पढाई, कमाई और दवाई। अच्छी और सस्ती शिक्षा बिहार में देने की हमने सोची है। यहां इतनी खराब हालत है कि जमीन गिरवी रखकर बच्चों को पढ़ाने की मजबूरी है। ये मजबूरी खत्म होनी चाहिए या नहीं?

- दूसरा सूत्र है कमाई। आज बिहार के नौजवानों को रोजगार के लिए बाहर जाना पड़ता है। बिहार के नौजवान को यहीं पर रोजगार मिलना चाहिए या नहीं? पलायन यहां से बंद होना चाहिए या नहीं? तीसरा सूत्र है दवाई। बूढ़े मां-बाप को दवाई मिलनी चाहिए या नहीं? डॉक्टर होने चाहिए या नहीं?

- बिहार राज्य के लिए भी मेरे तीन सूत्र हैं - बिजली, पानी और सड़क। बिजली आएगी तो कारखाने आएंगे, रोजगार मिलेगा, अच्छी शिक्षा होगी। अकेले दरभंगा को पौने चार सौ करोड़ रुपये दिए हैं बिजली के लिए।

- राज्य के लिए दूसरा सूत्र पानी है। बिहार की जवानी और पानी दो ताकत हैं। ऐसा सौभाग्य अन्य राज्यों को नहीं मिला है। ये दोनों हिंन्दुस्तान का भाग्य बदल सकते हैं। पानी किसान को मिला तो मिट्टी से सोना पैदा कर सकते हैं। पीने का पानी पहुंचे, उद्योगों को पानी पहुंचे, खेतों तक पानी पहुंचे, इसकी कोशिश होगी।

- राज्य के लिए तीसरा सूत्र सड़क है। हर गांव, जिला, शहर को सड़कों से जोड़ना है। सड़कों का जाल बिछाना है।

- पहले से दूसरे, दूसरे से तीसरे, फिर तीसरे से चौथे चरण में अधिक मतदान किया। अब पांचवा चरण है। इसमें पहले के सारे रिकार्ड तोड़ देने हैं। आप यहां से जाइएगा तो दस-दस परिवारों की जिम्मेदारी लेंगे। यहां आए हुए हर व्यक्ति की जिम्मेदारी होगी कि दस-दस परिवारों से एनडीए के पक्ष में वोट करवाए।

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