लालू-नीतीश ने एक मंच पर कहा था- बदलो आरक्षण, मुझ पर लगा रहे आरोप : मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विधानसभा के पांचवे चरण के चुनाव प्रचार को लेकर आज बिहार मेें थे। उन्‍होंने मधुबनी, मधेपुरा व कटिहार में चुनावी रैलियों को संबोधित करते हुए महागठबंधन की जमकर खिंचाई की। मोदी ने कहा कि बिहार की समस्‍याओं का एकमात्र हल है विकास।

By Amit AlokEdited By: Publish:Sun, 01 Nov 2015 01:57 PM (IST) Updated:Sun, 01 Nov 2015 06:55 PM (IST)
लालू-नीतीश ने एक मंच पर कहा था- बदलो आरक्षण, मुझ पर लगा रहे आरोप : मोदी

कटिहार। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विधानसभा के पांचवे चरण के चुनाव प्रचार को लेकर आज बिहार मेें थे। उन्होंने मधुबनी, मधेपुरा व कटिहार में चुनावी रैलियों को संबोधित करते हुए महागठबंधन की जमकर खिंचाई की।

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प्रधानमंत्री ने कहा कि आजकल लालू व नीतीश आराेप लगा रहे हैं कि भाजपा आएगी तो आरक्षण की समीक्षा करेगी, जबकि लालू व नीतीश ने ही 23-24 जुलाई 2005 को एक मंच पर आरक्षण में बदलाव और इसकी समीक्षा की वकालत की थी। आज जब पकड़े गए हैं तो तिलमिला कर मुझपर भड़क कर सांप्रदायिकता का आरोप लगा रहे हैं। मोदी ने कहा कि बिहार की समस्याओं का एकमात्र हल है विकास।

VIDEO : मधुबनी में क्या कहा मोदी ने?

VIDEO : मधेपुरा में क्या कहा मोदी ने?

कटिहार में बोले मोदी सरकार गरीब के लिए होती है, अमीर को पढ़ना हो तो अच्छे टीचर घर आ जाते हैं, लेकिन गरीबों को पढ़ने के लिए सरकारी टीचर ही मिलता है। गरीब को कहीं जाने के लिए बस की ही जरूरत होती है।लोकसभा चुनाव के दौरान पटना आया तो निर्दोष लोगों को बम धमाके कर मौत के घाट उतार दिया गया। मंच से लोगों को धैर्य बनाए रखने को कहा। ऐसे समय मैंने मंच से कहा था कि हम लोग तय करें कि हमें किसके साथ लड़ना है। हिंदू-मुसलमान आपस में लड़ना चाहते हैं या गरीबी के खिलाफ लड़ना चाहते हैं। हमें गरीबी के खिलाफ लड़ना होगा, तभी देश के गरीबों को आगे ले जा पाएंगे।लालू -नीतीश इस चुनाव में भ्रमण कर रहे हैं। 25 साल तक इन्होंने सरकार चलाई। मुझे तो अभी 25 माह भी नहीं हुए हैं। 15 साल लालू और 10 साल नीतीश ने। 25 साल में बिहार का भला हुआ, किसान, मजदूर, गांव, शहर, नौजवान, माताओं-बहनों का भला हुआ क्या? भला हुआ तो नीतीश बाबू के यार-दोस्तों का भला हुआ।महागठबंधन को अपने काम का हिसाब देना चाहिए। क्या किया, कब किया और क्यों किया, बताना चाहिए। चुनाव प्रचार के 60 दिन हो गए। एक दिन में नरेंद्र मोदी को सैकड़ों गालियां दी। मोदी को गालियां देने से वोट मिलेगा या अपने काम का हिसाब देने से?लालू-नीतीश जी कान खोलकर सुन लो। जितना कीचड़ उछालोगे, उतना कमल खिलेगा। लालू-नीतीश जी जितने पत्थर मुझे मारोगे, उसी की सीढ़ी बनाकर बिहार को आगे ले जाउंगा।ये कैसी टीम बनी है इनकी? तीनों ऐसे जमा हुए हैं... एक से एक हैं। मैडम सोनिया ने 35 साल राज किया, बिहार की जनता ने इसके बाद ऐसे भगाया कि अबतक घुस नहीं पाई हैं। लालू को भी 15 साल बाद यहां की जनता ने भगाया। अबकी बारी नीतीश की है। यह बिहार है, एक बार किसी को भगा दिया तो गले नहीं लगाता है।बिहार को बर्बाद करने वालों को सजा की ठान ली है यहां की जनता ने। लालू ने 15 साल में जंगलराज बनाया और नीतीश कुमार के अहंकार ने हर अवसर गवांकर नौजवानों का भविष्य खराब कर दिया।इंदिरा जी ने बैंकों का राष्ट्रीयकरण किया था, लेकिन बैंकों ने 40 साल तक गरीबों के खाते नहीं खोले थे। आपने मुझे दिल्ली में बैठाया तो हमने गरीबों को बैंकों तक पहुंचाने का कार्य किया। छोटे कार्य करने वालों को रुपये की जरूरत पड़े तो बैंक उन्हें रुपये नहीं देते थे। साहूकार के पास जाने को मजबूर थे।मैं प्रधानमंत्री मुद्रा योजना लाया। कोई गारंटी, साक्षी की जरूरत नहीं, बैंक की जिम्मेदारी है कि उन्हें 50 हजार रुपये दे। अकेले बिहार में पिछले तीन महीने में सवा तीन लाख ऐसे लोगों को एक हजार एक सौ करोड़ रुपये दिये गये। बताइए, ये सरकार गरीब के लिए काम करती है या नहीं? पहले किसी ने सोचा था कि बगैर किसी कागज गारंटी के गरीबों को रुपये मिलेंगे?केंद्र में सरकार बनी तो बिहार को सवा लाख करोड़ रुपये का पैकेज दिया। कागज पर लिखकर रखे 40 हजार करोड़ रुपये कोई दे नहीं रहा था, उसे भी दे दिया। ये रुपये बिहार का भाग्य बदलेंगे या नहीं?एक रिपोर्ट मंगाई, तो पता चला कि 18 हजार गांव ऐसे हैं जहां बिजली नहीं पहुंची। राज्यवार पूछा तो पता चला कि चार हजार गांव बिहार में ऐसे हैं जहां बिजली का खंभा भी नहीं पहुंचा है।पांच अक्टूबर को बिहार से धोखा करने वालों को ऐसी सजा दो कि वे फिर धोखाधड़ी न कर सकें।नीतीश बाबू ने पिछले चुनाव में बिजली पहुंचाने का वादा किया था, लेकिन बिजली नहीं आई। बिहार में लोग बैठते हैं तो बात करते हैं कि बिजली पिछले मंगल को आई थी, अब अगले हफ्ते आएगी। मैंने ठान ली है कि बिहार में 24 घंटे बिजली पहुंचाउंगा। नीतीश बिजली नहीं ला सके, लेकिन वोट मांगने आ गए। जिन्होंने आपसे वादा तोड़ा है, आप उनसे नाता तोड़ लीजिए।अब ये दूसरा झूठा मुद्दा लेकर चले आए हैं आरक्षण का। बाबा साहब ने जो आरक्षण का मसौदा तैयार किया, उसे कोई बदल नहीं सका। मैंने जब उनकी पोल खोली तो यहां के साथ ही दिल्ली तक, इनके आलाकमान को भी गुस्सा आ गया। लालू जी 70 साल पुरानी किताब लेकर घूम रहे हैं, मैंने 10 साल पुराना भाषण बताया तो दिल्ली में उनके साथ वाले बोलने लगे मोदी ने 10 साल पुराना भाषण क्यों निकाला?23-24 जुलाई 2005 को लालू व नीतीश जी एक मंच पर आए थे। दोनों के भाषण हैं उस मंच से। दोनों ने उस मंच से कहा कि आरक्षण में बदलाव और इसकी समीक्षा होनी चाहिए। बाबा साहेब, पटेल, जवाहर लाल नेहरू आदि ने जिसका विरोध किया था उसे लागू करने की मांग की थी। आज जब पकड़े गए हैं तो तिलमिला रहे हैं। मुझपर भड़क कर सांप्रदायिकता का आरोप लगा रहे हैं।चुनाव दिल्ली में आपके ये दरबारी नहीं, जनता जनार्दन हमें जिताएगी।बिहार के परिवारों के लिए मेरे सूत्र हैं - पढ़ाई, कमाई और दवाई। गरीब मां-बाप को पढ़ाई के लिए जमीन गिरवी रखनी पड़े, कर्ज लेना पड़े, ये अच्छी चीज है क्या? रोजगार के लिए बिहार से पलायन रुकना चाहिए या नहीं? बिहार का बेटा बिहार के मां-बाप के पास होना चाहिए या नहीं? बिहार के गरीब और बुजुर्गों को दवाई मिलनी चाहिए या नहीं? डॉक्टर होना चाहिए या नहीं?VIDEO : गोपालगंज व मुजफ्फरपुर की रैलियों में आक्रमकता के चरम पर दिखे मोदीपढ़ें : मीसा ने नरेंद्र मोदी को क्यों कहा फिल्म 'थ्री इडियट्स' का 'चतुर रामालिंगम'?

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