तीन नहीं, अब चार वर्ष का होगा लैब टेक्‍नीशियन कोर्स

बिहार में अब लैब टेक्‍नीशियन को डिग्री के लिए तीन के बदले चार वर्ष की पढ़ाई करनी होगी। ये बात स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री मंगल पांडेय ने कही।

By Ravi RanjanEdited By: Publish:Sun, 15 Apr 2018 09:41 PM (IST) Updated:Sun, 15 Apr 2018 11:40 PM (IST)
तीन नहीं, अब चार वर्ष का होगा लैब टेक्‍नीशियन कोर्स
तीन नहीं, अब चार वर्ष का होगा लैब टेक्‍नीशियन कोर्स

पटना [जेएनएन]। अब लैब टेक्‍नीशियनों को डिग्री के लिए तीन के बदले चार वर्ष की पढ़ाई करनी होगी। सूबे में मेडिकल लैब टेक्नोलॉजिस्ट काउंसिल की स्थापना शीघ्र प्रदेश में होगी। मेडिकल कॉलेज अस्पतालों के लैब को आधुनिक बनाने के लिए प्रयोगशाला में आधुनिक उपकरणों की आपूर्ति छह माह में होगी। स्वास्थ्य विभाग में 8500 पद सृजित किया गया है, जिसमें लगभग 800 से अधिक पदों पर लैब टेक्निशियनों की बहाली की जाएगी। ये बातें रविवार को ऑल इंडिया मेडिकल लैबोरेट्री टेक्नोलॉजिस्ट एसोसिएशन के बिहार इकाई द्वारा कॉन्फ्रेंस सह साइंटिफिक सेमिनार के दौरान स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने एनएमसीएच के सभागार में कहीं।

सेमिनार का उद्घाटन स्वास्थ्य मंत्री, पद्मश्री डॉ. गोपाल प्रसाद सिन्हा व समाजिक कार्यकर्ता वीरेंद्र दांगी ने किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष रामजन्म शर्मा व संचालन सत्यानंद चौधरी ने की।

वर्ष 2025 तक टीबी मुक्त बनेगा भारत

स्वास्थ्य मंत्री ने 2025 तक यक्ष्मा मुक्त भारत निर्माण की योजना को साकार करने का आग्रह लैब टेक्‍नीशियनों से की। मंत्री ने बताया कि टीबी पीडि़त मरीजों की पहचान करनेवालों को सरकार प्रोत्साहन के रूप में एक हजार रुपये देगी। इसके अलावा चिन्हित मरीज को पोषाहार के तौर पर 500 रुपये प्रति माह दिया जाएगा। सतत स्थायी विकास के क्षेत्र में स्वास्थ्य की मानक को प्राप्त करने का आह्वान मंत्री ने किया। मंत्री ने प्रधानमंत्री के आयुष्मान भारत योजना के लिए कार्य करने की बात कहीं।

पद्मश्री डॉ. गोपाल प्रसाद सिन्हा ने बिहार में शीघ्र काउंसिल की स्थापना पर बल दिया। उन्होंने कहा कि आधुनिक लैब के बिना चिकित्सक बीमारी का इलाज नहीं कर सकते।

आयोजन समिति के सचिव देवेंद्र प्रसाद, एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष धनंजय कुमार, राष्ट्रीय महासचिव अमरनाथ सिंह, अधिवक्ता एमएस होदा समेत अन्य ने मेडिकल जगत की रीढ़ पैथोलॉजी विभाग के प्रयोगशाला प्रावैद्यिकी की अहम भूमिका पर प्रकाश डालते संविदा पर कार्यरत कर्मी को स्थायी करने, बिहार में पीजी एमएलजी की पढ़ाई जल्द शुरू तथा फर्जी ढंग से खुले लैब पर कार्रवाई  करने की मांग की। इस दौरान वक्ताओं ने दूसरे राज्यों में लैब टेक्‍नीशियन को मिलनेवाली सुविधाओं को अपने राज्य में भी लागू करने की मांग की।

लैब टेक्नोलॉजी प्रोग्रेसिव ट्रीटमेंट में भी कारगर

दूसरे वैज्ञानिक सत्र में आइबीएलएस डे पर आयोजित सेमिनार को संबोधित करने विभिन्न जिलों से आए वक्ताओं ने कहा कि लैब टेक्नोलॉजी रोगों की जांच में हीं नहीं बल्कि प्रोग्रेसिव उपचार में भी काफी सहायक है।

लैब टेक्नोलॉजी का कहां होता है इस्तेमाल

लैब टेक्नोलॉजी अपराध जगत में साक्ष्य जुटाने, उच्चस्तरीय जांच, शोध से जटिल बीमारियों का पता लगाने तथा मेडिकल हॉरोस्कोप में काफी मददगार है।

सेमिनार में देश के कोने-कोने से आए लैब टेक्नोलॉजिस्ट व विशेषज्ञों ने नई तकनीक पर विचार रखे। सेमिनार को मुर्शरफ हसनैन, मनमोहन दास, अनिल कुमार सिन्हा, वीरेंद्र कुमार, संजय सुमन, अविराम सिंह, दीपक पर्वत, कुमार ललित समेत अन्य ने संबोधित किया। सेमिनार का समापन केंद्रीय सचिव धनंजय कुमार के धन्यवाद ज्ञापन से हुआ।

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