शरजील इमाम को लेकर कन्‍हैया ने केद्र की नीयत पर उठाया सवाल, कहा- सत्‍ताधारी पर केस क्‍यों नहीं

भड़कीले बयान देने के आरोपी शरजील इमाम को लेकर जेएनयू के पूर्व अध्‍यक्ष कन्‍हैया कुमार ने बड़ा बयान दिया। शरजील के बहाने कन्‍हैया ने केंद्र की कानून व्‍यवस्‍था पर सवाल दागा है।

By Rajesh ThakurEdited By: Publish:Wed, 29 Jan 2020 07:17 PM (IST) Updated:Thu, 30 Jan 2020 02:12 PM (IST)
शरजील इमाम को लेकर कन्‍हैया ने केद्र की नीयत पर उठाया सवाल, कहा- सत्‍ताधारी पर केस क्‍यों नहीं
शरजील इमाम को लेकर कन्‍हैया ने केद्र की नीयत पर उठाया सवाल, कहा- सत्‍ताधारी पर केस क्‍यों नहीं

पटना, जेएनएन। भड़कीले बयान देने के आरोपी शरजील इमाम को लेकर जेएनयू के पूर्व अध्‍यक्ष कन्‍हैया कुमार ने बड़ा बयान दिया। शरजील के बहाने कन्‍हैया ने केंद्र की कानून व्‍यवस्‍था पर सवाल दागा है। उन्‍होंने केंद्र की नीयत पर भी सवाल उठाया है। उन्‍होंने यह भी कहा है कि शरजील के साथ उनका वैचारिक मतभेद रहा है। लेकिन उन्‍होंने सवाल भी दागा है कि देशद्रोह का केस सिर्फ कुछ ही लोगों पर क्‍यों होता है। कन्‍हैया बुधवार को पटना में थे और पदयात्रा पर मा‍ेतिहारी गए। 

Kanhaiya Kumar, former JNU Students Union (JNUSU) President, on Sharjeel Imam: If someone gives an instigating speech then FIR can be registered against him under various sections...But if sedition laws are misused then it is not right for the unity and security of our country. pic.twitter.com/dPIlJ6tKGk — ANI (@ANI) January 29, 2020

बता दें कि भड़काऊ भाषण देने के आरोप में जेएनयू के पूर्ववर्ती छात्र शरजील इमाम के खिलाफ कई राज्‍यों में देशद्राेह का मुकदमा किया गया है। काफी तलाशी के बाद मंगलवार को बिहार के जहानाबाद से शरजील इमाम को दिल्‍ली व बिहार पुलिस ने संयुक्‍त रूप से गिरफ्तार किया था। बाद में कोर्ट के आदेश पर बुधवार को शरजील को ट्रांजिट रिमांड पर पु‍लिस दिल्‍ली ले गई।

Kanhaiya Kumar, ex-JNUSU President: I have ideological differences with Sharjeel Imam. But if we talk about laws then we should speak what is right. No one in country has the right to spread violence. But the manner in which govt machinery is being misused, should be questioned. https://t.co/YVXwlodwTY" rel="nofollow

— ANI (@ANI) January 29, 2020

इधर, कन्‍हैया ने मीडिया से कहा कि यह समझ में नहीं आता है कि देशद्रोह का मुकदमा सिर्फ कुछ ही लोगों पर पर क्‍यों होता है। उन्‍होंने यह भी कहा कि कोई इंसान भड़काऊ भाषण दे तो कार्रवाई हो। लेकिन केंद्र सरकार कुछ खास लोगों पर ही कार्रवाई करती है। उन्‍होंने सवाल दागते हुए कहा कि सत्ताधारी दल के लोगों पर कार्रवाई क्यों नहीं होती है। भड़काऊ बयान तो सत्‍ता के भी कई लोग देते हैं। उन्‍होंने भाजपा के अनुराग ठाकुर को निशाने पर लेते हुए कहा कि गोली मारने का नारा लगाने वालों को छूट क्‍यों? 

शरजील इमाम पर भी कन्हैया ने कहा कि शरजीज के साथ मेरा वैचारिक मतभेद रहा है। लेकिन हमारा मानना है कि अगर हम कानूनों के बारे में कुछ बात करते हैं तो हमें वही बोलना चाहिए जो सही है। उन्‍होंने कहा कि देश में किसी को भी हिंसा फैलाने का अधिकार नहीं है, लेकिन जिस तरह से सरकार की मशीनरी का गलत इस्‍तेमाल हो रहा है, उस पर सवाल जरूर उठाया जाना चाहिए। श्‍रजील को लेकर उन्‍होंने कहा कि यदि कोई भड़काऊ भाषण देता है तो उसके खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज कराया जा सकता है, लेकिन अगर देशद्रोह के कानूनों का दुरुपयोग किया जाता है तो यह एकता के लिए सही नहीं है और न ही हमारे देश की सुरक्षा के लिए।

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