राज्‍यपालों की लिस्‍ट से जीतनराम मांझी का नाम गायब, फिर मिली निराशा

एनडीए में शामिल हिंदुस्‍तानी अवाम मोर्चा सुप्रीमो जीतनराम मांझी को राज्‍यपाल बनाने का आश्‍वासन मिला था। लेकिन लिस्‍ट से उनका नाम गायब रहा। इससे उन्‍हें निराशा हाथ लगी है।

By Amit AlokEdited By: Publish:Sun, 01 Oct 2017 09:22 AM (IST) Updated:Sun, 01 Oct 2017 09:46 PM (IST)
राज्‍यपालों की लिस्‍ट से जीतनराम मांझी का नाम गायब, फिर मिली निराशा
राज्‍यपालों की लिस्‍ट से जीतनराम मांझी का नाम गायब, फिर मिली निराशा

पटना [जेएनएन]। राष्‍ट्रपति ने बिहार सहित पांच राज्‍यों व एक केंद्र शासित प्रदेश में राज्‍यपालों की नियुक्ति कर दी है। बिहार की बात करें तो यहां से भाजपा नेता गंगा प्रसाद को मेघालय का राज्‍यपाल बनाया गया है। लेकिन, हिंदुस्‍तानी अवाम मोर्चा के अध्‍यक्ष जीतनराम मांझी को एक बार फिर निराशा हाथ लगी है।

बताया जाता है कि बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी काे नए राज्‍यपालों की नियुक्ति का इंतजार था। उन्‍हें राज्‍यपाल बनाए जाने का आश्‍वासन भी मिला हुआ था। लेकिन, दशहरा के दिन जब राष्‍ट्रपति ने राज्‍यपालों की नियुक्ति की तो उनका नाम लिस्‍ट में नहीं था। हां, बिहार से भाजपा के गंगा प्रसाद लिस्‍ट में जरूर शामिल थे।
जीतन राम मांझी ने इस मसले पर फिलहाल मौन साध रखा है, लेकिन करीबी बताते हैं कि उन्‍हें निराशा हुई है। बीते कुछ समय से एनडीए में अहमियम कम होते दिखने से वे परेशान बताए जा रहे हैं। कई मौकों पर उन्‍हें रामविलास पासवान से कम महत्‍व मिलता दिखा है। इसपर वे अपनी नाराजगी जाहिर भी करते रहे हैं।

महागठबंधन को तोड़ नीतीश कुमार ने जब नई सरकार बनाई तो लोजपा सुप्रीमो रामविलास पासवान के चुनाव हार चुके भाई पशुपति कुमार पारस को मंत्री बनाया गया। लेकिन, मांझी के बेटे संतोष मांझी काे मंत्री बनाने की बात अनसुनी कर दी गई। मांझी के बेटे को बोर्ड-निगम आदि के दायित्‍व भी नहीं दिए गए।

दरअसल, मांझी को एनडीए में जगह उन दिनों मिली थी, जब मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार भाजापा विरोध का झंडा थामे हुए थे। लेकिन, करवट बदलती राजनीति में नीतीश अब एनडीए में हैं। उधर, दलित राजनीति के दूसरे चेहरे रामविलास पासवान केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार में मंत्री हैं। बताया जाता है कि इन हालात में मांझी परेशान हैं।

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