मिशन 2019: जदयू ने की अतिपिछड़ों को गोलबंद करने की बड़ी पहल

आगामी लोकसभा चुनाव को देखते हुए जदयू अभी से ही अतिपिछड़ों को गोलबंद करने में जुट गया है। पहली बार संगठन विस्‍तार के लिए पार्टी रोड शो कर रही है।

By Ravi RanjanEdited By: Publish:Thu, 28 Jun 2018 03:32 PM (IST) Updated:Thu, 28 Jun 2018 07:52 PM (IST)
मिशन 2019: जदयू ने की अतिपिछड़ों को गोलबंद करने की बड़ी पहल
मिशन 2019: जदयू ने की अतिपिछड़ों को गोलबंद करने की बड़ी पहल

पटना [राज्य ब्यूरो]। तेरह वर्ष पूर्व अतिपिछड़ों को अपनी ओर आकर्षित कर सत्ता में आए जदयू ने इस समुदाय को अपने से जोड़े रखने के लिए विशेष अभियान आरंभ किया है। विपक्षी दलों, विशेषकर राजद, द्वारा करीब 120 जातियों वाले अतिपिछड़ा वोट बैंक में सेंधमारी की संभावना को देख जदयू ने यह मुहिम आरंभ की है। हर जिले में अतिपिछड़ा सम्मेलन आयोजित किया जा रहा है। संगठन सुदृढ़ करने के लिए पार्टी पहली बार सभी जिलों में रोड शो भी कर रही है।

महागठबंधन से नाता तोडऩे के बाद से ही जदयू ने संगठन को सुदृढ़ करने पर फोकस किया है। पिछली बार की तुलना में पार्टी के प्राथमिक सदस्यों की संख्या तीन गुना बढ़ाई गई है। 2015 में जहां प्राथमिक सदस्यों की संख्या करीब 14 लाख थी, वह अभी बढ़कर 40 लाख से ऊपर हो गई है।

सक्रिय कार्यकर्ताओं को 13 विषयों पर प्रशिक्षण देने का सिलसिला भी दिसंबर, 2017 में आरंभ किया गया जो फरवरी, 2018 तक चला। पार्टी सूत्रों ने बताया कि संगठन विस्तार का सिलसिला बीच में उपचुनाव के कारण थमा था, जिसे फिर से आरंभ किया गया है। अब विभिन्न समुदायों को टारगेट कर उनके बीच अभियान चलाया जाएगा। शुरुआत अतिपिछड़ा सम्मेलन से की गई है।

पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव आरसीपी सिंह खुद इस मुहिम का नेतृत्व कर रहे हैं। अबतक मधुबनी एवं वैशाली में अतिपिछड़ा सम्मेलन आयोजित किया जा चुका है। सम्मेलन से ठीक पहले आरसीपी सिंह के नेतृत्व में रोड शो का भी आयोजन हो रहा है।

इन कार्यक्रमों में आरसीपी सिंह के साथ चंदेश्वर प्रसाद चंद्रवंशी, रूदल राय और डा. नवीन आर्या जैसे वरिष्ठ नेता भी शामिल हो रहे हैं। सम्मेलन के माध्यम से सरकार द्वारा अतिपिछड़ों के हित के लिए अबतक चलाई गईं योजनाओं की जानकारी भी दी जा रही है।

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