Bihar Coronavirus News: कोरोना के इलाज में बड़ा बदलाव, लक्षण नहीं दिखने पर भीअस्‍पताल में भर्ती होंगे बुजुर्ग

Bihar Coronavirus News कोरोना के इलाज के लिए सरकार ने नीतियों में एक महत्‍वपूर्ण बदलाव किया है। अब तक बगैर लक्षण वाले कोरोना मरीजों को घर पर ही उपचार कराने को कहा जा रहा था लेकिन अब बुजुर्गों के साथ ऐसा नहीं होगा।

By Shubh NpathakEdited By: Publish:Fri, 30 Oct 2020 08:01 AM (IST) Updated:Fri, 30 Oct 2020 08:39 PM (IST)
Bihar Coronavirus News: कोरोना के इलाज में बड़ा बदलाव, लक्षण नहीं दिखने पर भीअस्‍पताल में भर्ती होंगे बुजुर्ग
कोरोना संक्रमित हर बुजुर्ग का अस्‍पताल में होगा इलाज।

पटना, जेएनएन। Bihar Coronavirus News कोरोना के एसिम्प्टोमेटिक मरीज को घर में ही रहकर सावधानी बरतते हुए इलाज कराने की चिकित्सकीय सलाह दी जा रही थी। इसमें परिवर्तन करते हुए स्वास्थ्य विभाग ने गुरुवार को नया निर्देश एनएमसीएच के अधीक्षक को दिया है। अधीक्षक डॉ. विनोद कुमार सिंह ने बताया कि 60 साल या उससे अधिक उम्र के एसिम्प्टोमेटिक को अब अस्पताल में भर्ती कर इलाज किया जाएगा। नयी गाइड लाइन के अनुसार अधिक उम्र के जिस व्यक्ति में यदि कोरोना का स्पष्ट संक्रमण न होने के बावजूद कोई दूसरी बीमारी हो तो उसे एनएमसीएच में भर्ती कर इलाज किया जाएगा।

एहतियात के तौर पर स्वास्थ्य विभाग ने यह कदम उठाया है ताकि कोरोना के विस्तार को रोका जा सका। अधीक्षक ने बताया कि दूसरी बीमारियों से ग्रसित अधिक उम्र के एसिम्प्टोमेटिक मरीज के लिए घर में रह कर इलाज कराना भी खतरनाक साबित हो सकता है। कोरोना संक्रमित मरीजों को भर्ती कर इलाज करने के लिए एनएमसीएच में पर्याप्त बेड और समुचित चिकित्सकीय सुविधा उपलब्ध है।

सोरायसिस का उपचार अब संभव, नहीं रही छुआछूत की बीमारी

सोरायसिस का अब उपचार संभव है। यह छुआछूत की बीमारी नहीं रह गई है। सोरायसिस के मरीजों को एक सीमित और स्वास्थ्यवर्धक जीवनशैली अपनानी चाहिए। इससे भी सोरायसिस को नियंत्रण करने में मदद मिलती है और दवा की आवश्यकता कम होती है। ये बातें इंदिरा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस (आइजीआइएमएस) के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. मनीष मंडल ने कहीं।

उन्होंने कहा, सोरायसिस के मरीजों को कुछ विशेष बातों का ध्यान रखना चाहिए। जैसे संतुलित आहार, नियमित व्यायाम, मद्यपान व धूम्रपान आदि। विभागाध्यक्ष डॉ. राजेश सिन्हा ने कहा, सोरायसिस में त्वचा पर लाल चकत्ते बन जाते हैं, जिसमें अदरक की तरह छिलके निकलते हैं। इसका मुख्य कारण कोशिकाओं के बदलने का समय कम हो जाना है। डॉ. क्रांति ने बताया कि जरूरत से ज्यादा कार्बोहाइड्रेट का सेवन नुकसानदेह है।

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