Healthcare News: ठंड के कारण बढ़ गई 40 फीसद ब्रेन हेमरेज की समस्या, रखें ये सावधानी

कड़ाके की ठंड में अनियमित दिनचर्या बीपी और शुगर की बीमारियों के प्रति लापरवाही के कारण ब्रेन हेमरेज की समस्‍या सामने आ रही है। एम्‍स पटना के न्‍यूरो सर्जन डॉ विकास चंद्र झा ने ब्रेन हेमरेज के लक्ष्‍ण कारण और बचाव के बारे में बताया ।

By Sumita JaiswalEdited By: Publish:Sun, 24 Jan 2021 03:57 PM (IST) Updated:Sun, 24 Jan 2021 09:40 PM (IST)
Healthcare News: ठंड के कारण बढ़ गई 40 फीसद ब्रेन हेमरेज की समस्या, रखें ये सावधानी
जानें ब्रेन हेमरेज के कारण, लक्ष्‍ण और बचाव। सांकेतिक तस्‍वीर ।

पटना, जागरण संवाददाता । ठंड के कारण वर्तमान में 30-40 फीसद लोगों में ब्रेन हेमरेज (brain Hemorrhage) की समस्या बढ़ गई है। यह सबसे अधिक अनियमित दिनचर्या व गतिविधि के साथ-साथ बीपी, शुगर की बीमारियों के प्रति लापरवाही के कारण अधिक हो रही है। खाने में अत्यधिक तेल-मसाले का सेवन भी स्ट्रोक, ब्रेन हैम्रेज की संभावना को बढ़ा रही है। ऐसे में जरूरत है सही समय पर इसके इंडीकेशन को पहचान कर उससे बचाव करने की। रविवार (24 जनवरी ) को दैनिक जागरण के लोकप्रिय कार्यक्रम 'हेलो डॉक्टर' कार्यक्रम में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMA, Patna) के न्यूरो सर्जरी विभागाध्यक्ष डॉ. विकास चंद्र झा (Neuro Surgeon Dr. Vikas Chandra Jha)  ने कहीं। उन्होंने कहा कि कड़ाके की ठंड के कारण लोगों की गतिविधियां कम हो गई हैं। अनियमित दिनचर्या होने के साथ-साथ लोग तली-भूनी चीजों को ज्यादा पसंद करने लगते है। व्यायाम-शारीरिक गतिविधि कम होने से भी नसों से जुड़ीं समस्याएं बढ़ गई हैं। कई बार अचानक ठंड से गर्मी में जाने से या गर्मी से ठंड में जाने से भी स्ट्रोक होने का खतरा सबसे अधिक हो जाता है। ऐसे में सभी पहलुओं का ध्यान रखना जरूरी होता है। प्रस्तुत है चुनींदे प्रश्न व उसके जवाब।

हेमरेज, लकवा आदि से पूर्व के लक्षण

आवाज लड़खड़ाना

हाथ उठाने के बावजूद उठाने में परेशानी

चेहरे पर टेढ़ापन

चक्कर आना

सिरदर्द रहना

- ऐसी समस्या आने के बाद तुरंत न्यूरो विशेषज्ञ से मिलनी चाहिए। जरूरत के अनुसार सिटी स्कैन करा कर बीमारी की पहचान करनी चाहिए। स्ट्रोक की स्थिति में ऐसे अस्पतालों में जाने की जरूरत है जहां न्यूरो विशेषज्ञ के साथ-साथ सिटी स्कैन की सुविधा जरूर हो।

क्या खाएं-क्या नहीं खाएं

- पालक, पनीर, हरी साग सब्जियों का सेवन करें।

- पानी पीने की मात्रा बढ़ाएं।

- तली-भूनी चीजों से परहेज करें।

- मीठे चीजों से परहेज करें।

- दूध-दही उत्पाद अधिक खाएं।

- तापमान में बदलाव पर खुद को सेफ रखें।

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