बिहार में चार लाख वाहन मालिकों की बढ़ने वाली है मुश्किल, पटना के ही एक लाख लोगों का नाम लिस्‍ट में

Bihar Transport Department Alert News बिहार के चार लाख वाहन मालिकों की मुश्किल बढ़ने वाली है। सरकार इन्‍हें गलती सुधारने का एक और मौका देने वाली है। यह मौका आखिरी होगा। अगर इसके बाद भी नहीं माने तो कार्रवाई का सिलसिला शुरू होगा।

By Shubh Narayan PathakEdited By: Publish:Tue, 30 Nov 2021 10:30 PM (IST) Updated:Wed, 01 Dec 2021 06:54 AM (IST)
बिहार में चार लाख वाहन मालिकों की बढ़ने वाली है मुश्किल, पटना के ही एक लाख लोगों का नाम लिस्‍ट में
बिहार में परिवहन विभाग शुरू करेगा बड़ी कार्रवाई। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

पटना, राज्य ब्यूरो। Bihar Transport Department News: बिहार के चार लाख वाहन मालिकों की मुश्किल बढ़ने वाली है। सरकार इन्‍हें गलती सुधारने का एक और मौका देने वाली है। यह मौका आखिरी होगा। अगर इसके बाद भी नहीं माने तो कार्रवाई का सिलसिला शुरू होगा।, दरअसल, राज्य के लगभग चार लाख वाहन मालिकों का टैक्स बकाया है। इसके सिर्फ पटना जिले के ही करीब एक लाख से अधिक वाहन मालिक हैं। सबसे कम शिवहर जिले में 190 लोगों का ही टैक्स बकाया है। बकाया राशि रोड परमिट सहित अन्य मदों में है। परिवहन विभाग अब इन बकायेदारों पर कार्रवाई की तैयारी कर रहा है। इसके लिए पहले उन्हें नोटिस भेजी जा रही है।

पटना में ही एक लाख से अधिक वाहनों का टैक्‍स बकाया

परिवहन विभाग के अधिकारियों के अनुसार, अभी तक पटना के एक लाख 10 हजार से अधिक वाहन मालिकों पर टैक्स बकाया है। इसके बाद टैक्स बकाये में दूसरा नंबर मुजफ्फरपुर का है, जहां 67 हजार से अधिक बकायेदार हैं। पूर्णिया 26 हजार से अधिक बकायेदारों के साथ तीसरे स्थान पर है। भागलपुर के भी 21 हजार से अधिक लोगों पर टैक्स बकाया है।

जानिए अन्‍य जिलों का क्‍या है हाल

अन्य जिलों में अररिया के 1220, बांका के 2381, औरंगाबाद के 5676, भभुआ के 3918, भोजपुर के 8166, छपरा के 10 हजार से अधिक, गोपालगंज के 4619, जहानाबाद के 8449, लखीसराय के 5573, मोतिहारी के 7797, नालंदा के 9910, नवादा के 5883, रोहतास के 9963, सहरसा के 3988, समस्तीपुर के 3521, सीतामढ़ी के 4044, सीवान के 5476 तो वैशाली के 8016 लोगों पर विभाग का टैक्स बकाया है।

21 दिन में जवाब नहीं तो सर्टिफिकेट केस

परिवहन विभाग वाहन मालिकों को नोटिस भेजने के बाद 21 दिनों का समय देगा। अगर निश्चित समय पर नोटिस का जवाब नहीं दिया तो सभी डिफाल्टरों पर सर्टिफिकेट केस किया जाएगा। नोटिस भेजने की जिम्मेवारी सभी जिला परिवहन पदाधिकारियों को दी गई है।

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