बिहार विधानसभा के उपाध्‍यक्ष बने जदयू के महेश्‍वर हजारी, सदन के बाहर बैठे रहे विपक्षी विधायक

बिहार विधानसभा के उपाध्‍यक्ष पद के लिए जदयू के महेश्‍वर हजारी को चुन लिया गया है। इस पद के‍ लिए राजद के भूदेव चौधरी ने भी नामांकन दाखिल किया था लेकिन मतदान के वक्‍त राजद सहित सभी विपक्षी दलों के सदस्‍य सदन के बाहर बैठे रहे और समांतर सत्र चलाया।

By Shubh Narayan PathakEdited By: Publish:Wed, 24 Mar 2021 08:28 AM (IST) Updated:Wed, 24 Mar 2021 12:53 PM (IST)
बिहार विधानसभा के उपाध्‍यक्ष बने जदयू के महेश्‍वर हजारी, सदन के बाहर बैठे रहे विपक्षी विधायक
विधानसभा उपाध्‍यक्ष के लिए नामांकन दाखिल करते जदयू के विधायक महेश्‍वर हजारी। जागरण

पटना, राज्य ब्यूरो। Bihar Vidhansabha News: बिहार विधानसभा (Bihar Legislative Assembly) में उपाध्‍यक्ष (Deputy Speaker) का चुनाव आज मतदान के जरिये संपन्‍न हो गया। मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जदयू (JDU) के विधायक महेश्‍वर हजारी को इस पद के लिए चुना गया है। उनके अलावा राजद (RJD) की ओर से भूदेव चौधरी भी मैदान में थे। पूर्व मंत्री व जदयू विधायक महेश्वर हजारी ने मंगलवार को विधानसभा उपाध्यक्ष के एनडीए प्रत्याशी के रूप में नामांकन किया था। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उप मुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद और रेणु देवी व संसदीय कार्यमंत्री विजय चौधरी सहित एनडीए के सभी नेताओं ने नए उपाध्‍यक्ष के बधाई दी है। उपाध्‍यक्ष पद के लिए चुनाव प्रक्रिया के दौरान राजद सहित सभी विपक्षी दलों के विधायक सदन के बाहर ही बैठे रहे। बिहार विधानसभा में बजट सत्र के आखिरी दिन राजद और अन्‍य विपक्षी पार्टियों के निर्वाचित प्रतिनिधि सदन की कार्यवाही में शामिल नहीं हुए।

243 सदस्‍यों की विधानसभा में मिले 124 मत

विपक्ष की अनुपस्थिति में बुधवार विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा ने मत विभाजन के जरिए चुनाव कराया। 243 सदस्यीय विधानसभा में महेश्वर हजारी के पक्ष 124 मत मिले और विपक्ष के प्रत्याशी भूदेव चौधरी के पक्ष में एक भी सदस्य का मत नहीं मिला। संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कहा कि विपक्ष की गैरमौजूदगी के बावजूद महेश्वर हजारी को जीत के लिए जरूरी मतों से ज्यादा मत मिले हैं।

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छह वर्ष बाद विधानसभा उपाध्‍यक्ष पद के लिए मतदान

छह वर्ष बाद विधानसभा उपाध्यक्ष पद के लिए वोटिंग हुई। संख्या के लिहाज से यह पद एनडीए के खाते में जाना पहले से ही तय था। विधानसभा सचिव के कक्ष में हुए नामांकन के मौके पर यह चर्चा रही थी कि मतदान में शामिल होने के लिए दोनों गठबंधन अपने-अपने विधायकों के लिए व्हिप जारी कर सकते हैं। इस पद पर छह साल के बाद किसी व्यक्ति का निर्वाचन हुआ है। 2012 से 2015 तक विधानसभा में भाजपा के अमरेंद्र प्रताप सिंह ने उपाध्यक्ष पद का दायित्व निभाया था।

लंबा है महेश्‍वर हजारी का राजनीतिक कॅरियर

महेश्वर हजारी 2005 में पहली बार विधायक बने थे। नीतीश कुमार की सरकार में वह नगर विकास एवं आवास, भवन निर्माण और उद्योग विभाग के मंत्री रह चुके हैं। वहीं राजद प्रत्याशी भूदेव चौधरी ने 2000 में पहली बार धौरैया विधानसभा क्षेत्र से चुनाव जीता था। वह जमुई के सांसद भी रह चुके हैं।

राजद और महागठबंधन के विधायकों ने चलाया समांतर सत्र

उपाध्‍यक्ष के चुनाव के दौरान राजद और महागठबंधन के विधायकों ने सदन के बाहर विधानसभा परिसर में ही समांतर सत्र चलाया। विपक्ष की ओर से भूदेव चौधरी को समांतर विधानसभा के लिए अध्‍यक्ष चुना गया था। उप मुख्‍यमंत्री तार किशोर प्रसाद ने विधानसभा में कहा कि इस मौके पर विपक्ष के विधायक भी सदन में शामिल रहते तो और बेहतर होता।

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